सोनीपत: गोहाना के एसडीएम कार्यालय में भ्रष्टाचार में लिप्त एक क्लर्क को सोनीपत विजिलेंस ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी विनोद ने गन लाइसेंस रिन्यूअल कराने के लिए शिकायतकर्ता अनिल से 15 सौ रुपये की रिश्वत मांग रहा था. जिसपर अनिल ने पांच सौ रुपये क्लर्क विनोद को पहले ही दे दिए थे. एक हजार आज दिए, लेकिन अनिल ने इसकी शिकायत सोनीपत विजिलेंस को कर दी. अनिल के साथ विजिलेंस की टीम ने आरोपी क्लर्क विनोद को फव्वारा चौक पर पेट्रोल पंप के पास रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया.
शिकायतकर्ता अनिल ने बताया कि गन का लाइसेंस रिन्यूअल कराने के लिए मैं एसडीम ऑफिस में आया था. गन लाइसेंस रिन्यू करने के लिए कार्यकरत ड्यूटी क्लर्क विनोद ने मेरे से चार हजार रिश्वत की मांग की. जबकी सरकारी फीस पांच हजार उसने पहले ही भर दी थी.
विनोद ने उससे कहा कि लॉक डाउन के कारण तुम्हारी फाइल लेट हो रही है. गन लाइसेंस रिन्यूअल कराने के लिए पैसे लगेंगे. जिसके बाद 15 सौ रुपये में उनकी बात फाइनल हुई. अनिल ने बताया कि उसने पांच सौ रुपये पहले दिए और एक हजार रुपये आज दिए लेकिन, उसने इसकी शिकायत सोनीपत विजिलेंस से कर दी. जिसके बाद मौके पर रिश्वत लेते हुए उसने क्लर्क बिजनेस टीम से पकड़वा दिया.
सोनीपत विजिलेंस के जांच अधिकारी सुमित धनखड़ ने बताया कि अनिल नाम के एक युवक ने शिकायत की थी कि गोहाना में गन लाइसेंस क्लर्क रिश्वत मांग रहा है. सोमवार को मौके पर आकर गोहाना एसडीम कार्यालय में कार्यरत गन लाइसेंस क्लर्क को एक हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है.
ये भी पढ़ें: तावडू पुलिस ने की भारी मात्रा में अवैध शराब की बरामदगी, आरोपी फरार