वाशिंगटन (यूएस) : कोरोना वायरस और चीन को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बार फिर चीन को फटकार लगाई है. इसबार चीन को यह फटकार वैज्ञानिक अनुसंधान को रोकने के लिए लगी हुई है. द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्य के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ ने चीनी अधिकारी से तीन साल पहले डेटा का खुलासा नहीं करने पर सवाल किया है. डब्ल्यूएचओ ने चीनी अधिकारियों से पूछा कि जनवरी में ऑनलाइन प्रकाशित होने के बाद अब यह क्यों नहीं मिल सका.
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डब्ल्यूएचओ ने बताया कि इससे पहले कि डेटा इंटरनेट स्पेस में गायब हो जाता डेटा विश्लेषकों की एक टीम ने उसे डाउनलोड कर लिया. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, उस डाटा के विश्लेषण से पता चलता है कि महामारी रैकून कुत्तों के अवैध कारोबार के कारण फैल सकता है. जिसने चीन के वुहान हुआनान सीफूड होलसेल मार्केट में मनुष्यों को संक्रमित किया. द न्यू यॉर्क टाइम्स के अनुसार, टीम अपने अंतिम परीक्षण तक नहीं पहुंच सकी क्योंकि चीन ने डेटा बेस से जीन अनुक्रम हटा दिए थे.
डब्लूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा कि ये डेटा तीन साल पहले साझा किया जा सकता था. संगठन ने चीन से कहा है कि लापता साक्ष्य को अब अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ तुरंत साझा करने की आवश्यकता है. संगठन ने बताया कि हमारी डेटा समीक्षा करने वाली टीम को इस बात के सबूत मिले हैं कि कोरोनो वायरस फैलने के लिए रैकून कुत्तों (जो लोमड़ी जैसे जानवर होते हैं) ही जिम्मेदार थे.
डब्ल्यूएचओ की टीम का कहना है कि रैकून कुत्तों के डीएनए वुहान के बाजार में उसी स्थान पर मिले हैं जहां से कोरोना वायरस के फैलने के साक्ष्य पसंद है. कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, इस खोज से पता चला है कि हो सकता है कि कोरोना वायरस जानवरों से मनुष्यों तक पहुंचा हो.