इस्लामाबाद : कराची एयरपोर्ट पर तैनात एक महिला सुरक्षा अधिकारी को ईशनिंदा का आरोपी बनाने की धमकी दी गई है. यह खबर जैसे ही सामने आई, कई लोगों ने वहां पर विरोध शुरू कर दिया. उन्होंने इसे झूठा मामला बताया. पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि अगर महिला सुरक्षा अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन कर रही है, तो उसके खिलाफ ईशनिंदा का आरोप लगाना निंदनीय है.
जरदारी ने कहा कि ईशनिंदा का आरोप लगाना पाकिस्तान में बहुत गंभीर माना जाता है. इसलिए अगर यह आरोप झूठा निकला, तो जिसने इसकी शिकायत की है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ लोग धर्म की आड़ में पाकिस्तान को बदनाम कर रहे हैं, इसलिए सरकार को इस तरह के आरोपों को गंभीरता से लेने की जरूरत है, ताकि आगे से कोई भी ऐसा न कर सके.
दरअसल, महिला सुरक्षा अधिकारी ईसाई है. उसने बिना सिक्युरिटी चेक के एक व्यक्ति की गाड़ी को पास देने से इनकार कर दिया. इसके बाद उस व्यक्ति ने महिला को धमकी दी. धमकी देने का वीडियो सामने आ गया. उसमें उस व्यक्ति को यह कहते सुना जा सकता है कि वह उसे (महिला सुरक्षा अधिकारी को) ईशनिंदा का आरोपी बनाएगा. उस व्यक्ति ने कहा कि अगर उसकी गाड़ी को आगे जाने की इजाजत नहीं दी गई, तो वह मुल्ला को बुला लेगा और ईशनिंदा का आरोप लगाएगा.
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार वहां की कानून प्रवर्तन एजेंसियां ईशनिंदा के आरोपियों पर शिकंजा कस रही हैं. उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार 62 से भी ज्यादा लोग ईशनिंदा को लेकर हिरासत में हैं. नौ मामलों में पाकिस्तान की अदालत ने ईशनिंदा के दोषियों को मौत की सजा सुनाई है. इतना ही नहीं, मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस मामले में जमानत मिलना भी बहुत मुश्किल होता है.
आमतौर पर आरोप लगाने वाला आरोपी की मंशा को साबित करने के लिए बाध्य होता है, लेकिन पाक ईशनिंदा कानून में इस प्रावधान को शामिल नहीं किया गया है. राइट्स ग्रुप वॉयस फॉर जस्टिस के चेयरपर्सन जोसेफ जॉनसन ने कहा कि मौजूदा ईशनिंदा कानून के तहत निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है.
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