फरीदाबाद: भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर सुर्खियों में रहने वाला फरीदाबाद नगर निगम एक बार फिर से चर्चाओं में आ गया है और इस बार भी भ्रष्टाचार के चलते ही नगर निगम का नाम चर्चाओं में है. एक सीएससी सेंटर के एग्रीमेंट को रिन्यूअल कराने की आड़ में डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत मांगने के एक आरोपी क्लर्क को नगर निगम कमिश्नर के द्वारा बर्खास्त कर दिया गया है.
दरअसल बल्लभगढ़ की रहने वाली रितु सिंघल ने वर्ष 2018 में नगर निगम के साथ एग्रीमेंट करके बल्लभगढ़ नगर निगम की बिल्डिंग में आधार कार्ड सेंटर स्थापित किया. 2021 में एक बार फिर से उस एग्रीमेंट को रिमूवल कराने की आवश्यकता पड़ी. तो रितु सिंगल ने नगर निगम में इसके लिए संपर्क साधा, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी एग्रीमेंट रिन्यूवल नहीं हो पाया.
रितु सिंघल का आरोप है कि निगम की टैक्सेशन ब्रांच में काम करने वाले दशरथ नामक क्लर्क ने उससे एग्रीमेंट को रिन्यूअल कराने के एवज में डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत की मांग की. रितु सिंघल ने क्लर्क दशरथ को डेढ़ लाख रुपये भी दे दिए, लेकिन फिर भी उसका काम नहीं हो पाया. रितु सिंघल ने इसकी शिकायत नगर निगम कमिश्नर यशपाल यादव कार्यालय में की. जिसके बाद कमिश्नर की तरफ से इस पर जांच शुरू की गई और जांच में दशरथ को आरोपी पाया गया. जांच में आरोपी साबित होते ही नगर निगम कमिश्नर यशपाल यादव ने दशरथ को सस्पेंड कर दिया.
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दशरथ कुमार वर्ष 2003 में बतौर फोर्थ क्लास नगर निगम में भर्ती हुआ था और वर्ष 2018 में उसे पदोन्नति देकर क्लर्क बना दिया गया. नगर निगम में भ्रष्टाचार और रिश्वत का ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई अधिकारियों पर रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं और कई अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है, लेकिन उसके बावजूद भी कर्मचारी और अधिकारियों के द्वारा रिश्वत लेने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में भ्रष्टाचार मुक्त शासन की बात करने वाली सरकार और प्रशासन दोनों पर ही सवालिया निशान खड़े हो जाते हैं.
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