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फिल्म एंड टीवी डिपार्टमेंट के छात्रों और स्टेट यूनिवर्सिटी के बीच ठनी, 2 महीने से हड़ताल पर बैठे हैं विद्यार्थी

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Published : Sep 4, 2022, 11:13 AM IST

स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स के फिल्म एवं टीवी डिपार्टमेंट के विद्यार्थियों और यूनिवर्सिटी प्रशासन के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अपनी मांगों को लेकर छात्र पिछले दो महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे हैं. वहीं, यूनिवर्सिटी के वीसी गजेंद्र चैहान का कहना है कि छात्रों की अधिकांश मांगें मान ली गई हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में संशोधन का मुद्दा बोर्ड ऑफ स्टडीज के पास भेज दिया गया है.

Students on strike in State University rohtak
फिल्म एंड टीवी डिपार्टमेंट के छात्रों और स्टेट यूनिवर्सिटी प्रबंधन में विवाद.

रोहतक: पंडित लखमीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स के फिल्म एवं टीवी डिपार्टमेंट के विद्यार्थियों और यूनिवर्सिटी प्रशासन के बीच ठन गई है. विद्यार्थी पिछले 2 माह से भी ज्यादा समय से हड़ताल (Students on strike in State University rohtak) पर हैं. विद्यार्थियों की पाठ्यक्रम में संशोधन समेत कई मांगों पर अब तक सहमति नहीं बन पाई है. वहीं, यूनिवर्सिटी के वीसी गजेंद्र चैहान ने पाठ्यक्रम में संशोधन का मुद्दा बोर्ड ऑफ स्टडीज के पास भेज दिया है.

स्टेट यूनिवर्सिटी (Pandit Lakhmichand State University) में विवाद की शुरुआत इस साल 29 जून से हुई थी. फिल्म एंड टीवी डिपार्टमेंट के विद्यार्थी (Film and TV Department in Rohtak) अपनी मांगों को लेकर यूनिवर्सिटी परिसर में ही धरने पर बैठ गए. विद्यार्थियों की प्रमुख मांग है कि पाठ्यक्रम में संशोधन किया जाए और शिक्षकों की भर्ती की जाए. इन मांगों को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन को कई बार अवगत कराया जा चुका है. यूनिवर्सिटी प्रशासन और विद्यार्थियों के बीच कई बार वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन यह वार्ता सिरे नहीं चढ़ी. मामला उस समय बिगड़ गया जब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 94 विद्यार्थियों के नाम काट दिए.

फिल्म एंड टीवी डिपार्टमेंट के छात्रों और स्टेट यूनिवर्सिटी प्रबंधन में विवाद.

यही नहीं 2 विद्यार्थी केरल में हुए फिल्म फेस्टिवल में भी अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं. विद्यार्थियों का कहना है कि यूनिवर्सिटी में गुणात्मक शिक्षा प्रदान नहीं की जा रही है. यूनिवर्सिटी प्रशासन का रवैया तानाशाहीपूर्ण है और प्रशासन समाधान निकलने के पक्ष में नहीं हैं. विद्यार्थियों का कहना है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

उधर, यूनिवर्सिटी के वीसी गजेंद्र चैहान (Pandit Lakhmichand State University VC gajendra chauhan) का कहना है कि पाठ्यक्रम में संशोधन का मुद्दा बोर्ड ऑफ स्टडीज के पास भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हमेशा ही विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखा है और वे लगातार आंदोलन करने वाले विद्यार्थियों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन कुछ पूर्व विद्यार्थियों सहित शरारती और उपद्रवी तत्व इस आंदोलन को हवा दे रहे हैं. गजेंद्र चैहान ने बताया कि विद्यार्थियों की मांगों से जुड़ा मुद्दा उनके पास जून माह के अंत में आया था और 12 जुलाई को विद्यार्थियों से मुलाकात की थी. शुरुआत में उनकी 4 मांग थी, जिनका समाधान कर दिया गया है.

रोहतक: पंडित लखमीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स के फिल्म एवं टीवी डिपार्टमेंट के विद्यार्थियों और यूनिवर्सिटी प्रशासन के बीच ठन गई है. विद्यार्थी पिछले 2 माह से भी ज्यादा समय से हड़ताल (Students on strike in State University rohtak) पर हैं. विद्यार्थियों की पाठ्यक्रम में संशोधन समेत कई मांगों पर अब तक सहमति नहीं बन पाई है. वहीं, यूनिवर्सिटी के वीसी गजेंद्र चैहान ने पाठ्यक्रम में संशोधन का मुद्दा बोर्ड ऑफ स्टडीज के पास भेज दिया है.

स्टेट यूनिवर्सिटी (Pandit Lakhmichand State University) में विवाद की शुरुआत इस साल 29 जून से हुई थी. फिल्म एंड टीवी डिपार्टमेंट के विद्यार्थी (Film and TV Department in Rohtak) अपनी मांगों को लेकर यूनिवर्सिटी परिसर में ही धरने पर बैठ गए. विद्यार्थियों की प्रमुख मांग है कि पाठ्यक्रम में संशोधन किया जाए और शिक्षकों की भर्ती की जाए. इन मांगों को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन को कई बार अवगत कराया जा चुका है. यूनिवर्सिटी प्रशासन और विद्यार्थियों के बीच कई बार वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन यह वार्ता सिरे नहीं चढ़ी. मामला उस समय बिगड़ गया जब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 94 विद्यार्थियों के नाम काट दिए.

फिल्म एंड टीवी डिपार्टमेंट के छात्रों और स्टेट यूनिवर्सिटी प्रबंधन में विवाद.

यही नहीं 2 विद्यार्थी केरल में हुए फिल्म फेस्टिवल में भी अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं. विद्यार्थियों का कहना है कि यूनिवर्सिटी में गुणात्मक शिक्षा प्रदान नहीं की जा रही है. यूनिवर्सिटी प्रशासन का रवैया तानाशाहीपूर्ण है और प्रशासन समाधान निकलने के पक्ष में नहीं हैं. विद्यार्थियों का कहना है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

उधर, यूनिवर्सिटी के वीसी गजेंद्र चैहान (Pandit Lakhmichand State University VC gajendra chauhan) का कहना है कि पाठ्यक्रम में संशोधन का मुद्दा बोर्ड ऑफ स्टडीज के पास भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हमेशा ही विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखा है और वे लगातार आंदोलन करने वाले विद्यार्थियों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन कुछ पूर्व विद्यार्थियों सहित शरारती और उपद्रवी तत्व इस आंदोलन को हवा दे रहे हैं. गजेंद्र चैहान ने बताया कि विद्यार्थियों की मांगों से जुड़ा मुद्दा उनके पास जून माह के अंत में आया था और 12 जुलाई को विद्यार्थियों से मुलाकात की थी. शुरुआत में उनकी 4 मांग थी, जिनका समाधान कर दिया गया है.

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