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सालों तक लड़का बनकर खेलती रहीं शेफाली वर्मा, अब क्रिकेट में बनाई अलग पहचान

हरियाणा के रोहतक की शेफाली वर्मा क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए चर्चा का विषय बनी हुई हैं. एक ऐसा भी समय था जब शेफाली को लड़का बनकर खेलना पड़ा था.

सालों तक लड़का बनकर खेलती रही महिला क्रिकेटर शेफाली वर्मा
सालों तक लड़का बनकर खेलती रही महिला क्रिकेटर शेफाली वर्मा
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Published : Oct 4, 2019, 4:22 PM IST

Updated : Feb 13, 2020, 6:06 PM IST

रोहतक: “क्रिकेट सिर्फ लड़कों का खेल है” अब इस सोच से हमारा देश कहीं परे निकल चुका है. एक समय था जब क्रिकेट से लड़कियों का दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था. लेकिन अब परिस्थितियां बिल्कुल बदल चुकी हैं. आज महिला क्रिकेट टीम भी उतनी ही अहमियत रखती है जितनी की मेंस क्रिकेट टीम. इसका जीता-जागता उदाहरण है रोहतक की शेफाली वर्मा.

महिला क्रिकेटर शेफाली बनीं चर्चा का विषय
अफ्रीका महिला क्रिकेट टीम के खिलाफ खेलने वाली भारतीय महिला टीम की खिलाड़ी शेफाली वर्मा ने दूसरे मैच में 46 रनों की शानदार पारी खेलकर सबको प्रभावित कर दिया और जीत हासिल की.

सालों तक लड़का बनकर खेलती रहीं शेफाली वर्मा, अब क्रिकेट में बनाई अलग पहचान

सालों तक लड़का बनकर खेलती रही शेफाली
आपको बता दें कि शेफाली के जिंदगी में में एक ऐसा दौर भी था जब उन्हें लड़का बनकर क्रिकेट खेलना पड़ा था. जानकारी के अनुसार उस समय उनके होम टाउन में लड़कियों के खेलने के लिए कोई एकेडमी नहीं बनाई गई थी. जिसके बाद शेफाली के पिता ने उसके बाल कटवाकर लड़कों की एकेडमी में दाखिला दिलवाया औ कई सालों तक लड़का बनकर खेलती रहीं.

शेफाली के पिता को था क्रिकेट का शौक
शेफाली की मां परवीन का कहना है कि शेफाली के पिता को शुरू से क्रिकेट खेलने का शौक था. आस पड़ोस के लोग ये कहते थे कि लड़की को बाहर खेलने भेजना ठीक नहीं है और फिर क्या शेफाली के पापा ने उसके बाल कटवा दिए और फिर लड़कों की एकेडमी में डलवा दिया.

भारतीय महिला क्रिकेट टीम में शामिल होने वाली पहली महिला
ऐसा कहा जाता है कि मेहनत करने वालों की हार नहीं और हुआ भी ऐसा. शेफाली को उनकी मेहनत का ऐसा फल मिला कि वो 15 साल की उम्र में भारतीय महिला क्रिकेट टीम में शामिल होने वाली पहली महिला खिलाड़ी बन गई और उन्होंने भारत को जीत दिलाने के लिए अहम योगदान भी निभाया.

ये भी पढ़ें: हरियाणा का वो मुख्यमंत्री जिसने प्रधानमंत्री को झुका दिया, लेकिन उसके अपने ही ले डूबे!

साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं शेफाली वर्मा
आपको बता दे शेफाली एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं रोहतक में उनके के पिता संजीव वर्मा की एक ज्‍वैलरी की दुकान है जिससे वो अपना और अपने परिवार का गुजारा करते हैं.

रोहतक: “क्रिकेट सिर्फ लड़कों का खेल है” अब इस सोच से हमारा देश कहीं परे निकल चुका है. एक समय था जब क्रिकेट से लड़कियों का दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था. लेकिन अब परिस्थितियां बिल्कुल बदल चुकी हैं. आज महिला क्रिकेट टीम भी उतनी ही अहमियत रखती है जितनी की मेंस क्रिकेट टीम. इसका जीता-जागता उदाहरण है रोहतक की शेफाली वर्मा.

महिला क्रिकेटर शेफाली बनीं चर्चा का विषय
अफ्रीका महिला क्रिकेट टीम के खिलाफ खेलने वाली भारतीय महिला टीम की खिलाड़ी शेफाली वर्मा ने दूसरे मैच में 46 रनों की शानदार पारी खेलकर सबको प्रभावित कर दिया और जीत हासिल की.

सालों तक लड़का बनकर खेलती रहीं शेफाली वर्मा, अब क्रिकेट में बनाई अलग पहचान

सालों तक लड़का बनकर खेलती रही शेफाली
आपको बता दें कि शेफाली के जिंदगी में में एक ऐसा दौर भी था जब उन्हें लड़का बनकर क्रिकेट खेलना पड़ा था. जानकारी के अनुसार उस समय उनके होम टाउन में लड़कियों के खेलने के लिए कोई एकेडमी नहीं बनाई गई थी. जिसके बाद शेफाली के पिता ने उसके बाल कटवाकर लड़कों की एकेडमी में दाखिला दिलवाया औ कई सालों तक लड़का बनकर खेलती रहीं.

शेफाली के पिता को था क्रिकेट का शौक
शेफाली की मां परवीन का कहना है कि शेफाली के पिता को शुरू से क्रिकेट खेलने का शौक था. आस पड़ोस के लोग ये कहते थे कि लड़की को बाहर खेलने भेजना ठीक नहीं है और फिर क्या शेफाली के पापा ने उसके बाल कटवा दिए और फिर लड़कों की एकेडमी में डलवा दिया.

भारतीय महिला क्रिकेट टीम में शामिल होने वाली पहली महिला
ऐसा कहा जाता है कि मेहनत करने वालों की हार नहीं और हुआ भी ऐसा. शेफाली को उनकी मेहनत का ऐसा फल मिला कि वो 15 साल की उम्र में भारतीय महिला क्रिकेट टीम में शामिल होने वाली पहली महिला खिलाड़ी बन गई और उन्होंने भारत को जीत दिलाने के लिए अहम योगदान भी निभाया.

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साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं शेफाली वर्मा
आपको बता दे शेफाली एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं रोहतक में उनके के पिता संजीव वर्मा की एक ज्‍वैलरी की दुकान है जिससे वो अपना और अपने परिवार का गुजारा करते हैं.

Last Updated : Feb 13, 2020, 6:06 PM IST
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