रोहतकः आईआईएम रोहतक के प्रोफेसर्स की मानें तो देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बहुत तेजी से बढ़ेगा और मई के पहले सप्ताह में ये आंकड़ा एक लाख पचास हजार के करीब पहुंच जाएगा. जिसकी वजह जमाती बताए जा रहे हैं. जिस तरह से जमातियों के कारण ये आंकड़ा आज आठ हजार के ऊपर है. वहीं ये 15 अप्रैल तेरह हजार और मई एक पहले सप्ताह डेढ़ लाख हो जाएगा.
देश और दुनिया को अपनी चपेट में ले चुका कोरोना वायरस लगातार अपने पैर पसार रहा है. भारत के साथ-साथ करीब 205 देश कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं. भारत मे अब तक 8 हजार से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं. वहीं मरने वालों का आंकड़ा भी 30 के पार पहुंच चुका है. कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को लेकर आईआईएम रोहतक के प्रोफेसरों ने एक गणितीय आधार पर रिसर्च की है. जिसमे सनसनीखेज खुलासे किए है.
IIM रोहतक के प्रोफेसर की रिसर्च
आईआईएम रोहतक के तीन प्रोफेसर ने कोरोना के बढ़ते आंकड़ो को लेकर एक रिसर्च की. इस रिसर्च को लेकर प्रोफेसर ने बताया कि भारत में तेजी से कोरोना का बढ़ने का कारण तबलीगी जमात से जुड़े लोग है. अभी तक सभी जमातियों की पहचान भी नहीं हुई है. जिसके चलते अभी ये आंकड़ा आठ हजार के ऊपर है, लेकिन 15 अप्रैल को ये आंकड़ा करीब 13 हो जाएगा.
कौन है जिम्मेदार ?
आईआईएम प्रोफेसर का कहना है कि मई महीने के पहले हफ्ते में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा भारत में 1लाख 50 हजार तक पहुंच जाएगा. हालांकि, कोई अनुभवजन्य शोध नहीं है जो ये पुष्टि कर सके कि हाल ही में और भविष्य के मामलों में वृद्धि को तब्लीगी जैसी घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, लेकिन मौजूदा हालातों को देखते हुए अगर तबलीगी जमात के सदस्या खुद से सामने आकर जांच नहीं करवाते तो हालात बेकाबू हो सकते हैं.
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कैसे बचा जा सकता है?
प्रोफेसर अमोल सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस आज सबसे बड़ी चुनौती है जिसका दुनिया सामना कर रही है. हालांकि इस वायरस से निपटने के लिए सरकार भी पूरी कोशिश में जुटी हुई है. स्वास्थ्य विभाग इसका समाधान तलाश रहा है. भारत में इसके चलते 21 दिनों का लॉकडाउन भी लगा है, लेकिन अगर सरकार को इसे रोकना है तो लॉकडाउन की समय को और बढ़ाने के साथ-साथ कर्फ्यू भी लगाना होगा. उनका कहना है कि इसके साथ-साथ कोरोना हॉटस्पॉट को सील भी कर देना चाहिए.