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रोहतक: हरियाणा के बजट से कर्मचारी नाखुश, बजट को बताया कर्मचारी विरोधी

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Published : Feb 28, 2020, 5:50 PM IST

कर्मचारी नेता का आरोप है कि मुख्यमंत्री द्वारा प्री बजट पर हुई चर्चा में केवल विधायकों और मंत्रियों के हितों को बजट में लिया गया है और कर्मचारियों को नजरअंदाज किया गया है. ये बजट कर्मचारी विरोधी है.

reaction of employees on Haryana budget 2020
हरियाणा में पेश हुए बजट से कर्मचारी ना खुश

रोहतक: मनोहर लाल सरकार-2 द्वारा पेश किए गए 1,43,000 हजार करोड़ रुपये के बजट से कर्मचारी बेहद नाराज हैं. कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा पेश किए गए आम बजट में कर्मचारियों के हितों को नजरअंदाज किया गया है और प्रदेश के चार लाख कर्मचारी इस बजट से नाखुश हैं.

बजट पर कर्मचारी नेता क्या बोले?

कर्मचारी नेता का ये भी आरोप है कि मुख्यमंत्री द्वारा प्री बजट पर हुई चर्चा में केवल विधायकों और मंत्रियों के हितों को बजट में लिया गया है और कर्मचारियों को नजरअंदाज किया गया है. ये बजट कर्मचारी विरोधी है.

हरियाणा में पेश हुए बजट से कर्मचारी नाखुश.

प्रदेश के मनोहर लाल सरकार 2 ने अपना पहला बजट पेश किया है. ये पहला मौका है जब किसी मुख्यमंत्री ने बजट पेश किया है लेकिन प्रदेश में पेश हुए बजट से कर्मचारी नाखुश हैं.

'भाषण में कर्मचारियों का कोई जिक्र नहीं'

कर्मचारियों का आरोप है कि 2 घंटे के बजट भाषण में कर्मचारियों का कोई जिक्र नहीं किया गया. इसलिए सरकार कर्मचारी विरोधी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में चार लाख कर्मचारी हैं और बहुत सारे पद अनेक विभागों में खाली पड़े हैं उनको भरने के लिए भी कोई जिक्र नहीं किया गया है. इसलिए प्रदेश द्वारा पेश किए गए बजट से कर्मचारी पूरी तरह से नाखुश हैं. कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय महासचिव वीरेंदर धनखड़ ने कहा कि सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष ने भी कर्मचारियों की मांगो की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया.

गौरतलब है कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार बजट में 10000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है. इस बार करीब 1,43,000 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वालंबन और सुरक्षा को लेकर ध्यान दिया गया.

ये भी पढ़ें- एक क्लिक में पढ़ें हरियाणा बजट 2020 की हर बड़ी घोषणाएं

रोहतक: मनोहर लाल सरकार-2 द्वारा पेश किए गए 1,43,000 हजार करोड़ रुपये के बजट से कर्मचारी बेहद नाराज हैं. कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा पेश किए गए आम बजट में कर्मचारियों के हितों को नजरअंदाज किया गया है और प्रदेश के चार लाख कर्मचारी इस बजट से नाखुश हैं.

बजट पर कर्मचारी नेता क्या बोले?

कर्मचारी नेता का ये भी आरोप है कि मुख्यमंत्री द्वारा प्री बजट पर हुई चर्चा में केवल विधायकों और मंत्रियों के हितों को बजट में लिया गया है और कर्मचारियों को नजरअंदाज किया गया है. ये बजट कर्मचारी विरोधी है.

हरियाणा में पेश हुए बजट से कर्मचारी नाखुश.

प्रदेश के मनोहर लाल सरकार 2 ने अपना पहला बजट पेश किया है. ये पहला मौका है जब किसी मुख्यमंत्री ने बजट पेश किया है लेकिन प्रदेश में पेश हुए बजट से कर्मचारी नाखुश हैं.

'भाषण में कर्मचारियों का कोई जिक्र नहीं'

कर्मचारियों का आरोप है कि 2 घंटे के बजट भाषण में कर्मचारियों का कोई जिक्र नहीं किया गया. इसलिए सरकार कर्मचारी विरोधी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में चार लाख कर्मचारी हैं और बहुत सारे पद अनेक विभागों में खाली पड़े हैं उनको भरने के लिए भी कोई जिक्र नहीं किया गया है. इसलिए प्रदेश द्वारा पेश किए गए बजट से कर्मचारी पूरी तरह से नाखुश हैं. कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय महासचिव वीरेंदर धनखड़ ने कहा कि सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष ने भी कर्मचारियों की मांगो की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया.

गौरतलब है कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार बजट में 10000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है. इस बार करीब 1,43,000 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वालंबन और सुरक्षा को लेकर ध्यान दिया गया.

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