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बिहार चुनाव में मतदान नहीं कर पाने को लेकर प्रवासी मजदूरों का छलका दर्द - रोहतक प्रवासी मजदूर

रोहतक में काम कर रहे प्रवासी मजदूरों को बिहार विधानसभा चुनाव में मतदान ना करने का मलाल है. साथ ही ये प्रवासी मजदूर चाहते हैं कि अब फौजियों की तरह इन्हें भी मतदान करने की सुविधा मिलनी चाहिए.

bihar migrant laborers upset no vote
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Published : Oct 28, 2020, 9:12 AM IST

Updated : Oct 28, 2020, 9:18 AM IST

रोहतक: बिहार चुनाव में वोट ना करने का दर्द प्रवासी मजदूरों के चेहरों पर साफ झलक रहा है. पेट की आग बुझाने के लिए अपने घरों से हजारों किलोमीटर दूर पंजाब और हरियाणा में आए ये मजदूर भी मतदान करके मनपसंद सरकार चुनना चाहते हैं, लेकिन मजबूरी के चलते बिहार में वोट डालने नहीं जा सकते.

इन प्रवासी मजदूरों की मांग है कि उन्हें भी वोट करने की इजाजत दी जानी चाहिए, जैसे फौजियों की दूसरी जगह होने पर भी वोट डलवाई जाती हैं, उसी तरह सरकार हमारे लिए भी इंतजाम करके हमारे वोट यहां डलवाएं ताकि हम भी मनपसंद सरकार चुन सके. गौरतलब है कि बिहार में पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर से शुरू हो गया है.

बिहार चुनाव में मतदान नहीं कर पाने को लेकर प्रवासी मजदूरों का छलका दर्द

इन प्रवासी मजदूरों का कहना है कि वे भी बिहार चुनाव में वोट करना चाहते हैं, लेकिन परिवार का पेट पालने के लिए वे हरियाणा और पंजाब में दिहाड़ी करने के लिए आए हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा में लाखों प्रवासी मजदूर बिहार से धान की कटाई के लिए आए हुए हैं, लेकिन इस बार वोट ना करने का मलाल उन्हें सारी उम्र रहेगा.

ये भी पढ़ें- कैथल में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उड़ाई सोशल डिस्टेंसिंग की छज्जियां

बता दें कि, इससे पहले कई प्रवासी मजदूरों बिहार के नेताओं को ये भी ऑफर दे चुके हैं कि जो भी नेता किराया देकर उनको बिहार बुलाएगा ये उसी को वोट करेंगे, लेकिन बिहार के नेताओं के इन मजदूरों के इस ऑफर में कोई रूचि नहीं दिखाई.

रोहतक: बिहार चुनाव में वोट ना करने का दर्द प्रवासी मजदूरों के चेहरों पर साफ झलक रहा है. पेट की आग बुझाने के लिए अपने घरों से हजारों किलोमीटर दूर पंजाब और हरियाणा में आए ये मजदूर भी मतदान करके मनपसंद सरकार चुनना चाहते हैं, लेकिन मजबूरी के चलते बिहार में वोट डालने नहीं जा सकते.

इन प्रवासी मजदूरों की मांग है कि उन्हें भी वोट करने की इजाजत दी जानी चाहिए, जैसे फौजियों की दूसरी जगह होने पर भी वोट डलवाई जाती हैं, उसी तरह सरकार हमारे लिए भी इंतजाम करके हमारे वोट यहां डलवाएं ताकि हम भी मनपसंद सरकार चुन सके. गौरतलब है कि बिहार में पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर से शुरू हो गया है.

बिहार चुनाव में मतदान नहीं कर पाने को लेकर प्रवासी मजदूरों का छलका दर्द

इन प्रवासी मजदूरों का कहना है कि वे भी बिहार चुनाव में वोट करना चाहते हैं, लेकिन परिवार का पेट पालने के लिए वे हरियाणा और पंजाब में दिहाड़ी करने के लिए आए हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा में लाखों प्रवासी मजदूर बिहार से धान की कटाई के लिए आए हुए हैं, लेकिन इस बार वोट ना करने का मलाल उन्हें सारी उम्र रहेगा.

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बता दें कि, इससे पहले कई प्रवासी मजदूरों बिहार के नेताओं को ये भी ऑफर दे चुके हैं कि जो भी नेता किराया देकर उनको बिहार बुलाएगा ये उसी को वोट करेंगे, लेकिन बिहार के नेताओं के इन मजदूरों के इस ऑफर में कोई रूचि नहीं दिखाई.

Last Updated : Oct 28, 2020, 9:18 AM IST
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