रोहतकः 18 अगस्त को हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा रोहतक में एक रैली करने जा रहे हैं. उनकी इसी रैली को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है और कहा जा रहा है कि हुड्डा इस रैली में कोई बड़ा ऐलान करने वाले हैं.
अलग पार्टी बनाएंगे हुड्डा ?
भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेहद करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा का कहना है कि 18 अगस्त की रैली में इतना बड़ा ऐलान होगा जो लोगों की अपेक्षा से भी बड़ा है. उन्होंने कहा कि मैं अभी पूरी जानकारी आपको नहीं दे सकता लेकिन इतना समझ लीजिए कि बहुत बड़ा ऐलान होने वाला है. आगे कृष्णमूर्ति हुड्डा कहते हैं कि आप जो बातें कह रहे हैं उनमें दम है बस 18 अगस्त का इंतजार कीजिए. उनके इस बयान को हुड्डा के नई पार्टी के ऐलान से जोड़कर देखा जा रहा है.
क्या दबाव बनाने की रणनीति है ?
कुछ लोग ये तर्क भी दे रहे हैं कि हुड्डा पुराने कांग्रेसी हैं और इस समय हरियाणा में वैसे ही कई नए दल बन चुके हैं, ऐसे में हुड्डा शायद ये रिस्क न लें लेकिन ये उनकी कांग्रेस हाईकमान पर दबाव बनाने की रणनीति हो सकती है. हुड्डा इस रैली के जरिए अपना दम दिखाकर ये कहेंगे कि विधानसभा चुनाव की कमान उनके हाथ में दी जाये जिसे रोकने की पूरी कोशिश अशोक तंवर करेंगे. लेकिन ये भी एक कयास ही है. असल तस्वीर तो 18 अगस्त को ही साफ होगी.
गुलाम नबी आजाद से भिड़ गए थे हुड्डा
आर्टिकल 370 को लेकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने और बेटे दीपेंद्र के स्टैंड को लेकर गुलाम नबी आजाद से भिड़ गए थे. जिसके बाद ही इन कयासों को बल मिला कि हुड्डा शायद नई पार्टी बनाने जा रहे हैं. दरअसल भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके पुत्र दीपेंद्र हुड्डा ने आर्टिकल 370 पर केंद्र सरकार के रुख को सही ठहराया था जिस पर गुलाम नबी आजाद बिफर गए थे और कहा था कि जो लोग इस फैसले पर सरकार के साथ खड़े हैं उनके ज्ञान नहीं है. इसी बयान के बाद हुड्डा ने कहा था कि ज्ञान सबको है मुझे भी और दीपेंद्र को भी, हमें जो राष्ट्रहित में ठीक लगा वो हमने कहा.
हरियाणा में कांग्रेस से अलग होकर पार्टी बनाने का इतिहास रहा है
हरियाणा के राजनीतिक इतिहास को अगर खंगालेंगे तो पाएंगे कि हरियाणा में कांग्रेस से अलग होकर कई बड़े नेताओं ने अपने दल बनाए.
- देवीलाल ने 1971 में कांग्रेस छोड़ी और इनेलो की स्थापना की
- 1991 में कांग्रेस से निकाले गए बंसीलाल ने हरियाणा विकास पार्टी बनाई
- भजनलाल ने 2007 में कांग्रेस छोड़कर हरियाणा जनहित कांग्रेस पार्टी बनाई