रोहतक: पिछले ढाई महीनों से चले आ रहे किसान आंदोलन में अब किसान नेताओं के द्वारा एक दूसरे के खिलाफ बयान दिए जा रहे हैं. ऐसे में आन्दोलन अब दो फाड़ होता जा रहा है.
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी की नजरों में दूसरे किसान नेता राकेश टिकैत के बयान किसान संगठनों के नहीं बल्कि निजी हैं. यही नहीं गुरनाम सिंह को ये भी लगता है कि जो बयान राकेश टिकैत ने दिया है वो मजाक भी हो सकता है. भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी आज हरियाणा में जारी धरनों का दौरा कर रहे थे.
बता दें कि, भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने 2 अक्टूबर तक धरना चलने का बयान दिया था. जिस पर पलटवार करते हुए गुरनाम सिंह चढूनी ने उनका बयान किसान संगठन का नहीं बल्कि निजी बताया.
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गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि ऐसे बयानों से हंसी आती है कि किस परिवेश में उन्होंने (राकेश टिकैत) ने ये बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ये अजीब बात है कि आंदोलन 2 अक्टूबर तक कैसे चल सकता है बल्कि जब तक तीनों कानून वापस नहीं होते तब तक चलेगा. उन्होंने कहा कि ये राकेश टिकैत का निजी बयान है ना कि किसान संगठन का.
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी का राकेश टिकैत के प्रति दिया गया बयान किसान आंदोलन को दो फाड़ करने के लिए आग में घी का काम कर सकता है. ऐसे में भाजपा के गले तक अटके किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए घात लगाए बैठी सरकार को हाथों हाथ फायदा हो सकता है.
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