रोहतक: कई स्कूल छोटी उम्र के बच्चों के हाथों में किताब थमा कर चांदी कूटने पर लगे थे. इसी को देखते हुए सरकार ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दे दिए हैं. जो बच्चों का बचपना भारी-भरकम बैग के नीचे दबा कर चांदी कूटने पर लगे हैं. हालांकि निजी स्कूलों ने उक्त आदेश का विरोध करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है.
अब निजी स्कूल संचालकों का छोटी उम्र के बच्चों को स्कूल के बहाने मोटी चांदी कूटने का धंधा बंद होने जा रहा है. हरियाणा सरकार ने तय उम्र से छोटे बच्चों को पढ़ाई के बोझ से मुक्त करने की अनोखी पहल की है. सरकार द्वारा जारी किए गए पत्र में साफ-साफ लिखा है कि निजी स्कूलों में अब 5 वर्ष से कम उम्र का बच्चा नहीं पढ़ सकेगा. अगर ऐसा हुआ तो सरकार बड़ी कार्रवाई करेगी.
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दरअसल सरकार की मंशा है कि छोटी उम्र के बच्चों को असमय पड़े पढ़ाई के बोझ को कम किया जाए ताकि बच्चे का पूर्ण विकास हो सकें लेकिन निजी स्कूल बच्चों को नर्सरी, एलकेजी, और यूकेजी में एडमिशन के बहाने भारी भरकम बोझ लाद देते है जिसके कारण बच्चों का बौद्धिक और मानसिक विकास बाधित होता है. यही नहीं स्कूल का बहाना बनाकर निजी स्कूल अभिभावकों से मोटा पैसा ऐंठते थे.
इस बारे में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी विजय लक्ष्मी का कहना है कि सरकार द्वारा पत्र जारी किया गया है जिसको पूरी तरह से लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 5 साल के कम उम्र के बच्चों को केवल आंगनवाड़ी या प्ले स्कूल में ही रखा जा सकता है या फिर आंगनवाड़ी में जा सकते है ताकि बच्चा खेल-खेल में सीख सके.
वहीं दूसरी ओर निजी स्कूल संचालक एसोसिएशन के प्रधान का कहना है कि सरकार की एकतरफा कार्रवाई सही नहीं है. सरकार को ये फैसला वापस लेना होगा. ये सरकार का तुगलकी फरमान है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो निजी स्कूल संचालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे.
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