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हरियाणा में बचपन बचाने की पहल, अब केवल 5 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे ही जाएंगे स्कूल

हरियाणा सरकार ने बच्चों का बचपना लौटाने की अनोखी पहल करते हुए निजी स्कूलों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. हरियाणा में अब केवल 5 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के हाथों में ही किताबें दी जाएंगी और 5 साल से कम्र उम्र के बच्चे स्कूल नहीं जाएंगे.

haryana school admission latest guidelines
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Published : Dec 4, 2019, 7:42 PM IST

रोहतक: कई स्कूल छोटी उम्र के बच्चों के हाथों में किताब थमा कर चांदी कूटने पर लगे थे. इसी को देखते हुए सरकार ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दे दिए हैं. जो बच्चों का बचपना भारी-भरकम बैग के नीचे दबा कर चांदी कूटने पर लगे हैं. हालांकि निजी स्कूलों ने उक्त आदेश का विरोध करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है.

अब निजी स्कूल संचालकों का छोटी उम्र के बच्चों को स्कूल के बहाने मोटी चांदी कूटने का धंधा बंद होने जा रहा है. हरियाणा सरकार ने तय उम्र से छोटे बच्चों को पढ़ाई के बोझ से मुक्त करने की अनोखी पहल की है. सरकार द्वारा जारी किए गए पत्र में साफ-साफ लिखा है कि निजी स्कूलों में अब 5 वर्ष से कम उम्र का बच्चा नहीं पढ़ सकेगा. अगर ऐसा हुआ तो सरकार बड़ी कार्रवाई करेगी.

हरियाणा में 5 साल से कम उम्र के बच्चों को स्कूल भेजने पर रोक.

ये पढ़ें- पानीपत: हैदराबाद रेप केस से वकीलों में रोष, दुष्कर्म आरोपियों का केस नहीं लड़ने की खाई शपथ

दरअसल सरकार की मंशा है कि छोटी उम्र के बच्चों को असमय पड़े पढ़ाई के बोझ को कम किया जाए ताकि बच्चे का पूर्ण विकास हो सकें लेकिन निजी स्कूल बच्चों को नर्सरी, एलकेजी, और यूकेजी में एडमिशन के बहाने भारी भरकम बोझ लाद देते है जिसके कारण बच्चों का बौद्धिक और मानसिक विकास बाधित होता है. यही नहीं स्कूल का बहाना बनाकर निजी स्कूल अभिभावकों से मोटा पैसा ऐंठते थे.

इस बारे में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी विजय लक्ष्मी का कहना है कि सरकार द्वारा पत्र जारी किया गया है जिसको पूरी तरह से लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 5 साल के कम उम्र के बच्चों को केवल आंगनवाड़ी या प्ले स्कूल में ही रखा जा सकता है या फिर आंगनवाड़ी में जा सकते है ताकि बच्चा खेल-खेल में सीख सके.

वहीं दूसरी ओर निजी स्कूल संचालक एसोसिएशन के प्रधान का कहना है कि सरकार की एकतरफा कार्रवाई सही नहीं है. सरकार को ये फैसला वापस लेना होगा. ये सरकार का तुगलकी फरमान है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो निजी स्कूल संचालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे.

ये भी पढ़ें: फेसबुक फ्रेंड से मिलने पाकिस्तान पहुंची रोहतक की सिख युवती, पाक रेंजरों ने भारत को सौंपा

रोहतक: कई स्कूल छोटी उम्र के बच्चों के हाथों में किताब थमा कर चांदी कूटने पर लगे थे. इसी को देखते हुए सरकार ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दे दिए हैं. जो बच्चों का बचपना भारी-भरकम बैग के नीचे दबा कर चांदी कूटने पर लगे हैं. हालांकि निजी स्कूलों ने उक्त आदेश का विरोध करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है.

अब निजी स्कूल संचालकों का छोटी उम्र के बच्चों को स्कूल के बहाने मोटी चांदी कूटने का धंधा बंद होने जा रहा है. हरियाणा सरकार ने तय उम्र से छोटे बच्चों को पढ़ाई के बोझ से मुक्त करने की अनोखी पहल की है. सरकार द्वारा जारी किए गए पत्र में साफ-साफ लिखा है कि निजी स्कूलों में अब 5 वर्ष से कम उम्र का बच्चा नहीं पढ़ सकेगा. अगर ऐसा हुआ तो सरकार बड़ी कार्रवाई करेगी.

हरियाणा में 5 साल से कम उम्र के बच्चों को स्कूल भेजने पर रोक.

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दरअसल सरकार की मंशा है कि छोटी उम्र के बच्चों को असमय पड़े पढ़ाई के बोझ को कम किया जाए ताकि बच्चे का पूर्ण विकास हो सकें लेकिन निजी स्कूल बच्चों को नर्सरी, एलकेजी, और यूकेजी में एडमिशन के बहाने भारी भरकम बोझ लाद देते है जिसके कारण बच्चों का बौद्धिक और मानसिक विकास बाधित होता है. यही नहीं स्कूल का बहाना बनाकर निजी स्कूल अभिभावकों से मोटा पैसा ऐंठते थे.

इस बारे में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी विजय लक्ष्मी का कहना है कि सरकार द्वारा पत्र जारी किया गया है जिसको पूरी तरह से लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 5 साल के कम उम्र के बच्चों को केवल आंगनवाड़ी या प्ले स्कूल में ही रखा जा सकता है या फिर आंगनवाड़ी में जा सकते है ताकि बच्चा खेल-खेल में सीख सके.

वहीं दूसरी ओर निजी स्कूल संचालक एसोसिएशन के प्रधान का कहना है कि सरकार की एकतरफा कार्रवाई सही नहीं है. सरकार को ये फैसला वापस लेना होगा. ये सरकार का तुगलकी फरमान है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो निजी स्कूल संचालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे.

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Intro:रोहतक:-हरियाणा में बच्चों का बचपना लौटाने की हरियाणा सरकार की अनोखी पहल।
हरियाणा में अब नहीं लगेगी नर्सरी एलकेजी यूकेजी की क्लास
छोटे बच्चों को स्कूल के बहाने निजी स्कूल कूट रहे थे चांदी।

अब केवल 5 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को ही दी जाएंगी किताबें हरियाणा सरकार ने हरियाणा में बच्चों का बचपना लौटाने की अनोखी पहल करते हुए निजी स्कूलों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।यह स्कूल छोटी उम्र के बच्चों के हाथों में किताब थमा कर चांदी कूटने पर लगे थे। सरकार ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दे दिए हैं। जो बच्चों का बचपना भारी-भरकम बैग के नीचे दबा कर चांदी कूटने पर लगे हैं हालांकि निजी स्कूलों ने उक्त आदेश का विरोध करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।



Body:अब निजी स्कूल संचालकों का छोटी उम्र के बच्चों को स्कूल के बहाने मोटी चांदी कूटने का धंधा बंद होने जा रहा है।हरियाणा सरकार ने तय उम्र से छोटे बच्चों को पढ़ाई के बोझ से मुक्त करने की अनोखी पहल की है।सरकार द्वारा जारी किए गए पत्र में साफ साफ लिखा है कि निजी स्कूलों में अब 5 वर्ष से कम बच्चा नहीं पढ़ सकेगा,अगर ऐसा हुआ तो सरकार बड़ी कार्यवाही करेगी।दरसल सरकार की मंशा है कि छोटी उम्र के बच्चों को असमय पड़े पढ़ाई के बोझ को कम किया जाए ताकि बच्चे का पूर्ण विकास हो सकें।लेकिन निजी स्कूल बच्चों को नर्सरी,एलकेजी,ओर यूकेजी में एडमिशन के बहाने भारी भरकम बोझ लाद देते है जिसके कारण बच्चों का बौद्धिक ओर मानसिक विकास बाधित होता है।यही नही स्कूल का बहाना बना कर निजी स्कूल अभिभावकों से मोटा पैसा ऐंठते थे।
Conclusion:वही दूसरी ओर निजी स्कूल संचालक एसोशिएशन के प्रधान का कहना है कि सरकार की एकतरफा कार्यवाही सही नही है,सरकार को ये फैसला वापिस लेना होगा।अगर ऐसा नही हुआ तो निजी स्कूल संचालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे।

बाइट:- रविंदर नांदल प्रधान निजी एसोशिएशन


वही दूसरी ओर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी विजय लक्ष्मी का कहना है कि सरकार द्वारा पत्र जारी किया गया है जिसको पूरी तरह से लागू किया जाएगा।उन्होंने कहा कि 5 साल के कम उम्र के बच्चों को केवल आंगनवाड़ी या प्ले स्कूल में ही रखा जा सकता है या फिर आंगनवाड़ी में जा सकते है ताकि बच्चा खेल खेल में सिख सके।

बाइट:-विजय लक्ष्मी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी।
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