रोहतक: अग्निपथ योजना के खिलाफ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupendra Hooda dharna) 27 जून को रोहतक में धरने पर बैठेंगे. वे गांधीवादी तरीके से सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक धरने की अध्यक्षता करेंगे. वहीं करनाल में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उदयभान धरने की अगुवाई करेंगे.
यह जानकारी खुद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शनिवार को रोहतक में दी. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) न देश हित में है, न देश की सुरक्षा, न फौज और ना ही युवाओं के हित में. इस योजना से फौज के भीतर ही 2 किस्म की फौज बन जाएंगी. एक परमानेंट और एक टेंपरेरी. इनके बीच में समन्वय स्थापित करना बेहद मुश्किल होगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार अग्निवीरों को पक्की नौकरी देने का वादा करके सब्जबाग दिखा रही है. जबकि हकीकत यह है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार की नीतियों के चलते हरियाणा पूरे देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहा है.
आंकड़े बताते हैं कि अब तक 29 हजार 275 पूर्व सैनिकों ने नौकरी के लिए आवेदन किया है. जबकि सरकार ने सिर्फ 543 को ही नौकरी दी है. ऐसे में 4 साल की नौकरी के बाद सेना से वापस आने वाले 75 प्रतिशत अग्निवीरों को यह सरकार नौकरी कैसे देगी. अगर ऐसा है तो सरकार हरियाणा के अग्निवीरों को पहले पक्की नौकरी दे और 4 साल के सेना में डेपुटेशन पर भेजे. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इजराइल जैसे छोटे देशों की तुलना भारत जैसे विशाल देश से नहीं हो सकती. इन छोटे-छोटे देशों में न तो बेरोजगारी है और न ही लोग सेना में भर्ती होना चाहते. इसलिए वहां पर सेना में सेवाएं देना अनिवार्य किया गया है.
जबकि भारत के युवा खुद सेना में भर्ती होने का सपना देखते हैं. एक सैनिक बनकर खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं. ऐसे में इजरायल जैसे देशों की नीति भारत में लागू नहीं हो सकती. सरकार को इस पर पुनर्विचार करते हुए अग्निपथ योजना को वापस लेना चाहिए और पक्की भर्तियां शुरू करनी चाहिए. पिछले 3 साल में अगर भर्तियां पूरी होती तो हरियाणा के करीब 20 हजार युवा और आज फौज में होते.
निकाय चुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि शहरी मतदाता ने भाजपा जेजेपी को पूरी तरह नकार दिया है. इस चुनाव में बीजेपी को सिर्फ 26 प्रतिशत वोट मिले यानि हर 4 में से 3 मतदाताओं ने भाजपा के खिलाफ वोट किया. निर्दलीय उम्मीदावरों को बीजेपी जेजेपी से दोगुने वोट मिले हैं. लेकिन इस हार को भी भाजपा-जजपा जीत के तौर पर पेश कर रही है. उसकी हालत खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे वाली हो गई है. हुड्डा ने रिकॉर्ड तोड़ महंगाई के बीच सिंचाई विभाग और वॉटर रिसोर्स अथॉरिटी की ओर से वाटर सप्लाई के रेट में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जाहिर की.