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भगत फूल सिंह महिला मेडिकल कॉलेज की छात्राओं ने किया विरोध प्रदर्शन, प्रोफेसर पर लगाया सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप

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Published : Oct 2, 2022, 12:32 PM IST

भगत फूल सिंह महिला मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस छात्राओं ने एक प्रोफेसर पर कक्षा में अश्लील भाषा का प्रयोग करने लगाया आरोप लगाया है. छात्राओं ने आरोपी प्रोफेसर को टर्मिनेट करने की मांग कर रही हैं.

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सोनीपत: हरियाणा की सबसे पहली महिला यूनिवर्सिटी भगत फूल सिंह विश्वविद्यालय ( Bhagat Phool Singh Mahila Vishwavidyalaya) में शनिवार को मेडिकल कॉलेज की छात्राओं ने यूनिवर्सिटी के गेट पर ताला जड़कर प्रदर्शन शुरू कर दिया. छात्राओं का आरोप है कि यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले प्रोफेसर पुष्पेंद्र शर्मा ने एक छात्रा से वीडियो कॉल कर अश्लील हरकतें (Professor did obscene act with Girl Student) की. इसके बाद पीड़ित लड़की ने इस बात की शिकायत वाइसचांसलर से की. इस घटना को बीते हुए कई दिन हो चुके है. इस दौरान कई बार इस बात की शिकायत यूनिवर्सिटी प्रबंधन से किया जा चुका लेकिन भूपेंद्र शर्मा पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है.

प्रदर्शनकारी एमबीबीएस छात्राओं का कहना है कि इस घटना को हुए दस से ज्यादा दिन हो चुके हैं. बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की गई है. छात्राओं का कहना है कि 20 सितंबर 2022 को उन्होंने इस मामले की शिकायत यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर से की थी. उन्होंने हमे आश्वसन दिया था कि लेक्चरर भूपेंद्र शर्मा को टर्मिनेट करेंगे लेकिन अब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उनका कहना है कि जब तक भूपेंद्र शर्मा के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती तब उनका यह प्रदर्शन जारी रहेगा.

यूनिवर्सिटी भगत फूल सिंह विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर सुदेश छिकारा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि बच्चों ने 20 सितंबर को हमें इस बात की शिकायत की पुष्पेंद्र ने एक लड़की वीडियों कॉल कर कोई अश्लील बात कही. बच्चों ने जैसे ही इस बात की कंप्लेन की हमने यूनिवर्सिटी के इंटरनल कमेटी की मीटिंग बुलाकर शुरूआती जांच कराकर टीचर को सस्पेंड कर दिया. कमेटी द्वारा आरोपी टीचर की कैंपस में एंट्री बैन की गई है. फिलहाल वो स्वास्थ्य कारणों से हॉस्पिटल में एडमिट है. हमने चार्जशीट भी तैयार कर ली है लेकिन जो प्रक्रिया होती है उसमें वक्त लगता है.

जब मीडिया ने यूनिवर्सिटी भगत फूल सिंह विश्वविद्यालय की वीसी से पूछा कि आरोपी लेक्चरर को यूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा कौन सी सजा दी जाएगी. इस बात का जवाब देते हुए वाइस चांसलर ने कहा कि ये बच्चों का निर्णय होगा. सुदेश छिक्कार ने कहा कि प्रशासनिक तौर पर इंटरनल कमेटी का मैकेनिज्म है. यूनिवर्सिटी की इंटरनल कमेटी को ज्यूडिशल पावर हासिल है. हालांकि जांच में अभी कम से कम 30 दिन का वक्त लगेगा. उन्होंने कहा कि बच्चों को लग रहा है कि इतना समय क्यों लग रहा लेकिन जांच की एक प्रक्रिया होती है. इस दौरान दोनों तरफ के बयान आएंगे तब जाकर कमेटी कोई एक निर्णय ले सकेगी. उन्होंने कहा कि कोई भी मामला हो यूनिवर्सिटी बच्चों के साथ खड़ा हैं. हम मामले की गहनता से जांच कर रहे हैं जो भी उचित कानूनी कार्रवाई होगी उस पर की जाएगी.

सोनीपत: हरियाणा की सबसे पहली महिला यूनिवर्सिटी भगत फूल सिंह विश्वविद्यालय ( Bhagat Phool Singh Mahila Vishwavidyalaya) में शनिवार को मेडिकल कॉलेज की छात्राओं ने यूनिवर्सिटी के गेट पर ताला जड़कर प्रदर्शन शुरू कर दिया. छात्राओं का आरोप है कि यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले प्रोफेसर पुष्पेंद्र शर्मा ने एक छात्रा से वीडियो कॉल कर अश्लील हरकतें (Professor did obscene act with Girl Student) की. इसके बाद पीड़ित लड़की ने इस बात की शिकायत वाइसचांसलर से की. इस घटना को बीते हुए कई दिन हो चुके है. इस दौरान कई बार इस बात की शिकायत यूनिवर्सिटी प्रबंधन से किया जा चुका लेकिन भूपेंद्र शर्मा पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है.

प्रदर्शनकारी एमबीबीएस छात्राओं का कहना है कि इस घटना को हुए दस से ज्यादा दिन हो चुके हैं. बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की गई है. छात्राओं का कहना है कि 20 सितंबर 2022 को उन्होंने इस मामले की शिकायत यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर से की थी. उन्होंने हमे आश्वसन दिया था कि लेक्चरर भूपेंद्र शर्मा को टर्मिनेट करेंगे लेकिन अब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उनका कहना है कि जब तक भूपेंद्र शर्मा के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती तब उनका यह प्रदर्शन जारी रहेगा.

यूनिवर्सिटी भगत फूल सिंह विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर सुदेश छिकारा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि बच्चों ने 20 सितंबर को हमें इस बात की शिकायत की पुष्पेंद्र ने एक लड़की वीडियों कॉल कर कोई अश्लील बात कही. बच्चों ने जैसे ही इस बात की कंप्लेन की हमने यूनिवर्सिटी के इंटरनल कमेटी की मीटिंग बुलाकर शुरूआती जांच कराकर टीचर को सस्पेंड कर दिया. कमेटी द्वारा आरोपी टीचर की कैंपस में एंट्री बैन की गई है. फिलहाल वो स्वास्थ्य कारणों से हॉस्पिटल में एडमिट है. हमने चार्जशीट भी तैयार कर ली है लेकिन जो प्रक्रिया होती है उसमें वक्त लगता है.

जब मीडिया ने यूनिवर्सिटी भगत फूल सिंह विश्वविद्यालय की वीसी से पूछा कि आरोपी लेक्चरर को यूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा कौन सी सजा दी जाएगी. इस बात का जवाब देते हुए वाइस चांसलर ने कहा कि ये बच्चों का निर्णय होगा. सुदेश छिक्कार ने कहा कि प्रशासनिक तौर पर इंटरनल कमेटी का मैकेनिज्म है. यूनिवर्सिटी की इंटरनल कमेटी को ज्यूडिशल पावर हासिल है. हालांकि जांच में अभी कम से कम 30 दिन का वक्त लगेगा. उन्होंने कहा कि बच्चों को लग रहा है कि इतना समय क्यों लग रहा लेकिन जांच की एक प्रक्रिया होती है. इस दौरान दोनों तरफ के बयान आएंगे तब जाकर कमेटी कोई एक निर्णय ले सकेगी. उन्होंने कहा कि कोई भी मामला हो यूनिवर्सिटी बच्चों के साथ खड़ा हैं. हम मामले की गहनता से जांच कर रहे हैं जो भी उचित कानूनी कार्रवाई होगी उस पर की जाएगी.

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