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Rohtak Loot Case: 15 लाख की लूट का मामला निकला झूठा, शिकायतकर्ता के खिलाफ केस दर्ज

रोहतक में 15 लाख की लूट (Rohtak Loot Case) का मामला झूठा निकला. झूठी शिकायत देने वाले सर्राफा व्यापारी पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस ने जांच के बाद गुरुवार को इस मामले का खुलासा कर दिया.

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Published : May 19, 2022, 8:49 PM IST

रोहतक: शहर के छोटूराम चौक पर 15 लाख रुपए की लूट (Rohtak Loot Case) का मामला झूठा निकला. पुलिस जांच में पाया गया कि सड़क पर आपसी कहासुनी के चलते विवाद हुआ था. जिसके बाद सर्राफा व्यापारी ने पुलिस को 15 लाख रुपए की लूट की झूठी सूचना दे दी. सर्राफा व्यापारी और उसका साथी शराब के नशे में थे. एएसपी कृष्ण कुमार लोहचब ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर तमाम खुलासा कर दिया. पुलिस ने झूठी शिकायत देने वाले सर्राफा व्यापारी के खिलाफ केस दर्ज कर ली है.

क्या है पूरा मामला- बहादुरगढ़ निवासी अनिल वर्मा की रोहतक सुनारों वाली गली में ज्वेलरी की दुकान है. वर्मा के मुताबिक बुधवार रात करीब 11 बजे वह एक बैग में 15 लाख रुपए लेकर अपने दोस्त नरेंद्र के साथ घर जा रहा था. छोटूराम चौक पर स्कूटी पर सवार 4 युवकों ने रास्ता रोक लिया. उन्होंने अपनी कार रोकी तो एक अन्य कार में 4 व्यक्ति और आ गए. इसके बाद उन सभी ने उसे घेर लिया और रुपयों से भरा बैग छीन लिया. यही नहीं बैग छीनने वालों ने पीछा करने से रोकने के लिए उसकी कार को कई बार टक्कर मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया. उसके बाद सभी फरार हो गए.

घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची. व्यापारी वर्मा का कहना है कि जिस समय यह वारदात हुई पुलिस का वाहन नजदीक ही खड़ा था. लेकिन पुलिस कर्मी आराम से देखते रहे. वर्मा के मुताबिक रुपए छीनने वालों ने जान से मारने की धमकी तक डे डाली. वहीं मौके पर पहुंची पुलिस को शुरुआत से ही यह मामला संदिग्ध लग रहा था. इसलिए इस मामले की गहनता से जांच की गई.

रोहतक एएसपी कृष्ण कुमार लोहचब ने बताया कि जांच में पाया गया कि सर्राफा व्यापारी और उसका साथी शराब के नशे में थे. जब वे छोटूराम चौक पर पहुंचे तो स्कूटी सवार युवकों से उनकी बहस हो गई थी. इसी दौरान एक कार में सवार होकर दीपक, मंजीत, मोहित और जगदीश वहां आ गए. उन चारों ने स्कूटी सवार का पक्ष लिया. इसी बात पर विवाद बढ़ गया और उन चारों ने अपनी कार से सर्राफा व्यापारी की कार को टक्कर मार दी. इसके बाद वे फरार हो गए. उनके जाने के बाद अनिल वर्मा ने पुलिस को झूठी सूचना दे दी कि उनके पास से 15 लाख रुपए लूट लिए गए.

एएसपी ने बताया कि अनिल वर्मा ने काफी हंगामा किया था और जान बूझ कर झूठी सूचना देकर पुलिस को गुमराह किया. उन्होंने बताया कि वर्मा ने अपनी गलती मान ली है और पुलिस को माफीनामा भी लिखकर दे दिया है. उन्होंने बताया कि वर्मा की शिकायत पर कार को टक्कर मारने वालों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है जबकि झूठी सूचना देने पर सर्राफा व्यापारी के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

रोहतक: शहर के छोटूराम चौक पर 15 लाख रुपए की लूट (Rohtak Loot Case) का मामला झूठा निकला. पुलिस जांच में पाया गया कि सड़क पर आपसी कहासुनी के चलते विवाद हुआ था. जिसके बाद सर्राफा व्यापारी ने पुलिस को 15 लाख रुपए की लूट की झूठी सूचना दे दी. सर्राफा व्यापारी और उसका साथी शराब के नशे में थे. एएसपी कृष्ण कुमार लोहचब ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर तमाम खुलासा कर दिया. पुलिस ने झूठी शिकायत देने वाले सर्राफा व्यापारी के खिलाफ केस दर्ज कर ली है.

क्या है पूरा मामला- बहादुरगढ़ निवासी अनिल वर्मा की रोहतक सुनारों वाली गली में ज्वेलरी की दुकान है. वर्मा के मुताबिक बुधवार रात करीब 11 बजे वह एक बैग में 15 लाख रुपए लेकर अपने दोस्त नरेंद्र के साथ घर जा रहा था. छोटूराम चौक पर स्कूटी पर सवार 4 युवकों ने रास्ता रोक लिया. उन्होंने अपनी कार रोकी तो एक अन्य कार में 4 व्यक्ति और आ गए. इसके बाद उन सभी ने उसे घेर लिया और रुपयों से भरा बैग छीन लिया. यही नहीं बैग छीनने वालों ने पीछा करने से रोकने के लिए उसकी कार को कई बार टक्कर मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया. उसके बाद सभी फरार हो गए.

घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची. व्यापारी वर्मा का कहना है कि जिस समय यह वारदात हुई पुलिस का वाहन नजदीक ही खड़ा था. लेकिन पुलिस कर्मी आराम से देखते रहे. वर्मा के मुताबिक रुपए छीनने वालों ने जान से मारने की धमकी तक डे डाली. वहीं मौके पर पहुंची पुलिस को शुरुआत से ही यह मामला संदिग्ध लग रहा था. इसलिए इस मामले की गहनता से जांच की गई.

रोहतक एएसपी कृष्ण कुमार लोहचब ने बताया कि जांच में पाया गया कि सर्राफा व्यापारी और उसका साथी शराब के नशे में थे. जब वे छोटूराम चौक पर पहुंचे तो स्कूटी सवार युवकों से उनकी बहस हो गई थी. इसी दौरान एक कार में सवार होकर दीपक, मंजीत, मोहित और जगदीश वहां आ गए. उन चारों ने स्कूटी सवार का पक्ष लिया. इसी बात पर विवाद बढ़ गया और उन चारों ने अपनी कार से सर्राफा व्यापारी की कार को टक्कर मार दी. इसके बाद वे फरार हो गए. उनके जाने के बाद अनिल वर्मा ने पुलिस को झूठी सूचना दे दी कि उनके पास से 15 लाख रुपए लूट लिए गए.

एएसपी ने बताया कि अनिल वर्मा ने काफी हंगामा किया था और जान बूझ कर झूठी सूचना देकर पुलिस को गुमराह किया. उन्होंने बताया कि वर्मा ने अपनी गलती मान ली है और पुलिस को माफीनामा भी लिखकर दे दिया है. उन्होंने बताया कि वर्मा की शिकायत पर कार को टक्कर मारने वालों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है जबकि झूठी सूचना देने पर सर्राफा व्यापारी के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

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