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पुलिस की बड़ी लापरवाही, 1995 में मृत व्यक्ति को गवाह बनाकर हवलदार को दी क्लिन चिट - पानीपत आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म मामले में गवाह

आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म मामले में गवाह महेंद्र चावला ने एसपी को शिकायत दी है. पुलिस ने 1995 में मृत व्यक्ति को गवाह बनाकर चोरी के मामले में क्लीन चिट दे दी है.

पुलिस की बड़ी लापरवाही
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Published : Nov 13, 2019, 1:48 PM IST

पानीपत: जिले में पुलिस की लापरवाही का मामला सामने आया है. ये पूरा मामला आसाराम केस से जुड़ा हुआ है. दरअसल आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म मामले में गवाह महेंद्र चावला ने एसपी को शिकायत दी है.

1995 में मरे हुए व्यक्ति को बनाया गवाह
आपको बता दें कि महेंद्र चावला ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 19.4.19 को उसके सुरक्षाकर्मी हवलदार पुनीत द्वारा उनकी गैरहाजिरी में घर का ताला तोड़ा गया था. जिसकी थाना सनोली में FIR 68/ 2019 दर्ज है और चावला ने पानीपत पुलिस के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि इन्होंने मेरे घर से सबूतों को गायब किया और 1995 में मरे हुए व्यक्ति सतनारायण के पुत्र जीतराम को गवाह बनाया था. जिसके बाद उस FIR को रद्द कर करके केस बंद कर दिया गया था.

1995 में मृत व्यक्ति को गवाह बनाकर हवलदार को दी क्लिन चिट

केस डायरी में सीसीटी फुटेज का जिक्र नहीं
इतना ही नहीं चावला ने कहा कि केस डायरी में सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और टूटे ताले का जिक्र नहीं किया गया है. उसने आईटीआई व कोर्ट के माध्यम से पुलिस से पूछा कि आरोपित पुनीत को गिरफ्तार क्यों नहीं किया? जवाब मिला कि पुनीत के पेट में पथरी थी. वे दवा लेने के लिए चावला के घर गए थे. इसी वजह से 27 मई को मामला रद्द कर दिया.

महेंद्र चावला ने एसपी से की शिकायत
जिसके संबंध में मंगलवार को महेंद्र चावला ने SP पानीपत को मिलकर DSP सतीश वत्स, SHO सूरजभान, ASI श्रीभगवान, HC राजेंद्र सिंह और अन्य के खिलाफ शिकायत दी और तुरंत करवाई की मांग करते हुए सुरक्षा को पुख्ता करने की अपील की है.

आसाराम से समझौते का बनाया दबाव
इतना ही नहीं चावला ने कहा कि गांव सनोली खुर्द के पूर्व सरपंच सुरेंद्र शर्मा, संजय त्यागी, राजेंद्र शर्मा आदि लोग पिछले काफी समय से मेरे ऊपर आसाराम से समझौते का दबाव बना रहे थे. करोड़ों रुपए का लालच भी दिया और हमलावरों का सहयोग करके मेरे ऊपर जानलेवा हमला भी करवाया, लेकिन सफल नहीं हुए. जिसके बाद सुरेंद्र शर्मा ने अपनी पुत्रवधू प्रियंका शर्मा से अनेकों झूठी शिकायतें भी दिलवाई.

महेंद्र चावला ने केंद्रीय सुरक्षा की मांग की
चावला ने ये भी कहा कि आसाराम और नारायण साईं को बचाने के उद्देश्य से ही DSP सतीश वत्स मुझ पर हुए हमले संबंधी FIR के दस्तावेज भी दबा कर बैठे हुआ है. सूचना आयोग क आदेश के बावजूद भी सतीश वत्स उन दस्तावेजों को देने के लिए बिल्कुल भी तैयार नही है.

चावला ने कहा उपरोक्त सभी लोग यह शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने के उद्देश्य से कभी भी मेरे ऊपर जानलेवा हमला करवा सकते हैं,या अन्य किसी भी झूठे केस में मुझे फंसा सकते है, इसलिए मुझे केंद्रीय सुरक्षा दी जाए.

पानीपत: जिले में पुलिस की लापरवाही का मामला सामने आया है. ये पूरा मामला आसाराम केस से जुड़ा हुआ है. दरअसल आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म मामले में गवाह महेंद्र चावला ने एसपी को शिकायत दी है.

1995 में मरे हुए व्यक्ति को बनाया गवाह
आपको बता दें कि महेंद्र चावला ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 19.4.19 को उसके सुरक्षाकर्मी हवलदार पुनीत द्वारा उनकी गैरहाजिरी में घर का ताला तोड़ा गया था. जिसकी थाना सनोली में FIR 68/ 2019 दर्ज है और चावला ने पानीपत पुलिस के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि इन्होंने मेरे घर से सबूतों को गायब किया और 1995 में मरे हुए व्यक्ति सतनारायण के पुत्र जीतराम को गवाह बनाया था. जिसके बाद उस FIR को रद्द कर करके केस बंद कर दिया गया था.

1995 में मृत व्यक्ति को गवाह बनाकर हवलदार को दी क्लिन चिट

केस डायरी में सीसीटी फुटेज का जिक्र नहीं
इतना ही नहीं चावला ने कहा कि केस डायरी में सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और टूटे ताले का जिक्र नहीं किया गया है. उसने आईटीआई व कोर्ट के माध्यम से पुलिस से पूछा कि आरोपित पुनीत को गिरफ्तार क्यों नहीं किया? जवाब मिला कि पुनीत के पेट में पथरी थी. वे दवा लेने के लिए चावला के घर गए थे. इसी वजह से 27 मई को मामला रद्द कर दिया.

महेंद्र चावला ने एसपी से की शिकायत
जिसके संबंध में मंगलवार को महेंद्र चावला ने SP पानीपत को मिलकर DSP सतीश वत्स, SHO सूरजभान, ASI श्रीभगवान, HC राजेंद्र सिंह और अन्य के खिलाफ शिकायत दी और तुरंत करवाई की मांग करते हुए सुरक्षा को पुख्ता करने की अपील की है.

आसाराम से समझौते का बनाया दबाव
इतना ही नहीं चावला ने कहा कि गांव सनोली खुर्द के पूर्व सरपंच सुरेंद्र शर्मा, संजय त्यागी, राजेंद्र शर्मा आदि लोग पिछले काफी समय से मेरे ऊपर आसाराम से समझौते का दबाव बना रहे थे. करोड़ों रुपए का लालच भी दिया और हमलावरों का सहयोग करके मेरे ऊपर जानलेवा हमला भी करवाया, लेकिन सफल नहीं हुए. जिसके बाद सुरेंद्र शर्मा ने अपनी पुत्रवधू प्रियंका शर्मा से अनेकों झूठी शिकायतें भी दिलवाई.

महेंद्र चावला ने केंद्रीय सुरक्षा की मांग की
चावला ने ये भी कहा कि आसाराम और नारायण साईं को बचाने के उद्देश्य से ही DSP सतीश वत्स मुझ पर हुए हमले संबंधी FIR के दस्तावेज भी दबा कर बैठे हुआ है. सूचना आयोग क आदेश के बावजूद भी सतीश वत्स उन दस्तावेजों को देने के लिए बिल्कुल भी तैयार नही है.

चावला ने कहा उपरोक्त सभी लोग यह शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने के उद्देश्य से कभी भी मेरे ऊपर जानलेवा हमला करवा सकते हैं,या अन्य किसी भी झूठे केस में मुझे फंसा सकते है, इसलिए मुझे केंद्रीय सुरक्षा दी जाए.

Intro:
नोट -19 -04 19 की सीसीटवी फुटेज साथ है 


एंकर --आसाराम प्रकरण के मुख्य गवाह महेंद्र चावला के घर चोरी व् ताला तोड़ने मामले में 1995 में मरे हुए व्यक्ति को गवाह बनाकर एफआईआर रद्द करने वाले डीएसपी सतीश वत्स, एसएचओ सूरजभान व् दो अन्य के विरुद्ध चावला ने एसपी पानीपत को दिया शिकायत पत्र व् तुरन्त करवाई की मांग की। महेंद्र चावला ने बताया जान का खतरा ,सुरक्षा बढ़ाने की लगाई गुहार।

Body:वीओ -- महेंद्र चावला ने बताया कि 19.4.19 को उसके सुरक्षाकर्मी हवलदार पुनीत द्वारा चावला की गैरहाजिरी में घर का ताला तोडा गया था, जिसकी थाना सनोली में FIR 68/ 2019 दर्ज है और पानीपत पुलिस के इन सभी अधिकारीयों ने चावला द्वारा दिए गए सबूतों को गायब करते हुए तथा 1995 में मरे हुए व्यक्ति सतनारायण पुत्र जीतराम को गवाह बनाया और उस FIR को रद्द कर करके केस बंद कर दिया था, जिसके सम्बन्ध में आज दिनांक 12.11.19 को महेंद्र चावला ने SP पानीपत को मिलकर DSP सतीश वत्स, SHO सूरजभान, ASI श्रीभगवान व् HC राजेंद्र सिंह व् अन्य के विरुद्ध शिकायत दी और तुरंत करवाई की मांग करते हुए सुरक्षा को पुख्ता करने की अपील की।

वीओ - महेंद्र चावला का कहना है कि उसके सुरक्षाकर्मी पानीपत पुलिस के हवलदार पुनीत ने आसाराम बापू के गुंडों से मिलीभगत करके तथा DSP सतीश वत्स, SHO सूरजभान, ASI श्रीभगवान व् HC राजेंद्र सिंह के निर्देशानुसार गाँव सनोली के स्थाई निवासियों सरपंच प्रियंका शर्मा, सुरेन्द्र शर्मा, राजेंद्र शर्मा, संजय त्यागी व् अन्य लोगों के साथ मिलकर षड्यंत्रपूर्वक दिनांक 19.4.19 को पहले तो पुनीत को पानीपत से सुरक्षा छोड़कर भाग गया, उसके बाद महेंद्र चावला की गैरहाजिरी में चावला के घर में गेट फांदकर घुसा और ताला तोड़कर सामान चोरी किया. पुनीत केवल चोरी के उद्देश्य से घर में नही घुसा था ,बल्कि पुनीत का उद्देश्य महेंद्र चावला के घर में कोई भी गैर क़ानूनी सामान / हथियार/ नशीला पदार्थ रखकर महेंद्र चावला को फंसाना था.

चावला ने कहा कि गाँव सनोली खुर्द के पूर्व सरपंच सुरेन्द्र शर्मा, संजय त्यागी, राजेंद्र शर्मा आदि लोग पिछले काफी समय से मेरे ऊपर आसाराम से समझोते का दबाव बना रहे थे, करोड़ों रूपए का लालच भी दिया और हमलावरों का सहयोग करके मेरे ऊपर जानलेवा हमला भी करवाया परन्तु सफल न हुए. जिसके बाद सुरेन्द्र शर्मा ने अपनी पुत्रवधू प्रियंका शर्मा से अनेकों झूठी शिकायतें भी दिलवाई परन्तु चावला समझोते के लिए राजी नही हुआ.

आसाराम व् नारायण साईं को बचाने के उद्देश्य से ही DSP सतीश वत्स महेंद्र चावला पर हुए हमले सम्बन्धी FIR के दस्तावेज भी दबा कर बैठे हुआ है, सूचना आयोग क आदेश के बावजूद भी सतीश वत्स उन दस्तावेजो को देने के लिए बिलुकुल भी तैयार नही है.

वीओ - चावला ने आरोप लगाए की की आसाराम के गुर्गों ने पानीपत पुलिस के DSP सतीश वत्स, SHO सनोली सूरजभान को मोटी रिश्वत देकर चावला को झूठे केसों में फंसाने की सुपारी दी जिसके बाद DSP सतीश वत्स व् SHO सूरजभान ने जानबूझकर चावला की सुरक्षा को कमजोर करना शुरू कर दिया और बूढ़े, बीमार, शराबी व् लापरवाह कर्मचारी लगाकर चावला के ऊपर दबाव बनाने का प्रयास किया, लेकिन महेंद्र चावला ने DGP साहब को मिलकर DSP सतीश वत्स व् SHO सूरजभान के विरुद्ध शिकायत दी, इनके विरुद्ध करवाई की मांग की, इसी रंजिश के चलते व् आसाराम की तरफ से आई मोटी रिश्वत के कारण इन दोनों अधिकारियों ने ASI श्रीभगवान, HC राजिन्द्र को विश्वास में लेते हुए गाँव सनोली के स्थाई निवासियों सरपंच प्रियंका शर्मा, सुरेन्द्र शर्मा, राजेंद्र शर्मा, संजय त्यागी व् अन्य लोगों के साथ मिलकर षड्यंत्रपूर्वक घर में कोई भी गैरकानूनी सामान रखने के उद्देश्य से पहले तो पुनीत से घर का ताला तुडवाया फिर मरे हुए व्यक्ति को गवाह बनाकर सभी आरोपिओं को बचाने के उद्देश्य से केस को रद्द कर दिया. महेंद्र चावला का कहना है कि पानीपत पुलिस के गवाह सतनारायण पुत्र जीतराम की मृत्यु वर्ष 1995 में हो चुकी है तथा अन्य जिन तीन लोगों को पुलिस ने गवाह बनाया है उन नामों से गाँव में कोई व्यक्ति रहता ही नही है. इस प्रकार न तो पुलिस ने कोई जांच की, न कोई सबूत इकठा किया और न कोई करवाई की बस अपराधियों को संरक्षण देने के उद्देश्य से केस बंद कर दिया गया.

चावला ने कहा उपरोक्त सभी लोग यह शिकायत वापिस लेने का दबाव बनाने के उद्देश्य से कभी भी मेरे ऊपर जानलेवा हमला करवा सकते हैं,या अन्य किसी भी झूठे केस में मुझे फंसा सकते है, इसलिए मुझे केंद्रीय सुरक्षा दी जाए.

Conclusion:बाईट -- महेंद्र चावला ,आशाराम केस के अहम गवाह ,सामजिक कार्यकर्त्ता
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