पानीपत: दिवाली की आतिशबाजी के चलते पानीपत की आबोहवा खराब हो गई है. पानीपत प्रदूषण के मामले में देश का तीसरा बड़ा शहर बन गया है. सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के मुताबिक प्रदू,ण के मामले में गाजियाबाद पहले और दूसरे नंबर ग्रेटर नोएडा है. पानीपत में क्वालिटी ऑफ एयर इंडेक्स मंगलवार को 440 दर्ज किया गया. हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 कणों की मात्रा 500 तक पहुंच गई है. ऐसे में सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. इसके साथ की लोगों के आखों में जलन महसूस हो रही है. वहीं शहर में लोग चेहरा ढक कर निकल रहे हैं.
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पानीपत के लोगों में चिंता
उद्योगपति प्रीतम सचदेवा ने कहा कि शहर में चार दिन से उद्योग बंद है फिर भी ये प्रदूषण कम नहीं हो रहा है. युवाओं और महिलाओं ने कहा कि पटाखे छोड़े जाने के कारण प्रदूषण बहुत अधिक है. सांस लेने में दिक्कत आ रही है. आंखों में जलन हो रही है. कड़े कदम उठाने चाहिए, लेकिन प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.
पानी का छिड़काव किया जा रहा- उपायुक्त
प्रदूषण की हालत को देखते हुए पानीपत की उपायुक्त सुमेधा कटारिया ने चिंता जताते हुए कहा कि पानी का छिड़काव किया जा रहा है और खासतौर किसानों को पराली जलाने के लिए मना किया है. कोई भी किसान अगर कोई ऐसा करता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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