पानीपत: उद्योग नगरी पानीपत से हर तीन दिन में एक व्यक्ति लापता हो रहा है. आंकड़ों के अनुसार बीते 805 दिनों में जिले से 301 लोग गायब हो चुके हैं जिनका अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है. वहीं पानीपत शहरी क्षेत्र के विधायक द्वारा ये मुद्दा विधानसभा में उठाए जाने पर सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं.
पानीपत में गुमशुदा लोगों की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद भी आज तक पुलिस द्वारा मामलों को ट्रेस नहीं किया जा सका है. महीनों बाद भी परिजनों को अपनों का इंतजार है. जिपनेट के आंकड़ों के अनुसार पानीपत से वर्ष 2015 से लेकर 16 मार्च 2021 तक की बात करें तो लॉकडाउन के वर्ष यानि साल 2020 में सबसे ज्यादा लोग गुमशुदा हुए हैं. वहीं साल 2021 में अब तक 75 दिनों में लगभग 50 लोग लापता हो चुके हैं.
साल 2020 में सबसे ज्यादा 163 लोग गुमशुदा हुए हैं जबकि साल 2019 में 89 लोग लापता हुए हैं. साल 2018 में 109, साल 2017 में 4, साल 2016 में 95 और साल 2015 में 129 लोग लापता हुए हैं, इनमें कई नाबालिग भी शामिल हैं.
पिछले 3 वर्षों का आंकड़ा
साल 2019 में 54 पुरुष और 35 महिलाएं लापता हुए, इनमें से 10 नाबालिक हैं. वहीं 2020 में 78 पुरुष और 85 महिलाएं लापता हुए, इनमें से 17 नाबालिक हैं. साल 2021 में 24 पुरुष लापता हुए और 25 महिलाएं लापता हुई.
कई डेड बॉडी मिली जिनकी पहचान नहीं हो सकी
पानीपत में साल 2019 में 17 पुरुष और 2 महिलाओं के शव मिले, जिनकी पहचान नहीं हो सकी. 2020 में 6 पुरुष और 2 महिलाओं के लावारिस शव मिले जिनकी पहचान नहीं हो सकी. 2021 की बात करें तो अब तक कोई लावारिस शव नहीं मिला है.
विधायक ने मुद्दा उठाया, सरकार ने जांच के आदेश दिए
2021 के बजट सत्र में पानीपत के शहरी विधानसभा के विधायक प्रमोद विज ने पानीपत से लापता हुए लोगों का मुद्दा उठाया था और सीबीआई जांच की मांग की थी. अब हरियाणा सरकार ने इस पर संज्ञान लेते हुए सीबीआई को जांच सौंपी है.
क्या है लोगों के लापता होने का कारण?
विधायक प्रमोद विज ने आशंका जताई कि मानव अंगों की तस्करी और भीख मंगवाने को लेकर कहीं लोगों को ना उठाया जा रहा हो. उन्होंने कहा कि कई बार ऐसे मामलों में देखा गया कि मानव अंगों की तस्करी के लिए लोगों को उठा लेते हैं. अब सीबीआई जांच में इसका असली कारण भी सामने आ ही जाएगा.
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