पानीपत: जापान के टोक्यो में चल रहे पैरा ओलंपिक खेलों (Tokyo Paralympics 2020) में भारत का प्रदर्शन उम्दा रहा है. इसी कड़ी में पानीपत के बुआना लाखु के जैवलिन थ्रो खिलाड़ी नवदीप सिंह (Navdeep Singh) ने भी भारत का प्रतिनिधित्व किया और चौथा स्थान हासिल किया. भले ही नवदीप सिंह मेडल जीतने से चूक गए हों, लेकिन परिवार को नवदीप पर आज भी पूरा गर्व है. नवदीप के मैच के दौरान गांव में उनके घर के बाहर काफी उत्साह देखने को मिला.
नवदीप के परिजनों का कहना है कि उनके बेटे की यह शुरुआत है और शुरुआत में जब चौथा स्थान हासिल किया है तो आने वाले समय में पहला स्थान भी हासिल करेगा और देश के लिए गोल्ड मेडल जरूर लाएगा. नवदीप के पिता दलबीर सिंह नवदीप के मेडल न जीत पाने से बिल्कुल भी निराश नहीं हैं. उनका कहना है कि हार और जीत तो खेल में लगे ही रहते हैं. नवदीप के सामने अभी काफी टूर्नामेंट हैं. वो आगे अच्छा प्रदर्शन जरूर करेगा.
वहीं नवदीप के भाई मनदीप का कहना है कि भले ही उसका भाई नवदीप इस बार देश के लिए कोई मेडल नहीं जीत पाया हो, लेकिन अगली बार नवदीप जरूर मेडल लेकर आएगा. मनदीप सिंह ने कहा कि नीरज चोपड़ा और सुमित अंतिल के गोल्ड मेडल लाने के बाद देश और प्रदेश में जैवलिन थ्रो का क्रेज बढ़ा है. अब युवा इस तरह दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
कैसा रहा नवदीप का प्रदर्शन?: टोक्यो पैरालिंपिक में पानीपत के नवदीप भाला फेंक में पदक से चूक गए. वह चौथे नंबर पर रहे. उन्होंने 40.80 मीटर तक भाला फेंका. उनका सर्वश्रेष्ठ 43.78 मीटर है. अगर इतनी दूरी तक भी भाला फेंकते तो सिल्वर मेडल पक्का हो जाता, लेकिन खराब मौसम उनकी राह में रोड़ा बन गया. दरअसल, बारिश के कारण ट्रैक पर फिसलन हो गई थी. भाला फेंक में दौड़ का महत्व रहता है. जिस गति से वह दौड़ते थे, फिर भाला फेंकते हैं, वैसा कर नहीं सके.
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