पानीपत: 30 सितंबर के बाद पानीपत की हैंडलूम मार्केट (Handloom Market of Panipat) की मुश्किल और भी बढ़ने जा रही हैं. एनसीआर में एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन ने 30 सितंबर तक कोयले से चलने वाले उद्योगों को पीएनजी गैस पर शिफ्ट करने के आदेश दिए थे. इन आदेशों पर अब हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Haryana State Pollution Control Board ) ने भी पानीपत के उद्योगपतियों को चेतावनी दी थी. 30 सितंबर आने में सिर्फ 21 दिन बाकी है पर आज भी पानीपत की लगभग 50 प्रतिशत यूनिट कोयले पर ही आधारित है जोकि सितंबर माह के बाद उद्योगपतियों के लिए एक बड़ी मुसीबत बन सकती है.
बता दें कि लगभग 2 महीने पहले सरकार ने पानीपत और मतलोड़ा को एनसीआर से बाहर करने के लिए प्लानिंग कमेटी के पास प्रस्ताव भेजा था. लेकिन अभी तक पानीपत और मतलोड़ा को एनसीआर से बाहर नहीं किया गया. उद्योगपति भी इस असमंजस में फंसे हुए हैं कि वह एनसीआर से बाहर होंगे या नहीं. जब तक सरकार यह साफ नहीं करती कि एनसीआर से पानीपत और मतलोड़ा दोनों बाहर हो गए हैं तब तक उन पर एनसीआर के रूल लागू होंगे.
30 सितंबर के बाद पानीपत में कोयले से चलने वाले उद्योग होंगे बंद, इंडस्ट्री मालिकों की बढ़ी मुश्किलें
एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन ने 30 सितंबर तक कोयले से चलने वाले उद्योगों को पीएनजी गैस पर शिफ्ट करने के आदेश (Order to shift industries to PNG gas) दिए हैं. इन आदेशों पर अब हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी उद्यमियों को चेताया है. उद्यमियों को 30 सितंबर तक का अल्टीमेटम देते हुए सूचना सार्वजनिक कर दी है. इससे उद्यमियों में रोष है.
पानीपत: 30 सितंबर के बाद पानीपत की हैंडलूम मार्केट (Handloom Market of Panipat) की मुश्किल और भी बढ़ने जा रही हैं. एनसीआर में एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन ने 30 सितंबर तक कोयले से चलने वाले उद्योगों को पीएनजी गैस पर शिफ्ट करने के आदेश दिए थे. इन आदेशों पर अब हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Haryana State Pollution Control Board ) ने भी पानीपत के उद्योगपतियों को चेतावनी दी थी. 30 सितंबर आने में सिर्फ 21 दिन बाकी है पर आज भी पानीपत की लगभग 50 प्रतिशत यूनिट कोयले पर ही आधारित है जोकि सितंबर माह के बाद उद्योगपतियों के लिए एक बड़ी मुसीबत बन सकती है.
बता दें कि लगभग 2 महीने पहले सरकार ने पानीपत और मतलोड़ा को एनसीआर से बाहर करने के लिए प्लानिंग कमेटी के पास प्रस्ताव भेजा था. लेकिन अभी तक पानीपत और मतलोड़ा को एनसीआर से बाहर नहीं किया गया. उद्योगपति भी इस असमंजस में फंसे हुए हैं कि वह एनसीआर से बाहर होंगे या नहीं. जब तक सरकार यह साफ नहीं करती कि एनसीआर से पानीपत और मतलोड़ा दोनों बाहर हो गए हैं तब तक उन पर एनसीआर के रूल लागू होंगे.