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हरियाणा के इस बदहाल गांव तक पहुंचने से पहले विकास दम तोड़ देता है!

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Published : Aug 1, 2022, 4:59 PM IST

Updated : Aug 1, 2022, 8:28 PM IST

मशहूर कवि अदम गोंडवी ने लिखा है- तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है. अदम गोंडवी की ये लाइनें हरियाणा में पानीपत जिले के गांव बाबपुर (Babarpur village of Panipat) पर सटीक बैठती हैं. सरकार की फाइलों में हर गांव भले तरक्की की इबारत लिख रहा हो लेकिन बाबरपुर दशकों से अपनी बदहाली पर रो रहा है.

Babarpur village of Panipat
Babarpur village of Panipat

पानीपत: 'हर ग्राम, निर्मल ग्राम' बनाने का हरियाणा सरकार का वादा पानीपत शहर के गांव बाबरपुर में धराशाई होता नजर आ रहा है. यह एक ऐसा गांव है जहां पहुंचने से पहले विकास दम तोड़ देता है. आलम यह है कि मानसून की बारिश में गांव पूरा तालाब बन जाता है. बरसात से गांव का तालाब इतना भर जाता है कि उसके पानी में सारे रास्ते जलमग्न हो जाते हैं. चारों तरफ गंदगी का अंबार होता है. बरसात का पानी सूखने में महीनों लग जाते हैं.

दरअसल, गांव में करीब 20 फीट गहरा तालाब है. तलाब करीब 20 साल से भी ज्यादा समय से है. शुरुआती समय में इस तालाब के ओवरफ्लो होने के बाद पानी निकासी उसके साथ बनाए गए नाले से होती थी. धीरे-धीरे तलाब किनारे मकानों का निर्माण होने लगा. जिसके बाद निकासी में दिक्कत आने लगी. तलाब का कभी किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं हुआ. तलाब में पानी बढ़ता चला गया. उसकी चाहरदीवारी खत्म हो गई. अब तलाब में पानी के नीचे पूरी जमीन दलदली हो गई है. बरसात आने के बाद तलाब का पानी सड़क और सभी रास्तों पर भर जाता है. पैदल और बाइक से चलना भी यहां मुश्किल हो जाता है.

पानीपत का बदहाल गांव बाबरपुर.

पानीपत का बाबरपुर गांव पानीपत ग्रामीण विधानसभा में आता है. यहां से बीजेपी के महिपाल ढांडा (Panipat rural mla Mahipal Dhanda) विधायक हैं. ये कहानी केवल एक गांव की नहीं है. बाबरपुर के साथ बड़ौली, कचरौली और महमदपुर गांव बारिश में भी कमोबेस यही हालात हैं. बरसात का पानी घरों में घुस जाता है. नालों और तालाबों के गंदे पानी के साथ घर के अंदर सांप, बिच्छू समेत कई जहरीलने कीट भी अपना अड्डा बना लेते हैं.

सरपंच पर जातिगत भेदभाव का आरोप- इस बारे में ग्रामीणों ने तालाब में उतरकर प्रशासन, सरपंच, विधायक के खिलाफ नारेबारी की. स्थानीय लोगों कहना कि यह तलाब चुनावीं तलाब है. चुनावों के दिनों में हर प्रत्याशी इस तलाब का समाधान करवाने का वादा करता है. सरपंच बनने के बाद इन वादों को पूरा करना तो दूर, कोई यहां दोबारा आता तक नहीं है. पिछले दो कार्याकाल में सरपंच रहे बलदेव पर स्थानीय लोगों ने खासतौर से ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ जाति भेदभाव के चलते तालाब का काम नहीं करवाया.

Babarpur village of Panipat
ग्रामीणों को महीनों तक कीचड़ भरे रास्ते से गुजरना पड़ता है.

पूर्व सरपंच बोले लोग ही समस्या का कारण- गांव के पिछले दो कार्यकाल यानि 10 साल सरपंच रहे बलदेव गांव में नहीं मिले. उनसे फोन पर संपर्क किया गया. जिस दौरान उन्होंने तलाब के पास रहने वाले लोगों पर ही इसका ठीकरा फोड़ दिया. उन्होंने कहा कि लोगों के कोई काम नहीं हो सकते हैं. क्योंकि इस समस्या का कारण ये लोग ही हैं. ये लोग तालाब में कूड़ा आदि फेंकते हैं. तलाब किनारे जमीन पर अवैध निर्माण कर रहे हैं. जिससे निकासी बंद हो गई है। सरपंच बोले कि मैंने अपने कार्याकाल में कई बार कोशिश की मगर काम नहीं हो सका. अब BDPO ही इस तालाब का काम कर सकते हैं.

पानीपत: 'हर ग्राम, निर्मल ग्राम' बनाने का हरियाणा सरकार का वादा पानीपत शहर के गांव बाबरपुर में धराशाई होता नजर आ रहा है. यह एक ऐसा गांव है जहां पहुंचने से पहले विकास दम तोड़ देता है. आलम यह है कि मानसून की बारिश में गांव पूरा तालाब बन जाता है. बरसात से गांव का तालाब इतना भर जाता है कि उसके पानी में सारे रास्ते जलमग्न हो जाते हैं. चारों तरफ गंदगी का अंबार होता है. बरसात का पानी सूखने में महीनों लग जाते हैं.

दरअसल, गांव में करीब 20 फीट गहरा तालाब है. तलाब करीब 20 साल से भी ज्यादा समय से है. शुरुआती समय में इस तालाब के ओवरफ्लो होने के बाद पानी निकासी उसके साथ बनाए गए नाले से होती थी. धीरे-धीरे तलाब किनारे मकानों का निर्माण होने लगा. जिसके बाद निकासी में दिक्कत आने लगी. तलाब का कभी किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं हुआ. तलाब में पानी बढ़ता चला गया. उसकी चाहरदीवारी खत्म हो गई. अब तलाब में पानी के नीचे पूरी जमीन दलदली हो गई है. बरसात आने के बाद तलाब का पानी सड़क और सभी रास्तों पर भर जाता है. पैदल और बाइक से चलना भी यहां मुश्किल हो जाता है.

पानीपत का बदहाल गांव बाबरपुर.

पानीपत का बाबरपुर गांव पानीपत ग्रामीण विधानसभा में आता है. यहां से बीजेपी के महिपाल ढांडा (Panipat rural mla Mahipal Dhanda) विधायक हैं. ये कहानी केवल एक गांव की नहीं है. बाबरपुर के साथ बड़ौली, कचरौली और महमदपुर गांव बारिश में भी कमोबेस यही हालात हैं. बरसात का पानी घरों में घुस जाता है. नालों और तालाबों के गंदे पानी के साथ घर के अंदर सांप, बिच्छू समेत कई जहरीलने कीट भी अपना अड्डा बना लेते हैं.

सरपंच पर जातिगत भेदभाव का आरोप- इस बारे में ग्रामीणों ने तालाब में उतरकर प्रशासन, सरपंच, विधायक के खिलाफ नारेबारी की. स्थानीय लोगों कहना कि यह तलाब चुनावीं तलाब है. चुनावों के दिनों में हर प्रत्याशी इस तलाब का समाधान करवाने का वादा करता है. सरपंच बनने के बाद इन वादों को पूरा करना तो दूर, कोई यहां दोबारा आता तक नहीं है. पिछले दो कार्याकाल में सरपंच रहे बलदेव पर स्थानीय लोगों ने खासतौर से ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ जाति भेदभाव के चलते तालाब का काम नहीं करवाया.

Babarpur village of Panipat
ग्रामीणों को महीनों तक कीचड़ भरे रास्ते से गुजरना पड़ता है.

पूर्व सरपंच बोले लोग ही समस्या का कारण- गांव के पिछले दो कार्यकाल यानि 10 साल सरपंच रहे बलदेव गांव में नहीं मिले. उनसे फोन पर संपर्क किया गया. जिस दौरान उन्होंने तलाब के पास रहने वाले लोगों पर ही इसका ठीकरा फोड़ दिया. उन्होंने कहा कि लोगों के कोई काम नहीं हो सकते हैं. क्योंकि इस समस्या का कारण ये लोग ही हैं. ये लोग तालाब में कूड़ा आदि फेंकते हैं. तलाब किनारे जमीन पर अवैध निर्माण कर रहे हैं. जिससे निकासी बंद हो गई है। सरपंच बोले कि मैंने अपने कार्याकाल में कई बार कोशिश की मगर काम नहीं हो सका. अब BDPO ही इस तालाब का काम कर सकते हैं.

Last Updated : Aug 1, 2022, 8:28 PM IST
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