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आज समझौता ब्लास्ट केस में आएगा फैसला, 2007 में ऐसे दो धमाकों में चली गई थी 68 लोगों की जान - samjhotablast,

समझौता एक्‍सप्रेस ट्रेन धमाका मामले में 7 मार्च को सुनवाई पूरी हो गई. 12 साल बाद आज एनआईए कोर्ट फैसला सुनाएगी.

समझौता एक्‍सप्रेस ट्रेन धमाका ( फाइल फोटो)
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Published : Mar 11, 2019, 10:18 AM IST

पंचकूला:पानीपत के बहुचर्चित समझौता ब्लास्ट मामले में आज पंचकूला की विशेष एनआईए अदालत फैसला सुनाएगी.


समझौता ब्लास्ट की पूरी कहानी
18 फरवरी 2007 को भारत पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में एक भयंकर बम ब्लास्ट हुआ था. समझौता एक्सप्रेस दिल्ली से अटारी के लिए रवाना हुई और ब्लास्ट पानीपत के साथ लगते दीवाना रेलवे स्टेशन पर हुआ.

समझौता एक्‍सप्रेस ट्रेन धमाका ( फाइल फोटो)


इस जोरदार बम धमाके में 68 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. एक ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. मरने वालों में 16 बच्चे भी शामिल थे. वहीं 50 लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए. मारने वाले ज्यादातर लोग पाकिस्तानी थे. इस हादसे में चार रेलवे कर्मी भी मारे गए थे.

samjhauta blast case
समझौता एक्‍सप्रेस ट्रेन धमाका ( फाइल फोटो)


2001 के संसद हमले पर हमला होने के बाद ट्रेन को बंद कर दिया गया था, जिसे जनवरी 2004 में फिर से शुरू किया गया था. हमले के दो दिन बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री खुर्शीद अहमद कसूरी को भारत आना था. ब्लास्ट के बाद तनातनी की स्थिति के बीच खुर्शीद अहमद कसूरी ने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया था.


हादसे में अन्य सात पाकिस्तान नागरिक घायल भी हो गए. घायल नागरिकों को पाकिस्तान वापस भेजने के लिए भारतीय प्रशासन ने पाकिस्तानी वायु सेना को आज्ञा दे दी थी.


एफआईआर के अनुसार दिल्ली से करीब 80 किलोमीटर दूर पानीपत के दीवाना रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन में धमाका हुआ था. ब्लास्ट से ट्रेन के दो जनरल कोच में आग लग गई थी.


मारे गए सभी लोगों के डीएनए सैंपल रखकर पानीपत की मेहराना गांव में स्थित कब्रिस्तान में दफना दिया गया था. इस बम ब्लास्ट में घायल हुए कुछ लोगों को और मारे गए कुछ लोगों के परिजनों को पानीपत के वकील मोमिन मलिक ने मुआवजा भी दिलवाया था.

पंचकूला:पानीपत के बहुचर्चित समझौता ब्लास्ट मामले में आज पंचकूला की विशेष एनआईए अदालत फैसला सुनाएगी.


समझौता ब्लास्ट की पूरी कहानी
18 फरवरी 2007 को भारत पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में एक भयंकर बम ब्लास्ट हुआ था. समझौता एक्सप्रेस दिल्ली से अटारी के लिए रवाना हुई और ब्लास्ट पानीपत के साथ लगते दीवाना रेलवे स्टेशन पर हुआ.

समझौता एक्‍सप्रेस ट्रेन धमाका ( फाइल फोटो)


इस जोरदार बम धमाके में 68 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. एक ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. मरने वालों में 16 बच्चे भी शामिल थे. वहीं 50 लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए. मारने वाले ज्यादातर लोग पाकिस्तानी थे. इस हादसे में चार रेलवे कर्मी भी मारे गए थे.

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समझौता एक्‍सप्रेस ट्रेन धमाका ( फाइल फोटो)


2001 के संसद हमले पर हमला होने के बाद ट्रेन को बंद कर दिया गया था, जिसे जनवरी 2004 में फिर से शुरू किया गया था. हमले के दो दिन बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री खुर्शीद अहमद कसूरी को भारत आना था. ब्लास्ट के बाद तनातनी की स्थिति के बीच खुर्शीद अहमद कसूरी ने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया था.


हादसे में अन्य सात पाकिस्तान नागरिक घायल भी हो गए. घायल नागरिकों को पाकिस्तान वापस भेजने के लिए भारतीय प्रशासन ने पाकिस्तानी वायु सेना को आज्ञा दे दी थी.


एफआईआर के अनुसार दिल्ली से करीब 80 किलोमीटर दूर पानीपत के दीवाना रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन में धमाका हुआ था. ब्लास्ट से ट्रेन के दो जनरल कोच में आग लग गई थी.


मारे गए सभी लोगों के डीएनए सैंपल रखकर पानीपत की मेहराना गांव में स्थित कब्रिस्तान में दफना दिया गया था. इस बम ब्लास्ट में घायल हुए कुछ लोगों को और मारे गए कुछ लोगों के परिजनों को पानीपत के वकील मोमिन मलिक ने मुआवजा भी दिलवाया था.

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आज समझौता ब्लास्ट केस में आएगा फैसला, 2007 में ऐसे दो धमाकों में चली गई थी 58 लोगों की जान

समझौता ब्लास्ट में आई इंसाफ की घड़ी, 12 साल बाद आरोपियों को एनआईए कोर्ट सुनाएगा सजा

पानीपतः समझौता एक्‍सप्रेस ट्रेन धमाका मामले में 7 मार्च को सुनवाई पूरी हो गई. 12 साल बाद आज एनआईए कोर्ट फैसला सुनाएगी. 

समझौता ब्लास्ट की पूरी कहानी 

18 फरवरी 2007 को भारत पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में एक भयंकर बम ब्लास्ट हुआ था. समझौता एक्सप्रेस दिल्ली से अटारी के लिए रवाना हुई और ब्लास्ट पानीपत के साथ लगते दीवाना रेलवे स्टेशन पर हुआ.

इस जोरदार बम धमाके में 58 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. एक ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. मरने वालों में 16 बच्चे भी शामिल थे. वहीं 50 लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए. मारने वाले ज्यादातर लोग पाकिस्तानी थे. इस हादसे में चार रेलवे कर्मी भी मारे गए थे.  

2001 के संसद हमले पर हमला होने के बाद ट्रेन को बंद कर दिया गया था, जिसे जनवरी 2004 में फिर से शुरू किया गया था. हमले के दो दिन बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री खुर्शीद अहमद कसूरी को भारत आना था. ब्लास्ट के बाद तनातनी की स्थिति के बीच खुर्शीद अहमद कसूरी ने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया था.

हादसे में अन्य सात पाकिस्तान नागरिक घायल भी हो गए. घायल नागरिकों को पाकिस्तान वापस भेजने के लिए भारतीय प्रशासन ने पाकिस्तानी वायु सेना को आज्ञा दे दी थी.

एफआईआर के अनुसार दिल्ली से करीब 80 किलोमीटर दूर पानीपत के दीवाना रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन में धमाका हुआ था. ब्लास्ट से ट्रेन के दो जनरल कोच में आग लग गई थी. 

मारे गए सभी लोगों के डीएनए सैंपल रखकर पानीपत की मेहराना गांव में स्थित कब्रिस्तान में दफना दिया गया था. इस बम ब्लास्ट में घायल हुए कुछ लोगों को और मारे गए कुछ लोगों के परिजनों को पानीपत के वकील मोमिन मलिक ने मुआवजा भी दिलवाया था. 

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