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पंंचकूला के इस क्षेत्र में नहीं है सड़क, मरीजों को चारपाई पर ले जाने को मजबूर ग्रामीण

गांव कडेरन से बेला तक सड़क नहीं होने कारण आज भी ग्रामीण मरीज को चारपाई पर ले जाते हैं.

panchkula village no road infrastructure
ग्रामीण चारपाई पर ले जाते हैं मरीज
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Published : Jan 31, 2020, 6:33 PM IST

पंचकूला: मोरनी खंड की धारला पंचायत के गांव कडेरन से बेला तक रास्ते के निर्माण के लिए सितंबर-अक्तूबर 2019 में टेंडर लगाने के बावजूद कई महीने बाद भी रास्ता बनाने का कार्य शुरू नहीं हो पाया. जिसके चलते आज भी चारपाई पर मरीजों को सड़क तक लेजाना पड़ रहा है.

बेला गांव में एक 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला इसरो देवी की तबियत खराब होने पर ग्रामीण उसे चारपाई पर कडेरन गांव के पास पक्की सड़क पर एम्बुलेंस तक लेकर गए.

पंंचकूला के इस क्षेत्र में नहीं है सड़क, देखें वीडियो

जानकारी अनुसार विभाग ने शिवालिक विकास बोर्ड के माध्यम से सितंबर 2019 में कडेरन से बेला रास्ते के निर्माण के लिए 51 लाख 43 हजार रुपये के बजट से बनने वाले रास्ते के लिए निविदाएं आमंत्रित की थी लेकिन जनवरी 2020 समाप्त होने को है मगर रास्ता बनने की दिशा में कोई कार्रावाई नहीं हो रहा है.

ग्रामीणों ने बताया कि वो रास्ते का निर्माण शुरू करवाने के लिए अनेकों बार विभाग के अधिकारियों सहित पूर्व-विधायक लतिका शर्मा से भी मिले हैं, लेकिन वन विभाग टस से मस न हुआ.

गांव वासी 2 बार सीएम विंडो पर रास्ते निर्माण के लिए गुहार लगा चुके हैं मगर कोई सुनवाई नहीं हुई. गांव की महिलाओं ने अब मुख्यमंत्री से मिलने का निर्णय लिया है. ताकि उन्हें समस्या से अवगत करवाकर रास्ते के निर्माण में बांधा बने वन विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर सके.

ये भी पढ़ें- चीन से आ रहे भारतीय छात्रों के लिए मानसेर में सेना ने बनाया आइसोलेशन सेंटर

पंचकूला: मोरनी खंड की धारला पंचायत के गांव कडेरन से बेला तक रास्ते के निर्माण के लिए सितंबर-अक्तूबर 2019 में टेंडर लगाने के बावजूद कई महीने बाद भी रास्ता बनाने का कार्य शुरू नहीं हो पाया. जिसके चलते आज भी चारपाई पर मरीजों को सड़क तक लेजाना पड़ रहा है.

बेला गांव में एक 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला इसरो देवी की तबियत खराब होने पर ग्रामीण उसे चारपाई पर कडेरन गांव के पास पक्की सड़क पर एम्बुलेंस तक लेकर गए.

पंंचकूला के इस क्षेत्र में नहीं है सड़क, देखें वीडियो

जानकारी अनुसार विभाग ने शिवालिक विकास बोर्ड के माध्यम से सितंबर 2019 में कडेरन से बेला रास्ते के निर्माण के लिए 51 लाख 43 हजार रुपये के बजट से बनने वाले रास्ते के लिए निविदाएं आमंत्रित की थी लेकिन जनवरी 2020 समाप्त होने को है मगर रास्ता बनने की दिशा में कोई कार्रावाई नहीं हो रहा है.

ग्रामीणों ने बताया कि वो रास्ते का निर्माण शुरू करवाने के लिए अनेकों बार विभाग के अधिकारियों सहित पूर्व-विधायक लतिका शर्मा से भी मिले हैं, लेकिन वन विभाग टस से मस न हुआ.

गांव वासी 2 बार सीएम विंडो पर रास्ते निर्माण के लिए गुहार लगा चुके हैं मगर कोई सुनवाई नहीं हुई. गांव की महिलाओं ने अब मुख्यमंत्री से मिलने का निर्णय लिया है. ताकि उन्हें समस्या से अवगत करवाकर रास्ते के निर्माण में बांधा बने वन विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर सके.

ये भी पढ़ें- चीन से आ रहे भारतीय छात्रों के लिए मानसेर में सेना ने बनाया आइसोलेशन सेंटर

Intro:मोरनी खंड की धारला पंचायत के गांव कडेरन से बेला तक रास्ते के निर्माण के लिए सितंबर-अक्तूबर 2019 में टेंडर लगाने के बावजूद कई माह बाद भी रास्ता बनाने का कार्य शुरू नहीं हो पाया। जिसके चलते आज भी चारपाई पर मरीजों को सड़क तक लेजाना पड़ रहा है। बेला गांव में एक 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला इसरो देवी की तबियत खराब होने पर ग्रामीण उसे चारपाई पर कडेरन गांव के पास पक्की सड़क पर एम्बुलेंस तक लेकर गये।Body:जानकारी अनुसार विभाग ने शिवालिक विकास बोर्ड के माध्यम से सितंबर 2019 में कडेरन से बेला रास्ते के निर्माण के लिए 51 लाख 43 हजार रुपए के बजट से बनने वाले रास्ते के लिए निविदाएं आमन्त्रित की थी लेकिन जनवरी 2020 समाप्त होने को है मगर रास्ता बनने की दिशा में कोई कार्यवाही नहीं दिखी।

बाइट - ग्रामीण।Conclusion:ग्रामीण रास्ते का निर्माण शुरू करवाने के लिए अनेकों बार विभाग के अधिकारियों सहित पूर्व- विधायक लतिका शर्मा से भी मिले लेकिन वन विभाग टस से मस न हुआ। गांव वासी 2 बार सीएम विंडो पर रास्ते निर्माण के लिए गुहार लगा चुके हैं मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। गांव की महिलाओं ने अब मुख्यमंत्री से मिलने का निर्णय लिया है ताकि उन्हें समस्या से अवगत करवाकर रास्ते के निर्माण में बाधा बने वन विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाही की मांग कर सके।

बाइट - ग्रामीण।
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