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पंचकूला: नवविवाहिता ने की आत्महत्या, पति पर लगे गंभीर आरोप

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Published : Apr 20, 2020, 8:44 AM IST

पंचकूला से दहेज की मांग को लेकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि पंचकूला की राजीव कॉलोनी में एक नवविवाहिता ने आत्महत्या कर ली. मृतका के मायके वालों ने मृतका के पति पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है. फिलहास पुलिस ने मृतका के पति को गिरफ्तार कर लिया है.

panchkula new married woman committed suicide
पंचकूला: एक नवविवाहिता ने की आत्महत्या, मृतिका के मायके वालों ने लगाया मृतिका के पति पर गंभीर आरोप

पंचकूला: एक बार भी फिर दहेज के लोभियों के कारण एक नवविवाहिता को अपनी जान गवानी पड़ी. प्रदेश में दहेज रूपी दानव पिछले कुछ लंबे समय से पैर पसारे हुए है. जिसके चलते हर साल हजारों महिलाओं को अपनी जान गवानी पड़ रही है. लेकिन सब कुछ जानते हुए सरकार अंधी, बहरी और गूंगी बनी हुई.

ताजा मामला पंचकूला की राजीव कॉलोनी से सामने आया है. बताया जा रहा है कि करीब 8 महीने पहले ही मृतका की शादी हुई थी. वहीं बीते कुछ दिनों से घर में झगड़ा चल रहा था. जिसके चलते नवविवाहिता ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतका की जानकारी मिलने के बाद परिवार वाले घर पहुंचे और घटना की सूचना पुलिस को दी थी.

वहीं मृतका के मायके वालों का कहना है कि मृतका का पति उनकी बेटी को दहेज के लिए परेशान करता था. जिसके चलते उनकी बेटी ने आत्महत्या का कदम उठाया है. फिलहाल मृतका के मायके वालों के आरोप के चलते पुलिस ने मृतका के पति राजू को गिरफ्तार कर लिया है. जिसे कोर्ट में पेश करने के बाद 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा. वहीं पुलिस मामले में अब आगामी जांच में जुटी है.

बता दें कि देश में औसतन हर एक घंटे में एक महिला दहेज संबंधी कारणों से मौत का शिकार होती है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो NCRB के आंकड़े बताते हैं. विभिन्न राज्यों से हर साल 2014 से दहेज हत्या के 8455 मामले सामने आए थे. हमारे देश में प्रत्येक एक घंटे में एक महिला दहेज रूपी दानव का शिकार होती है. जिसको रोकने को लेकर सरकार द्वारा तमाम कानून बनाए गए हैं. लेकिन उसके बाद भी ये दानव लगातार देश में अपने पैर पसार रहा है. जिसके चलते हर साल हजारों बहन, बेटियां इसकी शिकार हो रहीं हैं.

ये भी पढ़ेंः- सिरसाः लॉकडाउन में फसल की कटाई के साथ खेत में पढ़ाई कर रहे छात्र

दहेज रूपी दानव को सरकार बढ़ावा दे रही है ये कहना गलत नहीं होगा क्योंकि देश में दहेज प्रथा पर रोक लगाई गई है. लेकिन इसके बावजूद भी अमीर लोग अपनी बेटी की शादी में करोड़ों रूपये खर्च कर रहें हैं. जिसका असर समाज पर पड़ रहा है. समाज में लाखों ऐसे दानव हैं जिनकी दहेज की भूख तभी खत्म होती है. जिसके चलते हर साल हजारों बेटियों, बहनों को अपनी जान देनी पड़ती है. सरकार को दहेज रूपी जानव को समाज उखाड़ फेकना चाहिए.

पंचकूला: एक बार भी फिर दहेज के लोभियों के कारण एक नवविवाहिता को अपनी जान गवानी पड़ी. प्रदेश में दहेज रूपी दानव पिछले कुछ लंबे समय से पैर पसारे हुए है. जिसके चलते हर साल हजारों महिलाओं को अपनी जान गवानी पड़ रही है. लेकिन सब कुछ जानते हुए सरकार अंधी, बहरी और गूंगी बनी हुई.

ताजा मामला पंचकूला की राजीव कॉलोनी से सामने आया है. बताया जा रहा है कि करीब 8 महीने पहले ही मृतका की शादी हुई थी. वहीं बीते कुछ दिनों से घर में झगड़ा चल रहा था. जिसके चलते नवविवाहिता ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतका की जानकारी मिलने के बाद परिवार वाले घर पहुंचे और घटना की सूचना पुलिस को दी थी.

वहीं मृतका के मायके वालों का कहना है कि मृतका का पति उनकी बेटी को दहेज के लिए परेशान करता था. जिसके चलते उनकी बेटी ने आत्महत्या का कदम उठाया है. फिलहाल मृतका के मायके वालों के आरोप के चलते पुलिस ने मृतका के पति राजू को गिरफ्तार कर लिया है. जिसे कोर्ट में पेश करने के बाद 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा. वहीं पुलिस मामले में अब आगामी जांच में जुटी है.

बता दें कि देश में औसतन हर एक घंटे में एक महिला दहेज संबंधी कारणों से मौत का शिकार होती है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो NCRB के आंकड़े बताते हैं. विभिन्न राज्यों से हर साल 2014 से दहेज हत्या के 8455 मामले सामने आए थे. हमारे देश में प्रत्येक एक घंटे में एक महिला दहेज रूपी दानव का शिकार होती है. जिसको रोकने को लेकर सरकार द्वारा तमाम कानून बनाए गए हैं. लेकिन उसके बाद भी ये दानव लगातार देश में अपने पैर पसार रहा है. जिसके चलते हर साल हजारों बहन, बेटियां इसकी शिकार हो रहीं हैं.

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दहेज रूपी दानव को सरकार बढ़ावा दे रही है ये कहना गलत नहीं होगा क्योंकि देश में दहेज प्रथा पर रोक लगाई गई है. लेकिन इसके बावजूद भी अमीर लोग अपनी बेटी की शादी में करोड़ों रूपये खर्च कर रहें हैं. जिसका असर समाज पर पड़ रहा है. समाज में लाखों ऐसे दानव हैं जिनकी दहेज की भूख तभी खत्म होती है. जिसके चलते हर साल हजारों बेटियों, बहनों को अपनी जान देनी पड़ती है. सरकार को दहेज रूपी जानव को समाज उखाड़ फेकना चाहिए.

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