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कुरुक्षेत्र की 48 कोस की धरती में नए तीर्थ होंगे शामिल - कुरुक्षेत्र 48 कोस नए तीर्थ स्थल

कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा 48 कोस के सर्वे में कुछ नए तीर्थ स्थलों का सर्वे किया गया है. जल्द ही इनकी पहचान कर 48 कोस के तीर्थ स्थलों में इन्हें शामिल किया जाएगा.

Kurukshetra new pilgrimages places survey
Kurukshetra new pilgrimages places survey
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Published : Aug 26, 2020, 10:51 PM IST

कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड 48 कोस कुरुक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत और जींद जिले के प्रमुख तीर्थों की देखरेख करता है. कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड (केडीबी) अभी तक 134 तीर्थ की पहचान ही कर पाया है बाकी की पहचान करने के अभी प्रयास चल रहे हैं.

नए तीर्थ स्थलों के लिए किया गया सर्वे

1998-99 के बाद केडीबी के 50 वर्ष पूरे होने पर जून 2019 में फिर सर्वे किया गया था. केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने बताया कि 48 कोस के सर्वे ऐसे कुछ नए तीर्थ स्थलों का सर्वे किया गया है. जल्द ही इनकी पहचान कर 48 कोस के तीर्थ स्थलों में शामिल किया जाएगा.

कुरुक्षेत्र की 48 कोस की धरती में कुछ और तीर्थ होंगे शामिल.

मदन मोहन छाबड़ा ने बताया कि ग्रामीणों के कहे अनुसार 48 कोस में उनके गांव में कुछ तीर्थ शामिल किए जाएं. उसको लेकर एक सर्वे टीम बनाई गई है. जिसमें 4 एंगल देखे जा रहे हैं. पुरातत्व विभाग के अनुसार, इतिहास के अनुसार, शास्त्रों के अनुसार और जन श्रुतियों के अनुसार इन चिन्हित तीर्थ स्थलों का सर्वे किया जा रहा है. जल्द ही इनकी घोषणा कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अध्यक्ष व हरियाणा के राज्यपाल द्वारा की जाएगी.

ये भी पढ़ें- अनलॉक के बाद भी पटरी पर नहीं लौट रहा आइसक्रीम व्यवसाय, हर महीने हो रहा लाखों का नुकसान

बता दें कि, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधीन 48 कोस के वे सभी तीर्थ स्थल आते हैं जो महाभारत कालीन हैं. कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, पानीपत, करनाल इन सभी जिलों में महाभारत कालीन तीर्थ स्थल है, जिनकी देखरेख कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधीन है.

कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड 48 कोस कुरुक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत और जींद जिले के प्रमुख तीर्थों की देखरेख करता है. कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड (केडीबी) अभी तक 134 तीर्थ की पहचान ही कर पाया है बाकी की पहचान करने के अभी प्रयास चल रहे हैं.

नए तीर्थ स्थलों के लिए किया गया सर्वे

1998-99 के बाद केडीबी के 50 वर्ष पूरे होने पर जून 2019 में फिर सर्वे किया गया था. केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने बताया कि 48 कोस के सर्वे ऐसे कुछ नए तीर्थ स्थलों का सर्वे किया गया है. जल्द ही इनकी पहचान कर 48 कोस के तीर्थ स्थलों में शामिल किया जाएगा.

कुरुक्षेत्र की 48 कोस की धरती में कुछ और तीर्थ होंगे शामिल.

मदन मोहन छाबड़ा ने बताया कि ग्रामीणों के कहे अनुसार 48 कोस में उनके गांव में कुछ तीर्थ शामिल किए जाएं. उसको लेकर एक सर्वे टीम बनाई गई है. जिसमें 4 एंगल देखे जा रहे हैं. पुरातत्व विभाग के अनुसार, इतिहास के अनुसार, शास्त्रों के अनुसार और जन श्रुतियों के अनुसार इन चिन्हित तीर्थ स्थलों का सर्वे किया जा रहा है. जल्द ही इनकी घोषणा कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अध्यक्ष व हरियाणा के राज्यपाल द्वारा की जाएगी.

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बता दें कि, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधीन 48 कोस के वे सभी तीर्थ स्थल आते हैं जो महाभारत कालीन हैं. कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, पानीपत, करनाल इन सभी जिलों में महाभारत कालीन तीर्थ स्थल है, जिनकी देखरेख कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधीन है.

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