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करनाल के बाद कुरुक्षेत्र में डिपो पर तिरंगा नहीं तो राशन नहीं, ग्रामीणों ने किया विरोध - har ghar tiranga

करनाल के बाद कुरुक्षेत्र जिले में भी राशन के साथ जबरदस्ती तिरंगा झंडा बेचने का मामला सामने आया है. शाहबाद के गांव हबाना में ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि डिपो होल्डर उन्हें 25 रुपये में झंडा बेच रहा है. झंडा नहीं लेने पर उसे राशन नहीं दे रहा है. हलांकि डिपो होल्डर ने इन आरोपों को गलत बताया है.

No ration without tiranga in Kurukshetra
No ration without tiranga in Kurukshetra
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Published : Aug 12, 2022, 8:54 PM IST

कुरुक्षेत्र: शाहाबाद में गांव हबाना के ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि बिना झंडा खरीदे डिपो होल्डर उन्हें राशन नहीं (No ration without tiranga in Kurukshetra) दे रहा है. राशन के साथ एक तिरंगा उन्हें 25 रुपये का दिया जा रहा है. वहीं जब इस बारे में डिपो होल्डर गुलशन से बात की गई तो उन्होंने इन आरोपों को झूठा बताया. डिपो होल्डर ने कहा कि किसी के साथ कोई जबरदस्ती नहीं की जा रही है. राशन देते समय लोगों को झंडे के बारे में बताया जा रहा है. कोई अपनी मर्जी से लेना चाहता है तो ले सकता है. डिपो होल्डर ने कहा कि खाद्य आपूर्ति विभाग ने उन्हें ये झंडे बेचने को कहा है.

इससे पहले करनाल जिले के हेमदा गांव से भी ऐसी खबर आ चुकी है. जहां राशन लेने के लिए डिपो होल्डर के पास जा रहे लोगों को पहले 20 रुपये का तिरंगा झंडा दिया जा रहा था. उसके बाद ही उन्हें राशन मिल रहा था. इस मामले में जब करनाल जिले के हेमदा गांव में राशन डिपो चला रहे दिनेश कुमार का कहना था कि उसके पास ऊपर से आदेश आया है तिरंगा बेचने का. फूड इंस्पेक्टर ने उसे कहा है कि राशन के साथ झंडा देना जरूरी है. जो झंडा नहीं खरीदेगा उसे राशन नहीं (No tiranga no Ration in Haryana) देना है. दिनेश कुमार के मुताबिक वो तो बस ऊपर के अधिकारियों के आदेश का पालन कर रहा है. विभाग ने पहले ही उनसे झंडे का एडवांस पैसा ले लिया है. हर डिपो बेचने के लिए 168 तिरंगे झंडे दिए गए हैं.

करनाल के बाद कुरुक्षेत्र में डिपो पर तिरंगा नहीं तो राशन नहीं, ग्रामीणों ने किया विरोध

विभाग ने डिपो धारकों से लिया 3200 रुपये- डिपो धारकों द्वारा राशन डिपो पर तिरंगा नहीं तो राशन नहीं का मैसेज रविवार को व्हाट्सएप ग्रुप पर वायरल हुआ. जिसमें डिपो धारक ने लिखा है कि डिपो से जुड़े सभी राशन कार्ड धारक 20 रुपये लेकर डिपो पर झंडा लेने पहुंचे. झंडा न लेने वालों को अगस्त महीने का गेहूं नहीं दिया जाएगा. सूत्रों की मानें तो खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से हर डिपो को 168 झंडे बांटने के लिए दिए गए हैं. ये भी उन्होंने 32 सौ देकर खरीदे हैं. यानि डिपो होल्डर को ये झंडा 19 रुपये में मिला. एक रुपये मुनाफे के साथ वो राशन लेने वालों को बेच रहा है.

डिपो धारक का लाइसेंस निलंबित- हलांकि जब राशन डिपो पर जबरदस्ती तिरंगा बेचने की खबर सामने आई तो करनाल उपायुक्त अनीश यादव ने निसिंग खंड के हेमदा गांव के डिपो धारक दिनेश कुमार का लाइसेंस निलंबित कर दिया. उपायुक्त के मुताबिक जनता की सहूलियत के लिए डिपो होल्डरों को प्रशासन की ओर से 88 हजार 400 झंडे उपलब्ध करवाए गए हैं. कोई भी व्यक्ति इसे स्वेच्छा से 20 देकर खरीद सकता है.

ये भी पढ़ें- Har Ghar Tiranga, हरियाणा में तिरंगा नहीं तो राशन नहीं, 20 रुपये में गरीबों को जबरदस्ती झंडा बेच रहे डिपो होल्डर

कुरुक्षेत्र: शाहाबाद में गांव हबाना के ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि बिना झंडा खरीदे डिपो होल्डर उन्हें राशन नहीं (No ration without tiranga in Kurukshetra) दे रहा है. राशन के साथ एक तिरंगा उन्हें 25 रुपये का दिया जा रहा है. वहीं जब इस बारे में डिपो होल्डर गुलशन से बात की गई तो उन्होंने इन आरोपों को झूठा बताया. डिपो होल्डर ने कहा कि किसी के साथ कोई जबरदस्ती नहीं की जा रही है. राशन देते समय लोगों को झंडे के बारे में बताया जा रहा है. कोई अपनी मर्जी से लेना चाहता है तो ले सकता है. डिपो होल्डर ने कहा कि खाद्य आपूर्ति विभाग ने उन्हें ये झंडे बेचने को कहा है.

इससे पहले करनाल जिले के हेमदा गांव से भी ऐसी खबर आ चुकी है. जहां राशन लेने के लिए डिपो होल्डर के पास जा रहे लोगों को पहले 20 रुपये का तिरंगा झंडा दिया जा रहा था. उसके बाद ही उन्हें राशन मिल रहा था. इस मामले में जब करनाल जिले के हेमदा गांव में राशन डिपो चला रहे दिनेश कुमार का कहना था कि उसके पास ऊपर से आदेश आया है तिरंगा बेचने का. फूड इंस्पेक्टर ने उसे कहा है कि राशन के साथ झंडा देना जरूरी है. जो झंडा नहीं खरीदेगा उसे राशन नहीं (No tiranga no Ration in Haryana) देना है. दिनेश कुमार के मुताबिक वो तो बस ऊपर के अधिकारियों के आदेश का पालन कर रहा है. विभाग ने पहले ही उनसे झंडे का एडवांस पैसा ले लिया है. हर डिपो बेचने के लिए 168 तिरंगे झंडे दिए गए हैं.

करनाल के बाद कुरुक्षेत्र में डिपो पर तिरंगा नहीं तो राशन नहीं, ग्रामीणों ने किया विरोध

विभाग ने डिपो धारकों से लिया 3200 रुपये- डिपो धारकों द्वारा राशन डिपो पर तिरंगा नहीं तो राशन नहीं का मैसेज रविवार को व्हाट्सएप ग्रुप पर वायरल हुआ. जिसमें डिपो धारक ने लिखा है कि डिपो से जुड़े सभी राशन कार्ड धारक 20 रुपये लेकर डिपो पर झंडा लेने पहुंचे. झंडा न लेने वालों को अगस्त महीने का गेहूं नहीं दिया जाएगा. सूत्रों की मानें तो खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से हर डिपो को 168 झंडे बांटने के लिए दिए गए हैं. ये भी उन्होंने 32 सौ देकर खरीदे हैं. यानि डिपो होल्डर को ये झंडा 19 रुपये में मिला. एक रुपये मुनाफे के साथ वो राशन लेने वालों को बेच रहा है.

डिपो धारक का लाइसेंस निलंबित- हलांकि जब राशन डिपो पर जबरदस्ती तिरंगा बेचने की खबर सामने आई तो करनाल उपायुक्त अनीश यादव ने निसिंग खंड के हेमदा गांव के डिपो धारक दिनेश कुमार का लाइसेंस निलंबित कर दिया. उपायुक्त के मुताबिक जनता की सहूलियत के लिए डिपो होल्डरों को प्रशासन की ओर से 88 हजार 400 झंडे उपलब्ध करवाए गए हैं. कोई भी व्यक्ति इसे स्वेच्छा से 20 देकर खरीद सकता है.

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