कुरुक्षेत्र: कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को देखते हुए सरकार जहां बचाव के लिए तरह तरह के कदम उठा रही है वहीं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी केंद्र और राज्य सरकारों को सख्त हिदायतें जारी की हैं. सॉलिड़ वेस्ट को योजनाबद्ध तरीके से नष्ट करने के लिए जो गाइडलाइन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा दी गई हैं उनको सख्ती से लागू करने के लिए सरकारों को आदेश दिए गए हैं.
वेस्ट को नष्ट करने के लिए सरकार को दी गई विशेष हिदायतें
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन प्रीतम पाल सिंह ने बताया कि सॉलिड़ वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 में म्युनिसिपल बेस्ट, डॉमेस्टिक वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट, कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन वेस्ट और बायोमेडिकल वेस्ट होते हैं. ये पर्यावरण को बहुत प्रभावित करते हैं और इनसे निकलने वाले कीटाणु आज के काल में फैली कोरोना जैसी महामारी को बढ़ावा देते हैं.
इन सभी वेस्ट को नष्ट करने के लिए सरकारों को विशेष हिदायतें दी गई हैं. ये सभी तरह के वेस्ट जलवायु, पानी और पृथ्वी को प्रदूषित करते हैं. इन्हें योजनाबद्ध तरीके से नष्ट करने के लिए पहले ही गाइडलाइन जारी कर दी गई हैं. ये सभी कार्य अप्रैल 2019 में पूरा होने थे. कुछ खामियों के कारण वह पूरा नहीं हो पाए और अब लॉकडाउन लगने के बाद कार्य भी बाधित रहा. अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी कार्यों को धीरे-धीरे पूरा किया जा रहा है.
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राज्य सरकारों को विशेष हिदायतें दी गई हैं कि 2016 में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में जो नियम बनाए गए थे उनको अगर कोई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन या म्युनिसिपल काउंसिल सही तरीके से लागू नहीं करेगा तो उस पर ₹5,00,000 का जुर्माना, बड़े लेवल की म्युनिसिपल कॉरपोरेशन पर जहां 10 लाख की जनसंख्या है वहां ₹ 10,00,000 के जुर्माने का प्रावधान है. प्रीतम पाल ने बताया कि हरियाणा सरकार इस पर सख्ती से काम कर रही है. हाल ही में 9 जिलों की प्रोग्रेस रिपोर्ट अच्छी आई है और सरकार को 1 महीने का और टाइम दिया गया है कि कोई भी नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाए.
हरियाणा, पंजाब में लगाया करोड़ों का जुर्माना
प्रीतम पाल ने बताया कि नदी और नाले को लेकर भी एनजीटी काफी गंभीर है. हाल ही में पंजाब की सतलुज नदी में केमिकल युक्त पानी छोड़ने से काफी जीव जंतु मारे गए थे और हरियाणा में भी नदियों नालों में काफी केमिकल युक्त पानी छोड़ा जा रहा है. उसको लेकर भी एनजीटी काफी सख्त है. पंजाब की सतलुज नदी में केमिकल युक्त पानी छोड़ने वाली शुगर मिल पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना किया गया है. हरियाणा के पानीपत, फरीदाबाद थर्मल पावर स्टेशन जो पानी और वायु को दूषित कर रहे थे उन पर भी कई करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इन सभी को स्वच्छ रखने के लिए एनजीटी द्वारा पानी की टाइम टू टाइम सैंपलिंग की जा रही है.
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