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गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाशोत्सव: कुरुक्षेत्र में धूमधाम से निकाला गया नगर कीर्तन

सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के मौके पर गुरुद्वारा पहली पातशाही से नगर कीर्तन निकाला गया, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया.

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Published : Nov 11, 2019, 8:19 PM IST

Updated : Nov 11, 2019, 8:26 PM IST

कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में पहली पातशाही गुरुद्वारा से सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर नगर कीर्तन निकाला गया. इसमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की फूलों से सजी पालकी थी. नगर कीर्तन की अगुवाई पंज प्यारों ने की. पंज प्यारों के आगे-आगे महिला श्रद्धालु सफाई कर रही थी.

कुरुक्षेत्र में बड़ी धूमधाम से निकाला गया नगर कीर्तन, देखें वीडियो

जहां-जहां से नगर कीर्तन निकल रहा था. वहां-वहां लोग उनके ऊपर फूलों की वर्षा कर रहे थे. नगर कीर्तन में महाराज जी की पालकी को बहुत ही सुंदर ढंग से फूलों से सुशोभित किया गया, जिसमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी विराजमान थे और हजारों श्रद्धालु गुरु के समक्ष शीश झुका रहे थे. नगर कीर्तन गुरुद्वारा पहली पातशाही से होकर शहर में घूमते हुए गुरुद्वारा साहिब ऑफिस पहुंचा.

क्यों खास है गुरुद्वारा पहली पातशाही?
कुरुक्षेत्र जिले के पहली पातशाही गुरुद्वारा में सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी सन् 1515 में पहुंचे थे. एसजीपीसी के मेंबर हरभजन सिंह ने बताया कि यहां नगर कीर्तन का बहुत ही बड़ा महत्व है क्योंकि सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव जी यहां पहुंचे थे और उन्हें उन्हीं की याद में पहली पातशाही गुरुद्वारा बनाया गया है. श्रद्धालुओं के लिए लोगों ने जगह-जगह पर लंगर और प्रसाद के भी बांटा गया.

बता दें कि गुरु नानक देव जी के 550 वें गुरु पर्व के मौके पर हरियाणा के कई हिस्सों में जात-पात और धर्म से ऊपर उठकर मानवाका का संदेश देने के लिए नगर कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, पराली प्रबंधन के लिए किसानों को दिए जाएंगे 1000 रुपए

कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में पहली पातशाही गुरुद्वारा से सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर नगर कीर्तन निकाला गया. इसमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की फूलों से सजी पालकी थी. नगर कीर्तन की अगुवाई पंज प्यारों ने की. पंज प्यारों के आगे-आगे महिला श्रद्धालु सफाई कर रही थी.

कुरुक्षेत्र में बड़ी धूमधाम से निकाला गया नगर कीर्तन, देखें वीडियो

जहां-जहां से नगर कीर्तन निकल रहा था. वहां-वहां लोग उनके ऊपर फूलों की वर्षा कर रहे थे. नगर कीर्तन में महाराज जी की पालकी को बहुत ही सुंदर ढंग से फूलों से सुशोभित किया गया, जिसमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी विराजमान थे और हजारों श्रद्धालु गुरु के समक्ष शीश झुका रहे थे. नगर कीर्तन गुरुद्वारा पहली पातशाही से होकर शहर में घूमते हुए गुरुद्वारा साहिब ऑफिस पहुंचा.

क्यों खास है गुरुद्वारा पहली पातशाही?
कुरुक्षेत्र जिले के पहली पातशाही गुरुद्वारा में सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी सन् 1515 में पहुंचे थे. एसजीपीसी के मेंबर हरभजन सिंह ने बताया कि यहां नगर कीर्तन का बहुत ही बड़ा महत्व है क्योंकि सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव जी यहां पहुंचे थे और उन्हें उन्हीं की याद में पहली पातशाही गुरुद्वारा बनाया गया है. श्रद्धालुओं के लिए लोगों ने जगह-जगह पर लंगर और प्रसाद के भी बांटा गया.

बता दें कि गुरु नानक देव जी के 550 वें गुरु पर्व के मौके पर हरियाणा के कई हिस्सों में जात-पात और धर्म से ऊपर उठकर मानवाका का संदेश देने के लिए नगर कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है.

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Intro:धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में पहली पातशाही गुरुद्वारा से सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव के 550 में जन्म उत्सव पर नगर कीर्तन निकाला गया नगर कीर्तन गुरुद्वारा पहली पातशाही से होकर शहर में घूमते हुए गुरुद्वारा साहिब ऑफिस पहुंचा

कुरुक्षेत्र जिले की पहली पातशाही गुरुद्वारा वह गुरुद्वारा है जहां सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी 1515 में यहां पहुंचे थे और इन्होंने अमावस्या के दिन पर जब आग जलाना हिंदू धर्म में वर्जित होता था तो ब्रह्मसरोवर के तट पर आग लगाकर वहां मास पकाया था और वही सरोवर के तट पर उन्होंने भूखे लोगों को खाना भी खिलाया था आज 550 में गुरु पर्व गुरुद्वारा पहली पातशाही से नगर कीर्तन निकाला गया जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया
एसजीपीसी के मेंबर हरभजन सिंह ने बताया कि यहां नगर कीर्तन का बहुत ही बड़ा महत्व है क्योंकि सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव जी यहां पहुंचे थे और उन्हें उन्हीं की याद में पहली पातशाही गुरुद्वारा बनाया गया है श्रद्धालुओं के लिए लोगों ने जगह जगह पर लंगर और प्रसाद के भी बाटा गया

बाईट:-तेजिंदर सिंह
बाईट:-हरबजन सिंह मेंबर एसजीपीसी



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Last Updated : Nov 11, 2019, 8:26 PM IST
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