कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में नगर परिषद द्वारा कूड़ा उठाने को लेकर लगाए गए नए चार्ज के विरोध में शहर के पार्षद भी उतर आए हैं. थानेसर नगर परिषद कार्यालय के बाहर कूड़ा उठाने पर लगाए शुल्क के विरोध में 10 पार्षद धरने पर बैठे हैं. इन पार्षदों ने इस शुल्क को नाजायज जजिया कर बताते हुए जोरदार प्रदर्शन किया.
पार्षदों को मिला कांग्रेस नेता अशोक अरोड़ा का साथ
वहीं इन प्रदर्शनकारियों को उस समय और बल मिल गया जब बुधवार को पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक अरोड़ा भी धरने पर बैठे पार्षदों के समर्थन में पहुंचे. अशोक अरोड़ा ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते जहां मानवता के आधार पर लोगों की मदद करनी चाहिए थी वहीं नगर परिषद ने लोगों की जेब पर डाका हाला है. ये जो टैक्स लगाए हैं वह सरासर तानाशाही है.
ये भी पढ़ें- कोविड-19 के चलते महंगा हुआ इलाज, डेंटल क्लीनिक संचालकों ने 20 प्रतिशत तक बढ़ाए दाम
वहीं धरने पर बैठे पार्षद ने कहा कि नौ मार्च को नगर परिषद की हाउस बैठक में विरोध के बाद ये तय हुआ था कि कि ये नया कूड़ा टैक्स नहीं लगाया जाएगा, लेकिन इसे चोर दरवाजे से जनता पर थोप दिया गया. यदि ये टैक्स लगाना ही था तो दोबारा से हाउस की बैठक बुलानी चाहिए थी, लेकिन गुपचुप तरीके से कूड़ा उठाने की एवज में लगाए गए टैक्स की पर्ची काट दी गई, जबकि कोरोना की मार में आर्थिक बदहाली का शिकार हो रहे लोगों को राहत दी जानी चाहिए थी.
पार्षद संदीप ने बताया कि यूजर टैक्स सबकी सहमति से पास होना चाहिए था जो कि नहीं हुआ. नगर परिषद अध्यक्षा उमा सुधा तथा उनके पति विधायक सुभाष सुधा ने टिप्परों द्वारा कूड़ा इकट्ठा करने की एवज में गुपचुप ढंग से कुछ पार्षदों के साथ मीटिंग करके ये टैक्स लगा दिया. बता दें कि, इस टैक्स के विरोध में 27 मई को पार्षदों ने सामूहिक इस्तीफे भी दिए थे लेकिन इसके बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला. जिसके बाद पार्षदों द्वारा ये धरना शुरू किया गया है.
ये भी पढ़ें- दादरी में कोरोना पॉजिटिव मरीज का बाथरूम में पड़ा मिला शव, वायरल वीडियो ने खड़े किए कई सवाल