कुरुक्षेत्र: उपायुक्त मुकुल कुमार ने कुरुक्षेत्र में लंपी वायरस (Lumpy virus in kurukshetra) के प्रकोप के संबंध में कहा कि जिले में गौ-वंश में फैली इस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. सभी पशुओं में अगले 7 दिनों तक शत प्रतिशत वैक्सीनेशन कर लिया जाएगा. इस समय प्रदेश में 8100 डोज उपलब्ध हैं, जिन्हें 2 दिन में उपयोग कर लिया जाएगा. इसके अलावा, आगामी सप्ताह में प्रदेश में 5 लाख डोज और उपलब्ध हो जाएंगी.
डीसी ने कहा कि लंपी वायरस को देखते हुए कुरुक्षेत्र में पशुओं की आवाजाही पर रोक (Ban on animals movement in Kurukshetra) लगा दी गई है. उपायुक्त मुकुल कुमार शनिवार को पशुपालन विभाग के अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे थे. इससे पहले मुख्य सचिव संजीव कौशल ने लम्पी स्किन बीमारी की रोकथाम को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला उपायुक्तों के साथ अहम बैठक की और बीमारी की रोकथाम करने के लिए लगातार सतर्क रहने के आदेश दिए. उपायुक्त ने कहा कि कुरुक्षेत्र जिले में लगभग 2 लाख 40 हजार भैंस व गाय हैं. इसमें से करीब 1 लाख गायों की संख्या है. जिले में पशुपालन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 3200 पशुओं को इस बीमारी के लक्षण पाये गये हैं. इसमें से करीब 2500 पशु रिकवर हो चुके हैं.
इसके अलावा विभाग की तरफ से 22 गायों के सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजें गए हैं. इस समय कुरुक्षेत्र जिले में 8100 डोज उपलब्ध है और शीघ्र ही और डोज सरकार की तरफ से भेजी जा रही है. उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लम्पी स्किन बीमारी की रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन तेजी से किया जाए. लम्पी स्किन बीमारी के कारण भय का माहौल पैदा न होने दें. पशुपालन विभाग आज तुरंत प्रभाव से एडवाइजरी जारी करें और नागरिकों को अवगत कराएं कि लम्पी स्किन बीमारी से संक्रमित गायों का दूध भी इस्तेमाल किया जा सकता है. बशर्ते दूध को हमेशा उबालकर ही इस्तेमाल करें.
उपायुक्त ने कहा कि मरे हुए पशुओं का निस्तारण पशुपालन विभाग द्वारा तय तरीके से ही करें. 8 से 10 फुट का गड्ढा खोद कर ऐसे पशुओं को दबायें. यह अवश्य ध्यान रखें कि किसी भी स्थिति में ऐसे पशुओं के शव को खुले में न छोड़ें. उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि इस समय किसी भी पशु की मृत्यु होती है तो एहतियातन ऐसे पशुओं के शवों का निस्तारण भी इसी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाए. सभी गौशालाओं और गांवों में मक्खियों व मच्छरों के नियंत्रण के लिए फॉगिंग की जाए. ये भी लम्पी स्किन बीमारी को फैलाने में कारण बन रहे हैं. इसके साथ ही, गौशाओं में सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए.
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि संबंधित जिलों में ग्वालों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने वाली गायों की आवाजाही पर रोक लगाई जाए. अंतर्राज्यीय और अंतर जिला आवाजाही पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए. इसके अलावा, पशु मेला के आयोजन और पशुओं की बिक्री इत्यादि पर भी पूरी तरह से रोक लगाने का आदेश दिया गया. उन्होंने निर्देश दिए कि जो पशु संक्रमित हो चुके हैं, उन्हें किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए अतिरिक्त स्थान का चयन जल्द किया जाए ताकि स्वस्थ पशुओं में इस बीमारी का प्रभाव न पड़े.