करनाल: जिले में कई गांवों में बाढ़ लाने वाली यमुना नदी का जल स्तर अभी सामान्य है. यमुना के जलस्तर में विशेष वृद्धि नहीं दिखाई दे रही है. हालांकि दो-तीन दिन हुई बरसात के कारण जलस्तर थोड़ा-थोड़ा बढ़ा जरूर है लेकिन इससे फिलहाल खतरा नहीं है. ईटीवी भारत की टीम ने करनाल स्थित नहर और नदियों के साथ सटे हुए ग्रामीण इलाकों का दौरा कर मौके जा जायजा लिया.
घरौंडा हलके के गांव डाकवाला, मुस्तफाबाद, नलीपार और इंद्री हलके के गांव शेरगढ़ टापू, नबीयाबाद के साथ लगते कई गांव बाढ़ प्रभावित इलाके रहते हैं. गांव डाकवाला में पिछले साल यमुना का पानी खेतों और गांव में घुस गया था. जिस कारण से किसानों की जीरी और सब्जियों की खेती को काफी नुकसान पहुंचा था.
गांव डाकवाला के ग्रामीण ओमपाल और नदी पार गांव के हरबंस ने बताया कि विगत सालों में इन दिनों काफी बरसात हुई थी. यमुना का जलस्तर काफी ज्यादा होने के चलते यमुना का पानी खेतों और गांव मे घुस गया था. जिस कारण से किसानों की जीरी और सब्जियों की खेती को काफी नुकसान पहुंचा था.
प्रशासन ने बनाए स्टड
उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा बरसात से पहले हर साल यमुना नदी के आसपास तटों के कटाव को रोकने के लिए स्टड बनाए जाते हैं जो पानी को भी रोकते हैं. इस बार कुछ नए स्टड बनाए गए हैं. उन्होंने बताया कि इस बार बरसात अभी कम होने के चलते यमुना में पानी का स्तर सामान्य है. उन्होंने बताया कि कई बार पीछे से पानी छोड़े जाने के कारण यहां भी यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर आ जाता है जिसके कारण पानी ग्रामीण इलाकों में घुसता है और किसान की खेती और गांव में काफी नुकसान पहुंचता है.
प्रशासन ने किए पूरी तैयारी के दावे
प्रशासन बरसात से पहले हर साल यमुना नदी के आसपास तटों के कटाव को रोकने के लिए स्टड बनाता है जो पानी को भी रोकते हैं. इस बार कुछ नए स्टड बनाए गए हैं. करनाल जिले के सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता संजय राहड से ईटीवी भारत की टीम ने मुलाकात कर नदी और नहरों की स्थिति के बारे में जानकारी ली. उन्होंने बताया के प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाके रहते हैं उनको लेकर यमुना नदी पर अपनी तैयारियों को पूरा किया हुआ है. हर स्थिति से निपटने के लिए वो तैयार हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक नदी और नहरों के जल स्तर सामान्य हैं.
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