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'रात का रिपोर्टर' ने करनाल का लिया जायजा, देखिए रात में कितना सुरक्षित है शहर - करनाल रात का रिपोर्टर

ईटीवी भारत के 'रात का रिपोर्टर' ने करनाल शहर का जायजा लिया. इस दौरान साफतौर पर देखा गया कि करनाल शहर की सुरक्षा को रात का राम भरोसे होती है, क्योंकि रात को मुख्य चौक चौराहों पर कोई पुलिसकर्मी नहीं दिखा.

karnal night police reality check
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Published : Dec 24, 2020, 2:36 PM IST

करनाल: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के विधानसभा क्षेत्र की सुरक्षा राम भरोसे है. सिटी का क्राइम ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. खासकर की रात के समय में लूटपाट, चोरी की वारदातें बढ़ती जा रही हैं. इसी को देखते हुए ईटीवी भारत के 'रात के रिपोर्टर' ने देर रात तक शहर के मुख्य चौक चौराहों और करनाल सीमा से जुड़ी सड़कों का दौरा कर जायजा लिया.

इस दौरान हमारी टीम को ज्यादातर जगहों पर मौके पर एक भी पुलिसकर्मी नहीं मिला. सबसे पहले हमारी टीम ने करनाल-कैथल रोड पर लगे नाके का जायजा लिया. यहां से कई राज्यों के लिये सड़कें निकलती हैं. खासकर की पंजाब से सामान को यहां से लाने ले जाने के काम होता है. इतना मुख्य इलाका होने के बावजूद भी रात को हमें यहां एक भी पुलिसकर्मी नहीं मिला.

'रात का रिपोर्टर' ने करनाल का लिया जायजा, देखिए रात में कितना सुरक्षित है शहर

वहीं इसके बाद हमारी टीम वाल्मीकि चौक पर पहुंची, और वहां का नजारा भी चौंकाने वाला था. यहां दूर-दूर तक एक भी पुलिसकर्मा नजन नहीं आया. वाल्मीकि चौक के बाद हमारी टीम पहुंची अंबेडकर चौक पर, और वहां भी नजारा वाल्मीकि चौक जैसा ही था. यहां भी पुलिसकर्मी नहीं दिखा.

ये भी पढ़ें- करनाल: भारी मात्रा में डोडा पोस्त सहित दो आरोपी गिरफ्तार

इस बीच हमारी टीम ने रात के समय सड़कों पर दिखे लोगों से बात की और जाना की अक्सर स्थिति कैसी रहती है. स्थानीय निवासी संजीव ने बताया कि देर रात सबसे पहले तो पुलिसकर्मी ना होने के कारण लोग जमकर यातायात नियम तोड़ते हैं. साथ ही चोरी और लूटपाट का डर भी रहता है, खासकर नौकरीपेशा लोगों को.

karnal night police reality check
करनाल-कैथल रोड.

करनाल के मुख्य चौक चौराहों की इन तस्वीरों से हमने करनाल के एसपी गंगाराम पूनिया को भी अवगत कराया. जिन्होंने कहा कि आप के माध्यम से जो जानकारी मिली है और जो संदिग्ध मार्गों पर कोई कमी दिखी है वहां पर पुलिस की पेट्रोलिंग को बढ़ाया जाएगा. क्राइम की वारदातों को रोकने के लिए जिला पुलिस द्वारा समय-समय पर नाइट डोमिनेशन भी चलाया जाता है, और पुलिस पूरी तरह से सतर्क है.

karnal night police reality check
परशुराम चौक.

बहरहाल जैसा नजारा करनाल में रात के समय देखा गया उससे इस बात को तो झुठलाया नहीं जा सकता कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के विधानसभा क्षेत्र में लोग सुरक्षित नहीं है. ऐसे में पुलिस का रात के समय सीमाओं या मुख्य चौक चौराहों पर ना होना पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान जरूर खड़े करता है.

ये भी पढ़ें- करनाल: ग्रामीण क्षेत्रों में खुलेआम फेंका जा रहा सेप्टिक टैंक का गंदा पानी

करनाल: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के विधानसभा क्षेत्र की सुरक्षा राम भरोसे है. सिटी का क्राइम ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. खासकर की रात के समय में लूटपाट, चोरी की वारदातें बढ़ती जा रही हैं. इसी को देखते हुए ईटीवी भारत के 'रात के रिपोर्टर' ने देर रात तक शहर के मुख्य चौक चौराहों और करनाल सीमा से जुड़ी सड़कों का दौरा कर जायजा लिया.

इस दौरान हमारी टीम को ज्यादातर जगहों पर मौके पर एक भी पुलिसकर्मी नहीं मिला. सबसे पहले हमारी टीम ने करनाल-कैथल रोड पर लगे नाके का जायजा लिया. यहां से कई राज्यों के लिये सड़कें निकलती हैं. खासकर की पंजाब से सामान को यहां से लाने ले जाने के काम होता है. इतना मुख्य इलाका होने के बावजूद भी रात को हमें यहां एक भी पुलिसकर्मी नहीं मिला.

'रात का रिपोर्टर' ने करनाल का लिया जायजा, देखिए रात में कितना सुरक्षित है शहर

वहीं इसके बाद हमारी टीम वाल्मीकि चौक पर पहुंची, और वहां का नजारा भी चौंकाने वाला था. यहां दूर-दूर तक एक भी पुलिसकर्मा नजन नहीं आया. वाल्मीकि चौक के बाद हमारी टीम पहुंची अंबेडकर चौक पर, और वहां भी नजारा वाल्मीकि चौक जैसा ही था. यहां भी पुलिसकर्मी नहीं दिखा.

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इस बीच हमारी टीम ने रात के समय सड़कों पर दिखे लोगों से बात की और जाना की अक्सर स्थिति कैसी रहती है. स्थानीय निवासी संजीव ने बताया कि देर रात सबसे पहले तो पुलिसकर्मी ना होने के कारण लोग जमकर यातायात नियम तोड़ते हैं. साथ ही चोरी और लूटपाट का डर भी रहता है, खासकर नौकरीपेशा लोगों को.

karnal night police reality check
करनाल-कैथल रोड.

करनाल के मुख्य चौक चौराहों की इन तस्वीरों से हमने करनाल के एसपी गंगाराम पूनिया को भी अवगत कराया. जिन्होंने कहा कि आप के माध्यम से जो जानकारी मिली है और जो संदिग्ध मार्गों पर कोई कमी दिखी है वहां पर पुलिस की पेट्रोलिंग को बढ़ाया जाएगा. क्राइम की वारदातों को रोकने के लिए जिला पुलिस द्वारा समय-समय पर नाइट डोमिनेशन भी चलाया जाता है, और पुलिस पूरी तरह से सतर्क है.

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परशुराम चौक.

बहरहाल जैसा नजारा करनाल में रात के समय देखा गया उससे इस बात को तो झुठलाया नहीं जा सकता कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के विधानसभा क्षेत्र में लोग सुरक्षित नहीं है. ऐसे में पुलिस का रात के समय सीमाओं या मुख्य चौक चौराहों पर ना होना पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान जरूर खड़े करता है.

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