करनाल: हरियाणा में विधानसभा चुनाव का शोर थम गया. सरकार का गठन भी हो गया, लेकिन किसान की सुध लेने वाला प्रदेश में कोई नहीं है. पिछले करीब 9 दिन से करनाल की इंद्री मंडी में धान की खरीब बंद पड़ी है. धान न उठने से मंडी में जाम की स्थिति बनी हुई है.
मंडी में नहीं हो रही धान की खरीद
इतने लंबे समय से किसान मंडी में धान लेकर पड़े हैं लेकिन प्रशासन का कोई ध्यान किसानों की ओर नहीं है. खरीद न होने से किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं. दिन में तेज धूप और रात में ठंड होती है. किसान खुले में पड़े हैं लेकिन अपने आलीशान बंगलों में रह रहे अधिकारियों कों नतो ये ठंड रास आ रही है और ना ही इन किसानों का दर्द. इस अन्न दाता का दर्द बांटने वाला भी कोई नहीं है.
कुंभकरणीय नींद में सोया प्रशासन
धान की खरीद को लेकर किसान कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन धान की खरीद शुरू नहीं की गई है. अन्नदाता परेशान है वहीं प्रशासन कुंभकरणी नींद सोया हुआ है. वहीं हाल में हुए चुनाव की वजह से सरकार भी किसानों की तरफ ध्यान नहीं दे पा रही है.
किसानों के पास नहीं खर्चे के पैसे
किसानों का कहना है कि कई दिनों से मंडी में पड़े हैं. धान खरीद करने वाला कोई भी अधिकारी मंडी में नहीं पंहुचा है. जिससे किसानों काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों के पास खर्चे तक के लिए पैसे नहीं हैं. अगर ये ही हालात रहे तो किसान आत्महत्या करने मजबूर हो जाएंगे.
आनंद फरमाता प्रशासन
सरकार का गठन तो हो गया है लेकिन अभी तक मंत्रालय सुनिश्चित न होने की वजह से आम जनता इस बीच पिस रही है. कृषि मंत्रालय का अभी तक कोई पता नहीं है और विधानसभा सत्र से पहले कोई आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं. वहीं प्रशासन भी इस बात पर पूरा आनंद फरमाता नजर आ रहा है.
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पहली कैबिनेट में फैसला
पहली कैबिनेट की बैठक में सीएम मनोहर लाल ने कहा था कि हरियाणा के किसानों के धान का एक-एक धान का दाना खरीदा जाएगा, लेकिन बात देखने वाली ये होगी कि अगर अन्नदाता को यूंही रुला कर धान खरीदा जाएगा तो किस काम का?