करनाल: बुधवार की शाम हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Haryana Gurdwara Management Committee) की बैठक में अहम फैसला लिया गया. इस दौरान जुटे कमेटी के सदस्यों ने कमेटी अध्यक्ष पद पर नियुक्त किए गए जगदीश सिंह झिंडा को हटा दिया. कमेटी ने बकायदा इसका प्रस्ताव पारित किया है. जगदीश झिंडा के स्थान पर सदस्यों ने एक मत होते हुए हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की युवा इकाई के प्रधान अमरेंद्र सिंह अरोड़ा को अब गुरुद्वारा कमेटी की बागडोर सौंप दी है.
अब अमरेंद्र सिंह अरोड़ा हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष (Amarendra Singh Arora New President) होंगे. जल्द ही इसका प्रस्ताव हरियाणा सरकार को भेजा जाएगा. वहां मौजूद सभी सदस्यों ने एकमत होते हुए कहा कि अमरेंद्र सिंह अरोड़ा ने जगदीश सिंह झिंडा को कमान सौंपी थी लेकिन सदस्य झिंडा के नाम पर सहमत नहीं थे. वह पहले भी अमरेंद्र सिंह अरोड़ा को अध्यक्ष बनाना चाहते थे. बड़ी बात यह थी कि हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की 11 कार्यकारिणी सदस्यों में 8 सदस्य मौके पर मौजूद थे. जिन्होंने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए है.
इसके अलावा कमेटी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को एक पत्र भी प्रेषित किया है. इस पत्र में कहा गया है कि हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष रहे बलजीत सिंह दादूवाल को हटा दिया गया था. अब जगदीश सिंह झिंडा को भी इस पद से हटा दिया गया है. इसलिए सदस्यों ने अमरेंद्र सिंह अरोड़ा को अध्यक्ष नियुक्त किया है. इसलिए सरकार अमरेंद्र सिंह अरोड़ा को अध्यक्ष समझकर कार्रवाई करें. हालांकि हरियाणा सरकार को भी पन्द्रह दिन का समय दिया गया था. लेकिन इन पन्द्रह दिनों में जब सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई तो कार्यकारिणी के सदस्यों ने करनाल में बैठक बुलाने का निर्णय लिया.
सदस्यों ने एकमत होते हुए अमरेंद्र सिंह अरोड़ा के नाम पर मोहर लगा दी. अध्यक्ष बनने के बाद अमरेंद्र सिंह अरोड़ा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल का भी धन्यवाद करते हुए कहा कि इस कमेटी के निर्माण में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की भी अहम भूमिका रही है. उन्हें उम्मीद है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल जल्द ही नोटिफिकेशन करेंगे. अमरेंद्र सिंह अरोड़ा ने कमेटी के सभी 33 सदस्यों का धन्यवाद करते हुए कहा कि जो भरोसा उन्होंने उन पर दिखाया है वह उस पर खरा उतरेंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि जगदीश सिंह झिंडा को उन्होंने ही अध्यक्ष बनवाया था, क्योंकि उनकी मंशा और नीयत बिल्कुल साफ थी. वो आज भी हमारे सरपरस्त है. उनकी सेवाओं को देखते हुए उन्हें यह पद सौंपा गया था. लेकिन कमेटी के सदस्य उनके नाम पर राजी नहीं हो रहे थे और उन्होंने उनसे आग्रह किया था कि वह गुरु घरों की सेवा संभाले. कमेटी के सदस्यों के इस आह्वान को वह इंकार नहीं कर पाएं अब वह पूरी शिद्दत और पूरी जिम्मेवारी के साथ हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कार्यो को आगे बढ़ाऐंगे. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि गुरु घरों में होने वाली आमदनी का 60 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च किया जाएगा जबकि 30 प्रतिशत स्वास्थ्य पर खर्चा होगा.