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Lumpy disease in Karnal: लंपी बीमारी के प्रकोप से पशुपालकों की बढ़ी चिंता, जानें लक्षण और बचाव के उपाय - पशुओं में लंपी स्किन बीमारी

करनाल में पशुओं में लंपी डिसीज होने से पशुपालकों की चिंता बढ़ती जा रही (Animal Keeper concern of Lumpy disease) है. वहीं अब तक 15 पशुओं में लंपी डिसीज होने का अनुमान भी जताया जा रहा है. पशु विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए सावधानी बरतने के लिए सभी पशुपालकों को निर्देश दिए हैं.

Lumpy disease in Karnal
करनाल में भी लंपी के प्रकोप से पशुपालकों की बढ़ी चिंता
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Published : Aug 8, 2022, 5:57 PM IST

करनाल: हरियाणा के करनाल में लंपी डिसीज का प्रकोप बना (Lumpy disease outbreak in Karnal) हुआ है. लंपी डिसीज की वजह से पशुपालकों की चिंता भी बढ़ती जा रही है. पशुपालकों को अब अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर भी चिंता सताने में लगी है. वहीं पशुपालन विभाग का कहना है कि पशुपालकों को अपने पशुओं को लेकर सतर्क काफी रहने की (Animal Keeper concern of Lumpy disease) जरूरत है. इसके लिए अब जिले में गांवों और गौशालाओं के लिए पशुपालन विभाग की वेटनरी मोबाइल वैन के साथ खुद पशु पालन विभाग भी अलर्ट मोड पर रहेगा.

लंपी डिसीज की चपेट में 15 पशु: लंपी डिसीज (Lumpy Disease in Haryana) की चपेट में अब तक लगभग 15 पशुओं के आने की आशंका जताई जा रही है. अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि पशुओं में लंपी डिसीज होने से पशुपालकों को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ सकता है. वहीं पशु विशेषज्ञों के मुताबिक इस बीमारी में सावधानी ही सर्वप्रथम उपचार है. हालांकि अभी तक विभाग के पास इसकी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में संवेदनशील स्थिति के चलते जिले के विभिन्न पशु अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों के साथ मीटिग के बाद विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने एडवाइजरी जारी की है.

करनाल में भी लंपी के प्रकोप से पशुपालकों की बढ़ी चिंता

पशुओं में बीमारी फैलना सहज: पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि पशुओं में लंपी स्किन बीमारी (lumpy disease in animals) मक्खी व मच्छरों से फैलती है. ये मक्खी, मच्छर बीमार पशुओं पर बैठने या काटने के बाद स्वस्थ पशु पर बैठकर उसे ग्रसित करते हैं. पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने कहा कि इस बीमारी से पशुओं की मौत भी संभव है. गायों के अलावा हिरण सहित अन्य पशुओं में बीमारी फैलना सहज बात है.

पशुपालक बरतें सावधानियां: डॉ. धर्मेंद्र ने बताया कि बीमार पशु को दूसरे पशुओं से अलग बांधें. उसे नेट या मच्छरदानी में रखें. बीमार पशु को अलग से चारा डालें, उसके पानी का इंतजाम भी अलग से करें. पशुपालक सबसे पहले स्वस्थ पशुओं को चारा डाले बाद में बीमार पशु को डालें. चारा डालने के बाद साबुन से हाथ धोएं. संभव हो तो कपड़े भी बदलें. आशंका होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क कर उचित उपचार दिलवाएं. उन्होंने बताया कि बीमारी से ग्रस्त पशु का दूध पीने में कोई दिक्कत नहीं है, बशर्ते दूध उबाल कर पीएं. डॉ. धर्मेंद्र ने कहा कि समय रहते इसका इलाज कराने पर इस डिसीज पर काबू पाया जा सकता है.

लंपी डिसीज के लक्षण: विशेषज्ञों के मुताबिक लंपी वायरस डिसीज एक प्रकार का त्वचा रोग है. ज्यादातर गोवंश इन दिनों इस बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं. लंपी डिसीज के लक्षण (Symptoms of Lumpy Disease) को लेकर पशु अधिकारी ने बताया कि इस डिसीज से पशुओं के पूरे शरीर पर दाफ्फड़ (चकते) बन जाते हैं और उन्हें बुखार भी रहता है. इस बीमारी से पीड़ित पशु दूध देना कम कर देता है. इसके अलावा पशु खाना भी कम कर देता है. जिससे पशु कमजोर होता जाता है. डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि विभाग के पास गांवों व गोशालाओं के लिए वेटनरी मोबाइल वैन उपलब्ध है. विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ व दवाइयां उपलब्ध है. पशुपालक आपात स्तिथि में विभाग से संपर्क कर सकते हैं. विभाग के सभी कर्मचारियों व चिकित्सकों को सतर्क कर दिया गया है.

करनाल: हरियाणा के करनाल में लंपी डिसीज का प्रकोप बना (Lumpy disease outbreak in Karnal) हुआ है. लंपी डिसीज की वजह से पशुपालकों की चिंता भी बढ़ती जा रही है. पशुपालकों को अब अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर भी चिंता सताने में लगी है. वहीं पशुपालन विभाग का कहना है कि पशुपालकों को अपने पशुओं को लेकर सतर्क काफी रहने की (Animal Keeper concern of Lumpy disease) जरूरत है. इसके लिए अब जिले में गांवों और गौशालाओं के लिए पशुपालन विभाग की वेटनरी मोबाइल वैन के साथ खुद पशु पालन विभाग भी अलर्ट मोड पर रहेगा.

लंपी डिसीज की चपेट में 15 पशु: लंपी डिसीज (Lumpy Disease in Haryana) की चपेट में अब तक लगभग 15 पशुओं के आने की आशंका जताई जा रही है. अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि पशुओं में लंपी डिसीज होने से पशुपालकों को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ सकता है. वहीं पशु विशेषज्ञों के मुताबिक इस बीमारी में सावधानी ही सर्वप्रथम उपचार है. हालांकि अभी तक विभाग के पास इसकी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में संवेदनशील स्थिति के चलते जिले के विभिन्न पशु अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों के साथ मीटिग के बाद विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने एडवाइजरी जारी की है.

करनाल में भी लंपी के प्रकोप से पशुपालकों की बढ़ी चिंता

पशुओं में बीमारी फैलना सहज: पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि पशुओं में लंपी स्किन बीमारी (lumpy disease in animals) मक्खी व मच्छरों से फैलती है. ये मक्खी, मच्छर बीमार पशुओं पर बैठने या काटने के बाद स्वस्थ पशु पर बैठकर उसे ग्रसित करते हैं. पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने कहा कि इस बीमारी से पशुओं की मौत भी संभव है. गायों के अलावा हिरण सहित अन्य पशुओं में बीमारी फैलना सहज बात है.

पशुपालक बरतें सावधानियां: डॉ. धर्मेंद्र ने बताया कि बीमार पशु को दूसरे पशुओं से अलग बांधें. उसे नेट या मच्छरदानी में रखें. बीमार पशु को अलग से चारा डालें, उसके पानी का इंतजाम भी अलग से करें. पशुपालक सबसे पहले स्वस्थ पशुओं को चारा डाले बाद में बीमार पशु को डालें. चारा डालने के बाद साबुन से हाथ धोएं. संभव हो तो कपड़े भी बदलें. आशंका होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क कर उचित उपचार दिलवाएं. उन्होंने बताया कि बीमारी से ग्रस्त पशु का दूध पीने में कोई दिक्कत नहीं है, बशर्ते दूध उबाल कर पीएं. डॉ. धर्मेंद्र ने कहा कि समय रहते इसका इलाज कराने पर इस डिसीज पर काबू पाया जा सकता है.

लंपी डिसीज के लक्षण: विशेषज्ञों के मुताबिक लंपी वायरस डिसीज एक प्रकार का त्वचा रोग है. ज्यादातर गोवंश इन दिनों इस बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं. लंपी डिसीज के लक्षण (Symptoms of Lumpy Disease) को लेकर पशु अधिकारी ने बताया कि इस डिसीज से पशुओं के पूरे शरीर पर दाफ्फड़ (चकते) बन जाते हैं और उन्हें बुखार भी रहता है. इस बीमारी से पीड़ित पशु दूध देना कम कर देता है. इसके अलावा पशु खाना भी कम कर देता है. जिससे पशु कमजोर होता जाता है. डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि विभाग के पास गांवों व गोशालाओं के लिए वेटनरी मोबाइल वैन उपलब्ध है. विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ व दवाइयां उपलब्ध है. पशुपालक आपात स्तिथि में विभाग से संपर्क कर सकते हैं. विभाग के सभी कर्मचारियों व चिकित्सकों को सतर्क कर दिया गया है.

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