करनाल: पर्यावरण संरक्षण के लिए जिला वन विभाग (Forest Department) पौधे लगाकर उनकी सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड (Tree Guard) यानी इनके चारों तरफ लोहे की जालियां लगाता है. लेकिन पौधों के पेड़ बनने के बाद भी इन्हें हटाया नहीं जा रहा है. अब हालात ऐसे हो गए हैं कि कई साल पहले लगाए गए ट्री गार्ड बड़े हो रहे पेड़ों को चीरते हुए उनके अंदर तक घुस गए हैं. वहीं कुछ पेड़ों में ट्री गार्ड की नोकिली तारें खंजर की तरह घुस चुकी हैं. लेकिन फिर भी वन विभाग या नगर निगम इन को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है.
पूरे शहर में ऐसे कई पेड़ हैं जिन्हें ये ट्री गार्ड कसकर जकड़े हुए हैं जिनकी वजह से उनके विकास पर बुरा असर पड़ रहा है. वन विभाग द्वारा ऐसे पेड़ों को नजर अंदाज किए जाने के बाद जिले की लक्ष्य जनहित सोसायटी द्वारा सराहनीय कदम उठाया गया है. इस सोसायटी द्वारा अब तक करनाल में ऐसे 130 पेड़ों को ट्री गार्ड से मुक्त कराया गया है. इन पेड़ों के अंदर तक लोहे की कटीली तारें घुस चुकी थी जिन्हें काट कर बाहर निकाला गया है.
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इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए सोसायटी के पदाधिकारी दिनेश बख्शी और राजेश शर्मा ने बताया कि पौधों पर ट्री गार्ड की जरूरत तब तक है, जब तक इन्हें पशुओं से क्षति पहुंचाने का खतरा रहता है. लेकिन जब ये पौधे पेड़ बन जाते है तो ट्री गार्ड को हटा देना चाहिए. लेकिन वन विभाग की लापरवाही की वजह से बहुत से पेड़ों की हालत दयनीय हो गई है. पेड़ को ट्री गार्ड बुरी तरह से जकड़े हुए है जिसकी वजह से तनो में से तरल पदार्थ का रिसाव होता रहता है और ऐसा लगता है जैसे पेड़ रो रहा हो. उन्होंने0 कहा कि पेड़ पौधों के संरक्षण के लिए सरकार और प्रशासन को अति आवश्यक कदम उठाने होंगे.