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करनाल: साइबर कैफे के लिए सख्त होंगे नियम, आदेशों की अवहेलना पर होगी कार्रवाई - cyber cafe security karnal

करनाल में साइबर कैफे चलाने वाले लागों के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं. जो व्यक्ति इन आदेशों की अवहेलना करेगा, उसे भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दंडित किया जाएगा.

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Published : Mar 15, 2021, 3:43 PM IST

करनाल: जिलाधीश निशांत कुमार यादव ने जिले में शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत असामाजिक तत्वों की गतिविधियों को रोकने के लिए सोमवार को एक आदेश जारी किया है.

आदेश में कहा गया है कि जिले में बड़ी संख्या में साइबर कैफे चल रहे हैं, जहां बहुत से लोग विभिन्न कंप्यूटर सेवाएं (जिनमें ई-मेल सुविधा भी होती है) का प्रयोग करने के लिए जाते हैं. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि ऐसी जगहों पर असामाजिक तत्व, आपराधिक प्रवृति के तथा आतंकवादी भी इन सुविधाओं का प्रयोग करके सुरक्षा व अनवेषण एजेंसियों को मिसगाइड कर देते हैं.

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परिणामस्वरूप आम जनता, अति महत्वपूर्ण व्यक्ति एवं राजकीय संस्थानों की सुरक्षा जोखिम में पड़ जाती है. अत: ऐसी स्थिति में होने वाली बाधाओं को रोकने तथा शांति भंग न होने देने के लिए यह आदेश जारी किए गए हैं और आदेशों में साइबर कैफे मालिकों के लिए कुछ जरूरी निर्देश दिए गए हैं.

साइबर कैफे के मालिक व प्रबंधक किसी भी अनजान व्यक्ति या जिसकी पहचान नहीं हो सकती, उनको साइबर कैफे का प्रयोग नहीं करने देगा. साइबर कैफे पर आने वाले या उसका प्रयोग करने वाले व्यक्तियों की पहचान रखी जाएगी.

साइबर कैफे मालिक को एक रजिस्टर रखना होगा, जिस पर कैफे में आने वाले व्यक्ति द्वारा अपना नाम, पता, टेलीफोन नम्बर व पहचान का प्रमाण स्वंय लिखना होगा. रजिस्टर में प्रतिदिन साइबर कैफे में प्रयोग किए गए कंप्यूटर का समय तथा अवधि भी दर्ज रखनी होगी.

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साइबर कैफे का प्रयोग करने वाले व्यक्ति की पहचान, उसका फोटो, पहचान पत्र, वोटर कार्ड या ड्राईविंग लाईसैंस या पास-पोर्ट या फोटो क्रेडिट कार्ड से करनी ही वैद्य मानी जाएगी और फोटो मिला कर व्यक्ति की पहचान की जाएगी.

सभी साइबर कैफो में मालिकों द्वारा निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे. इनमें लगे वीडियो रिकॉर्डिग यंत्र की गुणवता उच्च स्तर की हो, जिससे किसी व्यक्ति के चेहरे का चित्र जो लिया जाता है, उसकी रिकॉर्डिग वीडियो को चलाकर व्यक्ति की आसानी से व साफ ढंग से पहचान की जा सके.

कम से कम सीसीटीवी निगरानी कैमरे के सिस्टम में पिछले 30 दिनों की रिकॉर्डिंग स्टोर करने की क्षमता हो. सरवर लॉग मेन सर्वर लॉग से जुड़ा हो तथा यह कम से कम छह महीने तक संरक्षित रहे. साइबर कैफे मालिक को यदि किसी व्यक्ति की गतिविधियां संदिग्ध लगे तो वह उसकी सूचना नजदीक के पुलिस स्टेशन, पुलिस चौकी या पुलिस कंट्रोल रूम के टेलीफोन नम्बरों 100, 0184- 2265999 तथा 2268999 पर दी जा सकती है.

ये आदेश आज से लागू होकर आगामी 4 मई, 2021 तक बने रहेंगे. जो व्यक्ति इन आदेशों की अवहेलना करेगा, उसे भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दंडित किया जाएगा.

करनाल: जिलाधीश निशांत कुमार यादव ने जिले में शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत असामाजिक तत्वों की गतिविधियों को रोकने के लिए सोमवार को एक आदेश जारी किया है.

आदेश में कहा गया है कि जिले में बड़ी संख्या में साइबर कैफे चल रहे हैं, जहां बहुत से लोग विभिन्न कंप्यूटर सेवाएं (जिनमें ई-मेल सुविधा भी होती है) का प्रयोग करने के लिए जाते हैं. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि ऐसी जगहों पर असामाजिक तत्व, आपराधिक प्रवृति के तथा आतंकवादी भी इन सुविधाओं का प्रयोग करके सुरक्षा व अनवेषण एजेंसियों को मिसगाइड कर देते हैं.

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परिणामस्वरूप आम जनता, अति महत्वपूर्ण व्यक्ति एवं राजकीय संस्थानों की सुरक्षा जोखिम में पड़ जाती है. अत: ऐसी स्थिति में होने वाली बाधाओं को रोकने तथा शांति भंग न होने देने के लिए यह आदेश जारी किए गए हैं और आदेशों में साइबर कैफे मालिकों के लिए कुछ जरूरी निर्देश दिए गए हैं.

साइबर कैफे के मालिक व प्रबंधक किसी भी अनजान व्यक्ति या जिसकी पहचान नहीं हो सकती, उनको साइबर कैफे का प्रयोग नहीं करने देगा. साइबर कैफे पर आने वाले या उसका प्रयोग करने वाले व्यक्तियों की पहचान रखी जाएगी.

साइबर कैफे मालिक को एक रजिस्टर रखना होगा, जिस पर कैफे में आने वाले व्यक्ति द्वारा अपना नाम, पता, टेलीफोन नम्बर व पहचान का प्रमाण स्वंय लिखना होगा. रजिस्टर में प्रतिदिन साइबर कैफे में प्रयोग किए गए कंप्यूटर का समय तथा अवधि भी दर्ज रखनी होगी.

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साइबर कैफे का प्रयोग करने वाले व्यक्ति की पहचान, उसका फोटो, पहचान पत्र, वोटर कार्ड या ड्राईविंग लाईसैंस या पास-पोर्ट या फोटो क्रेडिट कार्ड से करनी ही वैद्य मानी जाएगी और फोटो मिला कर व्यक्ति की पहचान की जाएगी.

सभी साइबर कैफो में मालिकों द्वारा निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे. इनमें लगे वीडियो रिकॉर्डिग यंत्र की गुणवता उच्च स्तर की हो, जिससे किसी व्यक्ति के चेहरे का चित्र जो लिया जाता है, उसकी रिकॉर्डिग वीडियो को चलाकर व्यक्ति की आसानी से व साफ ढंग से पहचान की जा सके.

कम से कम सीसीटीवी निगरानी कैमरे के सिस्टम में पिछले 30 दिनों की रिकॉर्डिंग स्टोर करने की क्षमता हो. सरवर लॉग मेन सर्वर लॉग से जुड़ा हो तथा यह कम से कम छह महीने तक संरक्षित रहे. साइबर कैफे मालिक को यदि किसी व्यक्ति की गतिविधियां संदिग्ध लगे तो वह उसकी सूचना नजदीक के पुलिस स्टेशन, पुलिस चौकी या पुलिस कंट्रोल रूम के टेलीफोन नम्बरों 100, 0184- 2265999 तथा 2268999 पर दी जा सकती है.

ये आदेश आज से लागू होकर आगामी 4 मई, 2021 तक बने रहेंगे. जो व्यक्ति इन आदेशों की अवहेलना करेगा, उसे भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दंडित किया जाएगा.

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