करनाल: कोरोना की दूसरी लहर के बीच कोविड मरीजों के लिए पर्याप्त आईसीयू बेड व डॉक्टरों की संख्या सुनिश्चित रहे, इसके व्यापक इंतजाम के लिए जिला प्रशासन कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. शहर के कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में आईसीयू बेड की अगले एक-दो दिन में संख्या 50 की जाएगी, लेकिन उसी हिसाब से डॉक्टर और पेरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता बनी रहे, इसे लेकर शुक्रवार को उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष निशांत कुमार यादव ने आईएमए के डॉक्टरों के साथ लघु सचिवालय के सभागार में एक बैठक की.
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उपायुक्त ने कहा कि कोरोना के केसों में वृद्धि को देखते प्राइवेट डॉक्टरों की ओर से सपोर्ट के लिए ये मीटिंग बुलाई गई है, लेकिन प्रशासन चाहता है कि प्राइवेट अस्पतालों का काम भी सुचारू रूप से चलता रहे. उन्होंने कहा कि केसीजीएमसी में वेंटिलेटर व मॉनिटर की कोई कमी नहीं है, कुछ डॉक्टर व पेरामेडिकल स्टाफ की जरूरत है. हर आईसीयू में एक एनस्थिसिया व फिजीशियन का इंतजाम रखना जरूरी है.
इस मीटिंग में डॉक्टरों ने उपायुक्त को कई सुझाव दिए. ऑक्सीजन की रेगुलर सप्लाई और स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की संख्या पर भी बात हुई. ऑक्सीजन की रेगुलर सप्लाई के लिए उपायुक्त ने डॉक्टरों को बताया कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं रहेगी. इसके लिए रूड़की ऑक्सीजन प्लांट के साथ सीधा सम्पर्क व समन्वय स्थापित है. ऑक्सीजन की मांग पर पूरी तवज्जो है.
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इसके बाद उपायुक्त ने केमिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों के साथ एक अन्य मीटिंग की. उपायुक्त ने कहा कि रेमडेसिविर दवा और मास्क की ज्यादा दरें वसूलने को लेकर कुछ शिकायतें मिली हैं, जो नहीं होनी चाहिए. उन्होंने स्पष्ट कहा कि सभी अस्पतालों में उनकी मांग अनुसार रेमडेसिविर की सप्लाई दी जा रही है, फिर भी इसका स्टॉक रखने की मंशा से अस्पतालों में मौजूद अटेंडेंट को बाहर से रेमडेसिविर का प्रबंध करने के लिए ना कहा जाए.