कुरुक्षेत्र: सुप्रीम कोर्ट का फैसला हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के हक में आने के बाद, हरियाणा में सिख समुदाय के प्रधान पद के लिए दो गुट बनते दिखाई दे रहे थे. एक गुट बलजीत सिं दादूवाल का और दूसरा जगदीश झींडा का बताया जा रहा है. बुधवार को कुरुक्षेत्र के छठी पातशाही गुरुद्वारा में दोनों ने अलग-अलग पत्रकार वार्ता भी की थी. जिसके बाद हर कोई ये कयास लगा रहा था कि अब एचएसजीपीसी के अंदर ही प्रधान की लड़ाई छिड़ गई है.
बताया जा रहा है कि दोनों सिख नेता अपने आप को हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का प्रधान प्रचारित कर रहा है. विवाद की इन्हीं खबरों के बीच बुधवार को दोनों सिख नेताओं ने एक साथ बैठक की. छठी पातशाही गुरुद्वारे में एक मंच पर दोनों नेता दिखाई दिये. हरियाणा गुरद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के कार्यकारी प्रधान बलजीत सिंह दादूवाल और जगदीश झींडा ने कहा कि हम दोनों के बीच कोई भी विवाद नहीं है. प्रदेश सरकार डीसी को लेटर जारी करे. सरकार जिसे कहेगी वही गुरुद्वारों की नियमानुसार प्रभार संभाल करेंगे.
दोनों नेताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार से विनती की जाएगी कि जल्द से जल्द नियमानुसार गुरुद्वारों का प्रभार हरियाणा की कमेटी को दिया जाए. हरियाणा से गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के प्रधान बलजीत सिंह दादूवाल और पूर्व प्रधान जगदीश सिंह झींडा दोनों ने एक साथ बैठकर पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया. फिलहाल देखने वाली बात ये है कि कब तक हरियाणा के सभी गुरुद्वारों का प्रबंधन एचएसजीपीसी को दिया जाता है.
बलजीत सिंह दादूवाल ने कहा कि हम सभी ने हरियाणा के सिख समुदाय के लोगों के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी है. जिसका परिणाम यह रहा कि यह लड़ाई एक लंबे समय के बाद हम जीत गए. हरियाणा सरकार पर यह निर्भर करता है कि वह दोबारा चुनाव करवाती है या फिर मौजूदा समय के प्रधान को हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का प्रधान बनाए रखती है. उन्होंने कहा कि हमने हरियाणा के सभी गुरुद्वारों के मैनेजर को बोल दिया है कि एसजीपीसी को अब कोई भी चेक या पैसे इत्यादि ना दें. जिसमें सभी गुरुद्वारों के मैनेजर ने सहमति जताई है और वहां पैसा भेजना बंद कर दिया है. सरकार को दो-तीन दिन के अंदर ही कोई निर्णय लेकर शांतिपूर्ण तरीके से सभी गुरुद्वारों पर हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी को कब्जा दिला देना चाहिए.