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अपराध की जांच के लिए अनिवार्य है एचएसआरपी, प्रशासन नहीं दिखा रहा गंभीरता

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के निर्देश पर, करनाल प्रशासन ने 2012 में एचएसआरपी को लागू करने की प्रक्रिया शुरू की थी. हालांकि, न तो वाहन मालिकों और न ही प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया.

एचएसआरपी
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Published : Mar 22, 2021, 1:30 PM IST

करनाल: करनाल और कैथल जिलों में वाहनों को अनिवार्य उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट (एचएसआरपी) के बिना देखा जा सकता है. जानकारी के अनुसार 1,977 एचएसआरपी करनाल कार्यालयों में पड़े हुए धूल फांक रहे है.

करनाल में 14,282 आवेदन प्राप्त हुए थे, लेकिन अब तक 12,305 एचएसआरपी चिपकाए गए थे. जिले के अधिकारियों ने ऑनलाइन वितरण सुविधा शुरू की है, लेकिन कई लोगों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई है.

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नए वाहनों के लिए खरीद के समय एचआरएसपी को चिपका दिया जा रहा है, लेकिन पुराने लोगों के लिए, मालिकों को एसडीएम या आरटीए कार्यालयों से संपर्क करना चाहिए. सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों और मोटर वाहन अधिनियम -1988 के प्रावधानों के अनुसार, एचआरएसपी और रंग-कोडित स्टिकर नए और पुराने दोनों वाहनों के लिए अनिवार्य हैं.

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के निर्देश पर, करनाल प्रशासन ने 2012 में एचएसआरपी को लागू करने की प्रक्रिया शुरू की थी. हालांकि, न तो वाहन मालिकों और न ही प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया.

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करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि अपराध की जांच के लिए एचएसआरपी अनिवार्य था जल्द इस कार्य को पूर्णतया अमलीजामा पहनाया जाएगा.

करनाल: करनाल और कैथल जिलों में वाहनों को अनिवार्य उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट (एचएसआरपी) के बिना देखा जा सकता है. जानकारी के अनुसार 1,977 एचएसआरपी करनाल कार्यालयों में पड़े हुए धूल फांक रहे है.

करनाल में 14,282 आवेदन प्राप्त हुए थे, लेकिन अब तक 12,305 एचएसआरपी चिपकाए गए थे. जिले के अधिकारियों ने ऑनलाइन वितरण सुविधा शुरू की है, लेकिन कई लोगों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई है.

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नए वाहनों के लिए खरीद के समय एचआरएसपी को चिपका दिया जा रहा है, लेकिन पुराने लोगों के लिए, मालिकों को एसडीएम या आरटीए कार्यालयों से संपर्क करना चाहिए. सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों और मोटर वाहन अधिनियम -1988 के प्रावधानों के अनुसार, एचआरएसपी और रंग-कोडित स्टिकर नए और पुराने दोनों वाहनों के लिए अनिवार्य हैं.

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के निर्देश पर, करनाल प्रशासन ने 2012 में एचएसआरपी को लागू करने की प्रक्रिया शुरू की थी. हालांकि, न तो वाहन मालिकों और न ही प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया.

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करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि अपराध की जांच के लिए एचएसआरपी अनिवार्य था जल्द इस कार्य को पूर्णतया अमलीजामा पहनाया जाएगा.

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