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फॉरेंसिक लैब के सुबूतों से छेड़छाड़ करना नहीं होगा आसान, बार कोड से मिलेगी जानकारी - मधुबन फॉरेंसिक लैब

करनाल मधुबन में सीएम मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा पुलिस कॉम्पलेक्स में बार कोडिंग सिस्टम का उद्घाटन किया. इस तकनीक के जरिए अब फॉरेंसिक लैब के सुबूतों से छेड़छाड़ करना आसान नहीं होगा.

trakea bar coding system haryana
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Published : Dec 10, 2019, 11:39 PM IST

करनाल: फॉरेंसिक लैब में अब सुबूतों के साथ छेड़छाड़ करना नामुकिन होगा, क्योंकि पुलिस ने फॉरेंसिक लैब में आने वाले इन सुबूतों को बार कोड से जोड़ दिया है. इससे उस सुबूत पर संबंधित केस की कोई जानकारी नहीं होगी, बस बार कोड से ही उसकी रिपोर्ट तैयार होगी.

इस प्रणाली का उद्घाटन मंगलवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर ने मधुबन पुलिस एकेडमी में किया. इस दौरान सीएम ने कहा कि मधुबन स्थित एफएसएल प्रयोगशाला में जल्द ही बार कोड सिस्टम शुरू किया जायेगा. जिसमें किसी कर्मचारी की जानकारी के बिना वस्तु का समयबद्ध परीक्षण हो पायेगा ताकि किसी को किसी तरह की शिकायत न रहे.

सीएम मनोहर लाल ने हरियाणा पुलिस कॉम्पलेक्स में बार कोडिंग सिस्टम का उद्घाटन किया.

ये भी पढ़ेंः जानिए महाराजा सूरजमल का असल इतिहास, जिस वजह से पानीपत फिल्म पर मचा है बवाल

सीएम ने बताया कि इसके जरिए अब फॉरेंसिक लैब के सुबूतों से छेड़छाड़ करना आसान नहीं होगा. अब बार कोड से फॉरेंसिक सुबूत ट्रैक होंगे. फॉरेंसिक साइंस लैब को बार कोड से जोड़ने वाली हरियाणा पुलिस देश की पहली पुलिस बन गई है. यह सिस्टम पुलिस की जरूरतों के अनुसार विकसित किया गया है.

गौरतलब है कि पहले मधुबन फॉरेंसिक लैब में जब कोई सुबूत भेजा जाता था तो उसमें एफआईआर की डिटेल, आरोपी की डिटेल, पीड़ित की डिटेल होती थी. ऐसे में पुलिस व आरोपी भी फॉरेंसिक लैब में संपर्क कर सुबूत से छेड़छाड़ करने की आशंका बनी रहती थी लेकिन अब इस पूरी प्रणाली को बार कोड से जोड़ दिया गया है.

ऐसे में थाने से लेकर फॉरेंसिक लैब तक को ये नहीं पता होगा कि इस केस में आरोपी कौन है, केस कौन सा है, जांच अधिकारी कौन है. इस तरह इसमें ज्यादा ट्रांसपेरंसी आएगी और बार कोड के हिसाब से रिपोर्ट बनेगी और संबंधित केस में जुड़ेगी.

ये भी पढ़ेंः सरस्वती नदी के अस्तित्व पर फिर मंडराया खतरा, ठंडे बस्ते में सरस्वती को बचाने की योजना

करनाल: फॉरेंसिक लैब में अब सुबूतों के साथ छेड़छाड़ करना नामुकिन होगा, क्योंकि पुलिस ने फॉरेंसिक लैब में आने वाले इन सुबूतों को बार कोड से जोड़ दिया है. इससे उस सुबूत पर संबंधित केस की कोई जानकारी नहीं होगी, बस बार कोड से ही उसकी रिपोर्ट तैयार होगी.

इस प्रणाली का उद्घाटन मंगलवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर ने मधुबन पुलिस एकेडमी में किया. इस दौरान सीएम ने कहा कि मधुबन स्थित एफएसएल प्रयोगशाला में जल्द ही बार कोड सिस्टम शुरू किया जायेगा. जिसमें किसी कर्मचारी की जानकारी के बिना वस्तु का समयबद्ध परीक्षण हो पायेगा ताकि किसी को किसी तरह की शिकायत न रहे.

सीएम मनोहर लाल ने हरियाणा पुलिस कॉम्पलेक्स में बार कोडिंग सिस्टम का उद्घाटन किया.

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सीएम ने बताया कि इसके जरिए अब फॉरेंसिक लैब के सुबूतों से छेड़छाड़ करना आसान नहीं होगा. अब बार कोड से फॉरेंसिक सुबूत ट्रैक होंगे. फॉरेंसिक साइंस लैब को बार कोड से जोड़ने वाली हरियाणा पुलिस देश की पहली पुलिस बन गई है. यह सिस्टम पुलिस की जरूरतों के अनुसार विकसित किया गया है.

गौरतलब है कि पहले मधुबन फॉरेंसिक लैब में जब कोई सुबूत भेजा जाता था तो उसमें एफआईआर की डिटेल, आरोपी की डिटेल, पीड़ित की डिटेल होती थी. ऐसे में पुलिस व आरोपी भी फॉरेंसिक लैब में संपर्क कर सुबूत से छेड़छाड़ करने की आशंका बनी रहती थी लेकिन अब इस पूरी प्रणाली को बार कोड से जोड़ दिया गया है.

ऐसे में थाने से लेकर फॉरेंसिक लैब तक को ये नहीं पता होगा कि इस केस में आरोपी कौन है, केस कौन सा है, जांच अधिकारी कौन है. इस तरह इसमें ज्यादा ट्रांसपेरंसी आएगी और बार कोड के हिसाब से रिपोर्ट बनेगी और संबंधित केस में जुड़ेगी.

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फॉरेंसिक लैब के सुबूतों से छेड़छाड़ करना नहीं होगा आसान, बार कोड से मिलेगी जानकारी 



करनाल मधुबन में सीएम मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा पुलिस कॉम्पलेक्स में बार कोडिंग सिस्टम का उद्घाटन किया. इस तकनीक के जरिए अब फॉरेंसिक लैब के सुबूतों से छेड़छाड़ करना आसान नहीं होगा.

करनाल: फॉरेंसिक लैब में अब सुबूतों के साथ छेड़छाड़ करना नामुकिन होगा, क्योंकि पुलिस ने फॉरेंसिक लैब में आने वाले इन सुबूतों को बार कोड से जोड़ दिया है. इससे उस सुबूत पर संबंधित केस की कोई जानकारी नहीं होगी, बस बार कोड से ही उसकी रिपोर्ट तैयार होगी. 

इस प्रणाली का उद्घाटन मंगलवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर ने मधुबन पुलिस एकेडमी में किया. इस दौरान सीएम ने कहा कि मधुबन स्थित एफएसएल प्रयोगशाला में जल्द ही बार कोड सिस्टम शुरू किया जायेगा. जिसमें किसी कर्मचारी की जानकारी के बिना वस्तु का समयबद्ध परीक्षण हो पायेगा ताकि किसी को किसी तरह की शिकायत न रहे. 

सीएम ने बताया कि इसके जरिए अब फॉरेंसिक लैब के सुबूतों से छेड़छाड़ करना आसान नहीं होगा. अब बार कोड से फॉरेंसिक सुबूत ट्रैक होंगे. फॉरेंसिक साइंस लैब को बार कोड से जोड़ने वाली हरियाणा पुलिस देश की पहली पुलिस बन गई है. यह सिस्टम पुलिस की जरूरतों के अनुसार विकसित किया गया है.

गौरतलब है कि पहले मधुबन फॉरेंसिक लैब में जब कोई सुबूत भेजा जाता था तो उसमें एफआईआर की डिटेल, आरोपी की डिटेल, पीड़ित की डिटेल होती थी. ऐसे में पुलिस व आरोपी भी फॉरेंसिक लैब में संपर्क कर सुबूत से छेड़छाड़ करने की आशंका बनी रहती थी लेकिन अब इस पूरी प्रणाली को बार कोड से जोड़ दिया गया है. 

ऐसे में थाने से लेकर फॉरेंसिक लैब तक को ये नहीं पता होगा कि इस केस में आरोपी कौन है, केस कौन सा है, जांच अधिकारी कौन है. इस तरह इसमें ज्यादा ट्रांसपेरंसी आएगी और बार कोड के हिसाब से रिपोर्ट बनेगी और संबंधित केस में जुड़ेगी.

 


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