करनाल: शुक्रवार को गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल हरियाणा के कुरुक्षेत्र पहुंचे. इस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से प्राकृतिक खेती के बारे में चर्चा (Gujarat CM Bhupendra Patel in Kurukshetra) की. प्राकृतिक खेती के मॉडल को जन-जन तक पहुंचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा शोध करने और इसके विस्तार को लेकर बातचीत की गई.
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल प्राकृतिक खेती के मॉडल को जानने के लिए कुरुक्षेत्र के गुरुकुल पहुंचे हैं. प्राकृतिक कृषि फॉर्म गुरुकुल (Natural Agriculture Farm Gurukul) का दौरा करके वहां उगाई जा रही प्राकृतिक फसलों का बारीकी से अवलोकन किया गया. गुजरात सीएम ने कहा कि प्राकृतिक खेती वर्तमान समय की जरूरत है. देश और विदेश में इस खेती की तरफ किसानों और उपभोक्ताओं का रुझान बढ़ रहा है. यह खेती न केवल किसानों के लिए लाभदायक है बल्कि इससे पैदा होने वाले कृषि उत्पाद उपभोक्ता के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है.
हरियाणा सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इस खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से गाय खरीदने पर 25 हजार रुपये की राशि बतौर सब्सिडी दी जा रही है. गुजरात के राज्यपाल आचार्य डॉ. देवव्रत ने कहा कि आज खेती में रासायनिक खाद और कीटनाशक का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है. इससे जमीन की उपजाऊ शक्ति कम हो रही है. हमें प्राकृतिक खेती अपनाने की जरूरत है. इससे किसान की लागत भी शून्य हो जाएगी और पानी का संरक्षण होगा. जीरो बजट आधारित प्राकृतिक खेती से पर्यावरण संरक्षण भी होता है. इससे बना भोजन भी शुद्ध होता है. किसान की आय बढ़ती है.
कुरुक्षेत्र के दौरे के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री गीतास्थली ज्योतिसर गुरुकुल (Geetasthali Jyotisar Gurukul) भी गए जहां उन्होंने पूजा अर्चना की. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस स्थल से ही गीता का उपदेश दिया गया था और प्राकृतिक खेती का प्रारंभ भी कुरुक्षेत्र से ही हुआ है. बहुत ही सौभाग्य की बात है और हमें पूरी उम्मीद है कि आने वाले समय में किसान प्राकृतिक खेती के मॉडल को (Promotion of natural farming in Haryana) अपनाएंगे.