करनाल: कोविड-19 को लेकर लगाए गए लॉक डाउन के बाद हुआ मजदूरों का माइग्रेशन जिले में प्रमुख परियोजनाओं के पूरा होने में एक सबसे बड़ी बाधा प्रतीत हो रहा है. केंद्र से नए दिशा निर्देशों के बाद राज्य सरकार ने पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई को चल रही परियोजनाओं पर काम फिर से शुरू करने की अनुमति दी है.
करनाल की कई सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं जिनमें इंद्री रोड, कैथल रोड, असंध रोड और कुंजपुरा रोड शामिल हैं, सेक्टर 13 में सड़कों के रखरखाव का काम पूरा करने के लिए अब मजदूर नहीं मिल रहे. सूत्रों के अनुसार कुछ परियोजनाओं की समय सीमा पहले ही छूट गई है.
ठेकेदारों का कहना है कि आमतौर पर सड़क निर्माण कार्यों के लिए श्रमिक यूपी और बिहार से आते हैं लेकिन लाक डाउन के लागू होने के बाद वह अपने मूल स्थानों पर वापस चले गए हैं जिससे हरियाणा में श्रमिकों की कमी पैदा हो गई है. ठेकेदार गांव में श्रमिकों की तलाश कर रहे हैं लेकिन गेहूं कटाई में पहले से ही ग्रामीण श्रमिकों का कब्जा है.
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वहीं सड़क निर्माण ठेकेदार मोहित कुमार ने बताया कि मुझे सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं पर ले जाने के लिए श्रमिकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. सड़क परियोजना के लिए काम पर रखे गए मजदूर लॉक डाउन के लागू होने के बाद पहले ही अपने स्थानों पर चले गए हैं. मैंने ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर मजदूरों की व्यवस्था की लेकिन वह फसल काटने में व्यस्त हैं.
वहीं कुछ श्रमिक अनाज मंडियों में गेहूं के रखरखाव के लिए व्यस्त हैं जिसके कारण सड़क परियोजनाओं के काम को शुरू करने में भारी दिक्कत आ रही है. पीडब्ल्यूडी एशियन दलेल सिंह दहिया से बातचीत की तो उन्होंने फोन पर ही यह बताया कि विभाग द्वारा ठेकेदारों को श्रमिकों की व्यवस्था करके काम शुरू करने का निर्देश दे दिया गया है.
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