करनाल: जिस स्कूल में मां कुक है और पिता चपरासी उसी स्कूल की छात्रा ने घरौंडा खंड में परचम लहराया है. कैमला गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की छात्रा पल्लवी ने हरियाणा बोर्ड 12वीं के परीक्षा परिणाम में घरौंडा ब्लॉक में प्रथम स्थान हासिल किया है. छात्रा पल्लवी आगे आईएएस बनने का लक्ष्य लेकर पढ़ाई करेगी.
जिले में भी सातवां स्थान किया हासिल
आर्ट संकाय की इस छात्रा ने 96.8 प्रतिशत अंक लेकर जिले के टॉप-10 में भी अपनी जगह बनाई है. जिले में पल्लवी सातवें स्थान पर रही है. वहीं आर्ट स्ट्रीम के टॉपरों में पल्लवी का जिले में पांचवां स्थान है. इतना ही नहीं ग्रामीण आंचल में बसे इस स्कूल का ओवरऑल रिजल्ट भी 100 प्रतिशत रहा है. सरकारी स्कूल के परीक्षा परिणाम से गदगद खंड शिक्षा अधिकारी महाबीर सिंह ने स्कूल में पहुंचकर छात्रा का मुंह मीठा करवाया और बधाई दी. बीईओ ने स्कूल प्रिंसिपल हवा सिंह व स्टाफ सदस्यों की मेहनत और प्रयासों की सराहना की है.
पल्लवी ने 500 में से 484 अंक हासिल किए हैं. पल्लवी ने अंग्रेजी, भूगोल, इतिहास व संस्कृत विषय में 97-97 अंक हासिल किए हैं, जबकि हिंदी में 96 अंक मिले हैं. पल्लवी के अलावा स्कूल की चार छात्राओं ने 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक लिए हैं. जिनमें आर्ट की भारती ने 456, कोमल ने 452, देवी ने 451 और नॉन मेडिकल की नेहा ने 450 अंक हासिल किए हैं. स्कूल के 15 बच्चों ने 80 प्रतिशत, 45 बच्चों ने 75 प्रतिशत व 81 बच्चों ने 60 प्रतिशत या इससे अधिक अंक हासिल किए हैं.
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गरीब परिवार की बेटी ने किया नाम रोशन
छात्रा पल्लवी बताती है कि वह एक गरीब परिवार से है. उसके पिता ग्राम पंचायत में स्वीपर का काम करते हैं और उनकी माता धर्मो देवी उसी के स्कूल में मिड-डे मील कुक हैं. पहले वह प्राइवेट स्कूल में पढ़ती थी, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण सातवीं कक्षा में उसने गांव के इस सरकारी स्कूल में दाखिला ले लिया था. तब से वह यहीं पर पढ़ रही थी. पढ़ाई में अच्छी होने के साथ-साथ उसे अध्यापकों को पूरा मार्गदर्शन मिला.
अध्यापकों ने एक्स्ट्रा क्लास लगाई. उसी का परिणाम है कि उसने आज ब्लॉक में पहला स्थान हासिल किया है और जिले में सातवां स्थान पाया है. पल्लवी बताती है कि उसे घर वालों का पूरा साथ मिला. उसकी मां उसको सुबह पांच बजे उठा देती थी और रात को भी वह देर तक पढ़ाई करती थी. वह आईएएस बनकर देश सेवा करना चाहती है. छात्रा पल्लवी ने ब्लॉक में पहला स्थान हासिल करके यह दिखा दिया है कि प्रतिभा सुविधाओं की मोहताज नहीं होती. इस बच्ची ने अपने माता-पिता, अध्यापकों और स्कूल का नाम रोशन किया है.
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