करनाल: कोरोना वायरस ने धूमधाम से शादी करने की हसरत पर पानी फेर दिया है. बिना घोड़ी और बैंड-बाजा वाली शादी को ही संपन्न कराने की ही अनुमति मिली है. शादियों में और बैंड-बाजा की इजाजत नहीं है. जिस कारण इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के सामने बेरोजगारी का संकट खड़ा हो गया हैं.
शादी में शान व रंग जमाने वाला बैंड बाजा कोरोना की भेंट चढ़ गया है. कोरोना काल में सरकार ने 50 लोगों के साथ शादियों को इजाजत दे दी है. लेकिन शादियों में बैंड ले जाने पर अभी भी मनाही है.
हरियाणा में बैंड-बाजा पार्टी मालिक और कलाकार सरकार व प्रशासन से शादियों में बैंड की इजाजत मांगी हैं. जिले में बैंड-बाजा वाले कारोबारी शादियों में काम कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे थे. लेकिन कोरोना महामारी के कारण सब चौपट हो गया.
उनका कहना हैं कि सरकार द्वारा शादी में 50 लोगों की परमिशन दी गई हैं. बैंड-बाजा वालों को परमिशन नहीं दी गई. जबकि बैंड-बाजा वाले शादी में खुद सोशल डिस्टेंसिंग से खड़े होते हैं और बरात घर में भी नहीं जाते. फिर भी उनको इजाजत नहीं दी गई जिस के कारण उनका कारोबार खत्म हो गया हैं. उनकी मांग हैं कि सरकार उनको परमिशन दे.
बैंड मालिकों ने कहा कि कोरोना के कारण उनका कारोबार बर्बाद हो गया है. वो सरकार से आस लगाए बैठे हैं. उन्होंने कहा कि उनके साथ कई कलाकार जुड़े हैं जो बैंड बजा कर अपना घर चलाते हैं. लेकिन बैंड की परमिशन नहीं होने के कारण वो बेरोजगार हो गए हैं.
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