करनाल: लॉकडाउन 3 रविवार खत्म हो रहा है. लेकिन प्रवासी मजदूरों की परेशानियों का खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. काफी संख्या में प्रवासी मजदूर करनाल के लघु सचिवालय में डीसी दफ्तर पहुंचे और पैदल ही अपने गृह राज्य जाने की इजाजत मांगी.
काफी संख्या में घर जाने की मंजूरी लेने पहुंचे मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण उनका काम बंद हो गया है. वो भूखे रहने को मजबूर हैं और वो घर जाना चाहते हैं. इस दौरान मजदूरों का गुस्सा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निकला. रोते हुए मजदूरों ने सीएम नीतीश कुमार ने मदद की गुहार लगाई है.
बस घर भेज दो साहब!
मजदूरों ने बताया कि वो लोग अधिकारियों से मिले थे और पैदल की घर जाने की इजाजत की मांग की. लेकिन उन्हें इसके लिए परमिशन नहीं मिली. अधिकारियों द्वारा कहा गया कि उनके रहने, खाने-पीने की व्यवस्था यहीं की जाएगी. लेकिन मजदूरों ने कहा अधिकारियों ने सिर्फ आश्वासन दिया है. अब तक उनके लिए रहने और खाने का इंतजाम नहीं किया गया है.
मजदूरों ने बिहार और हरियाणा सरकार से मदद की गुहार लगाई है कि उन्हें घर वापस जाने दिया जाए. उन्होंने कहा कि वो कोरोना से पहले भूख से मर जाएंगे.
आपको बता दें कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन के कारण मजदूरों का काम ठप हो गया है. पैसे नहीं होने के कारण भूखे रहने की नौबत आ गई है. करनाल डीसी दफ्तर पहुंचे मजदूर बिहार के हैं और वो अपने घर वापस जाना चाहते हैं.
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