ETV Bharat / city

जींद में गरजे किसान, पराली जलाने को लेकर हुई गिरफ्तारी का जोरदार विरोध - भारतीय किसान यूनियन प्रदर्शन जींद

धान की पराली जलाने को लेकर किसानों पर एफआईआर दर्ज करने और इन मामलों में किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में जींद में भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया.

farmers protests jind
farmers protests jind
author img

By

Published : Nov 26, 2019, 11:56 PM IST

जींद: सड़कों पर उतरे किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. गोहाना रोड पर एडीसी कार्यालय के सामने बीच सड़क धरना देकर रास्ता जाम कर दिया. बाद में एडीसी सत्येंद्र दूहन को मांगों का ज्ञापन सौंपा और कहा कि दिसंबर के अंत तक किसानों पर धान की पराली जलाने को लेकर दर्ज मामले वापस नहीं लिए गए तो 1 जनवरी से किसान गिरफ्तारी देना शुरू कर देंगे.

'दुष्यंत चौटाला अपना वादा पूरा करें'
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतन मान ने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान दुष्यंत चौटाला ने किसानों के कर्ज माफ करने समेत किसानों से अनेक वायदे किए थे. अब दुष्यंत चौटाला हरियाणा के डिप्टी सीएम हैं और धान की पराली जलाने को लेकर किसानों को गिरफ्तार किया जा रहा है. मगर दुष्यंत चौटाला इसके विरोध में एक शब्द भी नहीं बोल रहे हैं. धान घोटाले पर दुष्यंत चौटाला और पूरी सरकार चुप्पी साधे हुए है. दुष्यंत चौटाला को किसानों की मदद के लिए आगे आना चाहिए.

भारतीय किसान यूनियन ने पराली जलाने को लेकर हुई गिरफ्तारी का जोरदार विरोध किया

जींद से हुई सबसे ज्यादा गिरफ्तारी
भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष रामफल कंडेला ने कहा कि किसानों ने हरियाणा में धान की पराली नहीं के बराबर जलाई है. दिल्ली में प्रदूषण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को नहीं बल्कि सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है.

कहीं किसी किसान ने धान की पराली जलाई भी है तो वह किसान की मजबूरी थी. इसके बावजूद किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है. सबसे ज्यादा गिरफ्तारी जींद जिले में हुई हैं.

ये भी पढ़ें: गीता जयंती महोत्सव में पहुंची टिक-टॉक क्वीन सोनाली फोगाट, प्रोग्राम की तारीफ की

मांगों से पीछे नहीं हटेंगे किसान
कंडेला ने कहा कि प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकारों को आदेश दिए थे कि वह धान की पराली नहीं जलाने वाले किसानों को 100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से सहायता राशि दे.

पंजाब सरकार ढ़ाई हजार रुपए प्रति एकड़ सहायता राशि ऐसे किसानों को दे रही है लेकिन हरियाणा सरकार ने किसानों को कोई सहायता राशि नहीं दी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को भी हरियाणा सरकार नहीं मान रही. अब किसान अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे. मांगों को पूरा करवाकर ही दम लिया जाएगा.

जींद: सड़कों पर उतरे किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. गोहाना रोड पर एडीसी कार्यालय के सामने बीच सड़क धरना देकर रास्ता जाम कर दिया. बाद में एडीसी सत्येंद्र दूहन को मांगों का ज्ञापन सौंपा और कहा कि दिसंबर के अंत तक किसानों पर धान की पराली जलाने को लेकर दर्ज मामले वापस नहीं लिए गए तो 1 जनवरी से किसान गिरफ्तारी देना शुरू कर देंगे.

'दुष्यंत चौटाला अपना वादा पूरा करें'
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतन मान ने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान दुष्यंत चौटाला ने किसानों के कर्ज माफ करने समेत किसानों से अनेक वायदे किए थे. अब दुष्यंत चौटाला हरियाणा के डिप्टी सीएम हैं और धान की पराली जलाने को लेकर किसानों को गिरफ्तार किया जा रहा है. मगर दुष्यंत चौटाला इसके विरोध में एक शब्द भी नहीं बोल रहे हैं. धान घोटाले पर दुष्यंत चौटाला और पूरी सरकार चुप्पी साधे हुए है. दुष्यंत चौटाला को किसानों की मदद के लिए आगे आना चाहिए.

भारतीय किसान यूनियन ने पराली जलाने को लेकर हुई गिरफ्तारी का जोरदार विरोध किया

जींद से हुई सबसे ज्यादा गिरफ्तारी
भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष रामफल कंडेला ने कहा कि किसानों ने हरियाणा में धान की पराली नहीं के बराबर जलाई है. दिल्ली में प्रदूषण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को नहीं बल्कि सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है.

कहीं किसी किसान ने धान की पराली जलाई भी है तो वह किसान की मजबूरी थी. इसके बावजूद किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है. सबसे ज्यादा गिरफ्तारी जींद जिले में हुई हैं.

ये भी पढ़ें: गीता जयंती महोत्सव में पहुंची टिक-टॉक क्वीन सोनाली फोगाट, प्रोग्राम की तारीफ की

मांगों से पीछे नहीं हटेंगे किसान
कंडेला ने कहा कि प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकारों को आदेश दिए थे कि वह धान की पराली नहीं जलाने वाले किसानों को 100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से सहायता राशि दे.

पंजाब सरकार ढ़ाई हजार रुपए प्रति एकड़ सहायता राशि ऐसे किसानों को दे रही है लेकिन हरियाणा सरकार ने किसानों को कोई सहायता राशि नहीं दी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को भी हरियाणा सरकार नहीं मान रही. अब किसान अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे. मांगों को पूरा करवाकर ही दम लिया जाएगा.

Intro:Body:जींद-  धान की पराली जलाने को लेकर किसानों पर एफआईआर दर्ज करने और इन मामलों में किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में जींद में भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। सड़कों पर उतरे किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गोहाना रोड पर एडीसी कार्यालय के सामने बीच सड़क धरना देकर रास्ता जाम कर दिया। बाद में एडीसी सत्येंद्र दूहन को मांगों का ज्ञापन सौंपा और कहा कि दिसंबर के अंत तक किसानों पर धान की पराली जलाने को लेकर दर्ज मामले वापस नहीं लिए गए तो 1 जनवरी से किसान जबरी गिरफ्तारी देना शुरू कर देंगे।



ज्ञापन में कहा गया कि किसानों ने हरियाणा में धान की पराली नहीं के बराबर जलाई है। दिल्ली में प्रदूषण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को नहीं बल्कि सरकारों को जि मेदार ठहराया है। कहीं किसी किसान ने धान की पराली जलाई भी है तो वह किसान की मजबूरी थी। इसके बावजूद किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। सबसे ज्यादा गिरफ्तारी जींद जिले में हुई हैं। भारतीय किसान यूनियन इसका विरोध करती है। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतन मान ने कहा कि किसान के कर्जे माफ नहीं हुए हैं। मंडियों में किसानों को उनकी फसलों का पूरा मूल्य नहीं मिल रहा है। हरियाणा में इस साल सबसे बड़ा धान घोटाला हुआ है। धान घोटाले की जांच होनी चाहिए। मान ने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान दुष्यंत चौटाला ने किसानों के कर्ज माफ करने समेत किसानों से अनेक वायदे किए थे। अब दुष्यंत चौटाला हरियाणा के डिप्टी सीएम हैं और धान की पराली जलाने को लेकर किसानों को गिर तार किया जा रहा है मगर दुष्यंत चौटाला इसके विरोध में एक शब्द भी नहीं बोल रहे हैं। धान घोटाले पर दुष्यंत चौटाला और पूरी सरकार चुप्पी साधे हुए है। दुष्यंत चौटाला को किसानों की मदद के लिए आगे आना चाहिए।


बाइट रत्न सिंह मान , प्रदेशाध्यक्ष , बीकेयू



भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष रामफल कंडेला ने कहा कि प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकारों को आदेश दिए थे कि वह धान की पराली नहीं जलाने वाले किसानों को 100 रूपए प्रति क्विंटल की दर से सहायता राशि दे। पंजाब सरकार अढ़ाई हजार रूपए प्रति एकड़ सहायता राशि ऐसे किसानों को दे रही है लेकिन हरियाणा सरकार ने किसानों को कोई सहायता राशि नहीं दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को भी हरियाणा सरकार नहीं मान रही। अब किसान अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे। मांगों को पूरा करवाकर ही दम लिया जाएगा।


बाइट - रामफल कंडेला, प्रदेश उपाध्यक्ष, बीकेयू


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.