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ईटीवी भारत की खबर का असर, मध्यप्रदेश के मजदूरों को दिलवाया उनकी मेहनत का पैसा - etv bharat news impact in jind

जींद में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. जींद के एसडी शिक्षण संस्थान में भवन निर्माण में लगे मजदूरों को खबर दिखाने के बाद उनके हक का पैसा दिया गया.

Madhya Pradesh laborers got money in jind
चेक लेते मजदूर laborers
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Published : May 19, 2020, 12:18 PM IST

जींद: एसडी शिक्षण संस्थान के मजदूरों को मेहनताना न देने के मामले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. ईटीवी भारत ने मध्यप्रदेश के मजदूरों की खबर को प्रमुखता से उठाया था. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और मजदूरों को उनके हक का पैसा दिया गया.

ईटीवी भारत की खबर का असर

ईटीवी भारत की टीम ने इस मामले को जींद एसपी अश्विन शैणवी के संज्ञान में लाया. उन्होंने इस मामले में डीएसपी धर्मवीर खरब की डयूटी लगाई कि प्रवासी मजदूरों के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होना चाहिए.

ईटीवी भारत की खबर का असर, मध्यप्रदेश के मजदूरों को दिलवाया उनकी मेहनत का पैसा

इस मामले में पुलिस विभाग के एक एएसआई विनोद की डयूटी भी लगाई गई. हमारी टीम से संपर्क कर विनोद शर्मा ने सारी जानकारी ली ओर मजदूरी दिलाने के लिए संस्थान में डेरा डाल दिया और शाम तक मजदूरों को उनका पैसा मिलने के बाद राहत को सांस ली.

Madhya Pradesh laborers got money in jind
मजदूरों का मुद्दा प्रशासन की संज्ञान में लाया गया

मजदूरों को दिए गए चेक

इस दौड़ धूप के बाद आखिरकार संस्था को झुकना पड़ा और एसडी स्कूल के प्राचार्य सुरेंद्र राणा प्रबंधन के निर्देश पर राजकीय कालेज में मजदूरों को चेक वितरित करने पहुंचे. उन्होंने स्वामी को 7100 रुपये, बिंद्राबन को 10 हजार 500, राजेश को 19 हजार 500, बाबूराम को 28 हजार 250 तथा गोबिंद को 8700 रुपये का चेक सौंपा गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मजदूरों की बकाया मजदूरी वे प्रबंधन के आदेश पर देने आए हैं.

जानें पूरा मामला

गौरतलब है कि एसडी शिक्षण संस्थान के नए भवन में पिछले कई महीने से निर्माण कार्य में लगे मध्यप्रदेश निवासी मजदूर परिवारों को बिना मजदूरी दिए निकाल दिया था. ये स्कूल परिसर में ही रह रहे थे. कुछ समाजसेवियों के संज्ञान में उस दिन मामला आया तो प्रशासन को हरकत में लाया गया.

प्रशासनिक डांट के बाद संस्थान के प्रधान लक्ष्मीनारायण बंसल मजदूर परिवारों को ये कह कर वापस ले गए कि अगले दिन सुबह इनका हिसाब चुकता कर वापस भेज दिया जाएगा. पूरे दो दिन तक इन पांच मजदूर परिवारों का हिसाब किताब नहीं किया गया. रविवार सुबह तक लटकाया जाता रहा.

मजदूरों ने आरोप लगाया कि इनसे कुछ कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराने की कोशिश भी की गई. इन गरीब परिवारों को भनक लगी कि सोमवार को सुबह बस जाएगी, जो अंबाला या दिल्ली स्टेशन पर छोड़ेगी, जहां से मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों के लिए ट्रेन जाएगी. ये सूचना पाकर ये गरीब परिवार (5 पुरूष, 5 महिलाएं व दस बच्चेे) दुखी मन से स्कूल से फिर निकल गए.

ईटीवी भारत का धन्यवाद किया

मजदूर बाबूलाल ने बताया कि नागरिक अस्पताल में हमारे स्वास्थ्य की जांच होनी थी और सुबह इन्हें बस में रवाना किया जाना था. मजदूरों गोबिंद और राजू ने बताया कि सुबह 11 बजे प्रधान ने उन्हें ऑफिस में बुलाया था. कुछ कागजों पर हस्ताक्षर कराने चाहे थे, मगर उन्होंने नहीं किए. वे पिछले दो दिन से आश्वासन पर आश्वासन दिए जा रहे थे, मगर मेहनताना नहीं दिया. हम तो ये सोच कर निकल लिए थे बाबूजी इनका भगवान ही कुछ करेगा अब. लेकिन पत्रकार और पुलिस कर्मचारी विनोद शर्मा की मदद से हमें हमारा पैसा मिल गया हम धन्यवाद करते हैं.

ये भी पढ़ें- हालात सामान्य करने की तरफ बढ़ रही सरकार, बसें चलाने के लिए कई राज्यों को लिखा पत्र- सीएम

जींद: एसडी शिक्षण संस्थान के मजदूरों को मेहनताना न देने के मामले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. ईटीवी भारत ने मध्यप्रदेश के मजदूरों की खबर को प्रमुखता से उठाया था. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और मजदूरों को उनके हक का पैसा दिया गया.

ईटीवी भारत की खबर का असर

ईटीवी भारत की टीम ने इस मामले को जींद एसपी अश्विन शैणवी के संज्ञान में लाया. उन्होंने इस मामले में डीएसपी धर्मवीर खरब की डयूटी लगाई कि प्रवासी मजदूरों के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होना चाहिए.

ईटीवी भारत की खबर का असर, मध्यप्रदेश के मजदूरों को दिलवाया उनकी मेहनत का पैसा

इस मामले में पुलिस विभाग के एक एएसआई विनोद की डयूटी भी लगाई गई. हमारी टीम से संपर्क कर विनोद शर्मा ने सारी जानकारी ली ओर मजदूरी दिलाने के लिए संस्थान में डेरा डाल दिया और शाम तक मजदूरों को उनका पैसा मिलने के बाद राहत को सांस ली.

Madhya Pradesh laborers got money in jind
मजदूरों का मुद्दा प्रशासन की संज्ञान में लाया गया

मजदूरों को दिए गए चेक

इस दौड़ धूप के बाद आखिरकार संस्था को झुकना पड़ा और एसडी स्कूल के प्राचार्य सुरेंद्र राणा प्रबंधन के निर्देश पर राजकीय कालेज में मजदूरों को चेक वितरित करने पहुंचे. उन्होंने स्वामी को 7100 रुपये, बिंद्राबन को 10 हजार 500, राजेश को 19 हजार 500, बाबूराम को 28 हजार 250 तथा गोबिंद को 8700 रुपये का चेक सौंपा गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मजदूरों की बकाया मजदूरी वे प्रबंधन के आदेश पर देने आए हैं.

जानें पूरा मामला

गौरतलब है कि एसडी शिक्षण संस्थान के नए भवन में पिछले कई महीने से निर्माण कार्य में लगे मध्यप्रदेश निवासी मजदूर परिवारों को बिना मजदूरी दिए निकाल दिया था. ये स्कूल परिसर में ही रह रहे थे. कुछ समाजसेवियों के संज्ञान में उस दिन मामला आया तो प्रशासन को हरकत में लाया गया.

प्रशासनिक डांट के बाद संस्थान के प्रधान लक्ष्मीनारायण बंसल मजदूर परिवारों को ये कह कर वापस ले गए कि अगले दिन सुबह इनका हिसाब चुकता कर वापस भेज दिया जाएगा. पूरे दो दिन तक इन पांच मजदूर परिवारों का हिसाब किताब नहीं किया गया. रविवार सुबह तक लटकाया जाता रहा.

मजदूरों ने आरोप लगाया कि इनसे कुछ कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराने की कोशिश भी की गई. इन गरीब परिवारों को भनक लगी कि सोमवार को सुबह बस जाएगी, जो अंबाला या दिल्ली स्टेशन पर छोड़ेगी, जहां से मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों के लिए ट्रेन जाएगी. ये सूचना पाकर ये गरीब परिवार (5 पुरूष, 5 महिलाएं व दस बच्चेे) दुखी मन से स्कूल से फिर निकल गए.

ईटीवी भारत का धन्यवाद किया

मजदूर बाबूलाल ने बताया कि नागरिक अस्पताल में हमारे स्वास्थ्य की जांच होनी थी और सुबह इन्हें बस में रवाना किया जाना था. मजदूरों गोबिंद और राजू ने बताया कि सुबह 11 बजे प्रधान ने उन्हें ऑफिस में बुलाया था. कुछ कागजों पर हस्ताक्षर कराने चाहे थे, मगर उन्होंने नहीं किए. वे पिछले दो दिन से आश्वासन पर आश्वासन दिए जा रहे थे, मगर मेहनताना नहीं दिया. हम तो ये सोच कर निकल लिए थे बाबूजी इनका भगवान ही कुछ करेगा अब. लेकिन पत्रकार और पुलिस कर्मचारी विनोद शर्मा की मदद से हमें हमारा पैसा मिल गया हम धन्यवाद करते हैं.

ये भी पढ़ें- हालात सामान्य करने की तरफ बढ़ रही सरकार, बसें चलाने के लिए कई राज्यों को लिखा पत्र- सीएम

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