जींद: एसडी शिक्षण संस्थान के मजदूरों को मेहनताना न देने के मामले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. ईटीवी भारत ने मध्यप्रदेश के मजदूरों की खबर को प्रमुखता से उठाया था. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और मजदूरों को उनके हक का पैसा दिया गया.
ईटीवी भारत की खबर का असर
ईटीवी भारत की टीम ने इस मामले को जींद एसपी अश्विन शैणवी के संज्ञान में लाया. उन्होंने इस मामले में डीएसपी धर्मवीर खरब की डयूटी लगाई कि प्रवासी मजदूरों के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होना चाहिए.
इस मामले में पुलिस विभाग के एक एएसआई विनोद की डयूटी भी लगाई गई. हमारी टीम से संपर्क कर विनोद शर्मा ने सारी जानकारी ली ओर मजदूरी दिलाने के लिए संस्थान में डेरा डाल दिया और शाम तक मजदूरों को उनका पैसा मिलने के बाद राहत को सांस ली.
मजदूरों को दिए गए चेक
इस दौड़ धूप के बाद आखिरकार संस्था को झुकना पड़ा और एसडी स्कूल के प्राचार्य सुरेंद्र राणा प्रबंधन के निर्देश पर राजकीय कालेज में मजदूरों को चेक वितरित करने पहुंचे. उन्होंने स्वामी को 7100 रुपये, बिंद्राबन को 10 हजार 500, राजेश को 19 हजार 500, बाबूराम को 28 हजार 250 तथा गोबिंद को 8700 रुपये का चेक सौंपा गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मजदूरों की बकाया मजदूरी वे प्रबंधन के आदेश पर देने आए हैं.
जानें पूरा मामला
गौरतलब है कि एसडी शिक्षण संस्थान के नए भवन में पिछले कई महीने से निर्माण कार्य में लगे मध्यप्रदेश निवासी मजदूर परिवारों को बिना मजदूरी दिए निकाल दिया था. ये स्कूल परिसर में ही रह रहे थे. कुछ समाजसेवियों के संज्ञान में उस दिन मामला आया तो प्रशासन को हरकत में लाया गया.
प्रशासनिक डांट के बाद संस्थान के प्रधान लक्ष्मीनारायण बंसल मजदूर परिवारों को ये कह कर वापस ले गए कि अगले दिन सुबह इनका हिसाब चुकता कर वापस भेज दिया जाएगा. पूरे दो दिन तक इन पांच मजदूर परिवारों का हिसाब किताब नहीं किया गया. रविवार सुबह तक लटकाया जाता रहा.
मजदूरों ने आरोप लगाया कि इनसे कुछ कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराने की कोशिश भी की गई. इन गरीब परिवारों को भनक लगी कि सोमवार को सुबह बस जाएगी, जो अंबाला या दिल्ली स्टेशन पर छोड़ेगी, जहां से मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों के लिए ट्रेन जाएगी. ये सूचना पाकर ये गरीब परिवार (5 पुरूष, 5 महिलाएं व दस बच्चेे) दुखी मन से स्कूल से फिर निकल गए.
ईटीवी भारत का धन्यवाद किया
मजदूर बाबूलाल ने बताया कि नागरिक अस्पताल में हमारे स्वास्थ्य की जांच होनी थी और सुबह इन्हें बस में रवाना किया जाना था. मजदूरों गोबिंद और राजू ने बताया कि सुबह 11 बजे प्रधान ने उन्हें ऑफिस में बुलाया था. कुछ कागजों पर हस्ताक्षर कराने चाहे थे, मगर उन्होंने नहीं किए. वे पिछले दो दिन से आश्वासन पर आश्वासन दिए जा रहे थे, मगर मेहनताना नहीं दिया. हम तो ये सोच कर निकल लिए थे बाबूजी इनका भगवान ही कुछ करेगा अब. लेकिन पत्रकार और पुलिस कर्मचारी विनोद शर्मा की मदद से हमें हमारा पैसा मिल गया हम धन्यवाद करते हैं.
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