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जींद के सरकारी अस्पताल में नवजात बच्चा बदलने का आरोप, परिजनों ने किया हंगामा

परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने बच्चा बदल दिया है और उन्हें लड़के की बजाय लड़की दी जा रही है. इस पर परिजनों ने परिसर में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

allegations of changing newborn in Jind government hospital
जींद सरकारी अस्पताल में हंगामा करते परिजन
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Published : Dec 12, 2019, 5:17 AM IST

जींद: जिले के सिविल अस्पताल में एक महिला की हुई डिलीवरी के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने बच्चा बदल दिया है और उन्हें लड़के की बजाय लड़की दी जा रही है. इस पर परिजनों ने परिसर में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मौके पर पहुंचे डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला ने परिजनों से बातचीत की और उन्हें समझाया कि बच्चा बदलने वाली कोई बात नहीं हुई है. यदि ऐसी बात हुई है तो मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

जींद के सरकारी अस्पताल में नवजात बच्चा बदलने के आरोप को लेकर हुआ हंगामा, देखें वीडियो

क्या है मामला ?
जींद के रामराये गेट निवासी विकास की पत्नी ममता को डिलीवरी होनी थी. बुधवार की सुबह वो डिलीवरी करवाने के लिए अपनी पत्नी को सिविल अस्पताल ले आया. दोपहर को ममता को दर्द शुरू हो गया. महिला चिकित्सक ने बताया कि डिलीवरी सामान्य रूप से नहीं हो सकती. इसलिए ऑपरेशन करना पड़ेगा. इसके बाद ममता को ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया और ऑपरेशन कर दिया गया.

ऑपरेशन थियेटर से बाहर आए कर्मचारी ने परिजनों से बच्चे के कपड़े मांगे और लड़का होने की जानकारी दी. उसके बाद परिजन अंदर गए तो उन्हें बच्ची सौंप दी. इस पर परिजनों ने कहा कि उन्हें तो लड़का हुआ था, फिर लड़की क्यों दे रहे हो. इस पर महिला चिकित्सक ने कहा कि उन्हें लड़की ही हुई थी.
डीएनए टेस्ट कराने की मांग
परिजनों का कहना है कि डिलीवरी के बाद उन्हें बताया गया था कि उसकी पत्नी को लड़का हुआ है, लेकिन अंदर जाने पर उन्हें लड़की दे दी. जब फार्म देखा तो उस पर मेल लिखा हुआ था और बाद में काटकर फीमेल लिखा गया. इसपर उन्होंने जब एतराज किया तो बोले कि गलती से लिखा गया था. उन्होंने कहा कि लड़का और लड़की में उन्हें कोई दिक्कत नहीं है. इन दोनों का डीएनए टैस्ट करवाओ, यदि दोनों में से किसी का भी डीएनए उनसे मिलता है तो वे उसी को ले लेंगे.

मामले की जांच की जाएगी- अस्पताल प्रशासन

अस्पताल प्रशासन का कहना है कि सिविल अस्पताल में बुधवार को कुल 3 डिलीवरी हुई सबसे पहले डिलीवरी ममता की ही हुई थी. जो कि दोपहर 12 बजकर 55 मिनट पर हुई थी. उसके बाद दूसरी डिलीवरी 1 बजकर 21 मिनट पर हुई थी और उसके परिजनों को बच्चा दे दिया था. फार्म पर कंटींग वाली जो बात है. कई बार नाम या पता गलत लिखा जाता है, उसी को लेकर ही फार्म पर कंटींग हुई होगी. यदि फिर भी परिजन संतुष्ट नहीं है तो कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

ये भी पढ़ें- अधीर रंजन पर भड़के अनिल विज, कहा- 'रेप इन इंडिया' नहीं, 'रेप इन कांग्रेस' कहना चाहिए

जींद: जिले के सिविल अस्पताल में एक महिला की हुई डिलीवरी के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने बच्चा बदल दिया है और उन्हें लड़के की बजाय लड़की दी जा रही है. इस पर परिजनों ने परिसर में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मौके पर पहुंचे डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला ने परिजनों से बातचीत की और उन्हें समझाया कि बच्चा बदलने वाली कोई बात नहीं हुई है. यदि ऐसी बात हुई है तो मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

जींद के सरकारी अस्पताल में नवजात बच्चा बदलने के आरोप को लेकर हुआ हंगामा, देखें वीडियो

क्या है मामला ?
जींद के रामराये गेट निवासी विकास की पत्नी ममता को डिलीवरी होनी थी. बुधवार की सुबह वो डिलीवरी करवाने के लिए अपनी पत्नी को सिविल अस्पताल ले आया. दोपहर को ममता को दर्द शुरू हो गया. महिला चिकित्सक ने बताया कि डिलीवरी सामान्य रूप से नहीं हो सकती. इसलिए ऑपरेशन करना पड़ेगा. इसके बाद ममता को ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया और ऑपरेशन कर दिया गया.

ऑपरेशन थियेटर से बाहर आए कर्मचारी ने परिजनों से बच्चे के कपड़े मांगे और लड़का होने की जानकारी दी. उसके बाद परिजन अंदर गए तो उन्हें बच्ची सौंप दी. इस पर परिजनों ने कहा कि उन्हें तो लड़का हुआ था, फिर लड़की क्यों दे रहे हो. इस पर महिला चिकित्सक ने कहा कि उन्हें लड़की ही हुई थी.
डीएनए टेस्ट कराने की मांग
परिजनों का कहना है कि डिलीवरी के बाद उन्हें बताया गया था कि उसकी पत्नी को लड़का हुआ है, लेकिन अंदर जाने पर उन्हें लड़की दे दी. जब फार्म देखा तो उस पर मेल लिखा हुआ था और बाद में काटकर फीमेल लिखा गया. इसपर उन्होंने जब एतराज किया तो बोले कि गलती से लिखा गया था. उन्होंने कहा कि लड़का और लड़की में उन्हें कोई दिक्कत नहीं है. इन दोनों का डीएनए टैस्ट करवाओ, यदि दोनों में से किसी का भी डीएनए उनसे मिलता है तो वे उसी को ले लेंगे.

मामले की जांच की जाएगी- अस्पताल प्रशासन

अस्पताल प्रशासन का कहना है कि सिविल अस्पताल में बुधवार को कुल 3 डिलीवरी हुई सबसे पहले डिलीवरी ममता की ही हुई थी. जो कि दोपहर 12 बजकर 55 मिनट पर हुई थी. उसके बाद दूसरी डिलीवरी 1 बजकर 21 मिनट पर हुई थी और उसके परिजनों को बच्चा दे दिया था. फार्म पर कंटींग वाली जो बात है. कई बार नाम या पता गलत लिखा जाता है, उसी को लेकर ही फार्म पर कंटींग हुई होगी. यदि फिर भी परिजन संतुष्ट नहीं है तो कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

ये भी पढ़ें- अधीर रंजन पर भड़के अनिल विज, कहा- 'रेप इन इंडिया' नहीं, 'रेप इन कांग्रेस' कहना चाहिए

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जींद के सिविल अस्पताल में एक महिला की हुई डिलीवरी के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया। परिजनों का आरोप था कि अस्पताल प्रशासन ने बच्चा बदल दिया है और उन्हें लड़के की बजाय लड़की दी जा रही है। इस पर परिजनों ने परिसर में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मौके पर पहुंचे डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला ने परिजनों से बातचीत की और उन्हें समझाया कि बच्चा बदलने वाली कोई बात नहीं हुई है। यदि ऐसी बात हुई है तो मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

वी ओ :
जींद के रामराये गेट निवासी विकास की पत्नी ममता को डिलीवरी होनी थी। आज सुबह वह डिलीवरी करवाने के लिए अपनी पत्नी को सिविल अस्पताल ले आया। दोपहर को ममता को दर्द शुरू हो गया। महिला चिकित्सक ने बताया कि डिलीवरी सामान्य रूप से नहीं हो सकती। इसलिए ऑपरेशन करना पड़ेगा। इसके बाद ममता को ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया और ऑपरेशन कर दिया गया। ऑपरेशन थियेटर से बाहर आए कर्मचारी ने परिजनों से बच्चे के कपड़े मांगे और लड़का होने की जानकारी दी। उसके बाद परिजन अंदर गए तो उन्हें बच्ची सौंप दी। इस पर परिजनों ने कहा कि उन्हें तो लड़का हुआ था, फिर लड़की क्यों दे रहे हो। इस पर महिला चिकित्सक ने कहा कि उन्हें लड़की ही हुई थी।
परिजनों का कहना है की डिलीवरी के बाद उन्हें बताया गया था कि उसकी पत्नी को लड़का हुआ है, लेकिन अंदर जाने पर उन्हें लड़की दे दी। जब फार्म देखा तो उस पर मेल लिखा हुआ था और बाद में काटकर फीमेल लिखा गया। इस उन्होंने जब एतराज किया तो बोले कि गलती से लिखा गया था। उन्होंने कहा कि लड़का और लड़की में उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। इन दोनों का डीएनए टैस्ट करवाओ, यदि दोनों में से किसी का भी डीएनए उनसे मिलता है तो वे उसी को ले लेंगे।
बाइट : विकास परिजन

वी ओ :
हस्पताल प्रशासन का कहना है की सिविल अस्पताल में आज कुल 3 डिलीवरी हुई सबसे पहले डिलीवरी ममता की ही हुई थी। जो कि दोपहर 12 बजकर 55 मिनट पर हुई थी। उसके बाद दूसरी डिलीवरी 1 बजकर 21 मिनट पर हुई थी और उसके परिजनों को बच्चा दे दिया था। फार्म पर कंटींग वाली जो बात है। कई बार नाम या पता गलत लिखा जाता है, उसी को लेकर ही फार्म पर कंटींग हुई होगी। यदि फिर भी परिजन संतुष्ट नहीं है तो कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
डॉ. राजेश भोला, डिप्टी एमएस, सिविल अस्पताल जींद।
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