जींद: दिवाली के पर्व पर अंधाधुंध चलाए गए पटाखों के कारण जिला जींद की आबोहवा को काफी हद तक खराब कर दिया है जिससे लोगों को आंखों में जलन महसूस होने लगी हैं और सांस के मरीजों को दिग्गत का सामना करना पड़ रहा है.
जिला अस्पताल में बढ़ी रोगियों की संख्या
जानकारी के मुताबिक जिला मुख्यालय के नागरिक अस्पताल में भी दमा और आंखों की एलर्जी के रोगीयों की संख्या में भी इजाफा हो गया है. जींद में वायु प्रदूषण का स्तर 280 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर के पार पहुंच गया था जो कि सेहत के लिए काफी नुकसानदायक है. दिपावली के पर्व ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में पटाखे चलाने के कारण हवा में प्रदूषण का स्तर एकाएक बढ़ गया है.
डॉक्टर ने दी ऐहतियात बरतने की हिदायत
स्वास्थ विभाग जींद के उप सिविल सर्जन डॉक्टर राजेश भोला ने बताया कि प्रदुषण का स्तर बढ़ने के कारण रोगीयों की संख्या में इजाफा हुआ है.
उन्होंने बताया कि ऐतीहायत के तौर पर जब भी घर से बाहर निकले तो मुहं को ढककर निकले और मास्क का प्रयोग करें. उन्होंने बताया कि सरकार ने किसानों से भी अपील कि गई है कि वें पराली अथवा कोई अवशेष न जलाएं.
ऐसे बच सकते हैं वायु प्रदूषण से
- घर की भीतरी हवा की गुणवत्ता को नियन्त्रित रखें. दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें.
- एयर प्यूरीफायर भी लगा सकते हैं.
- चेहरे को मास्क से ढकें और नियमित रूप से बदलते रहें
- घर के बाहर किए जाने वाले व्यायाम से बचें.
- प्रतिरक्षी क्षमता को मजबूत बनाने के लिए अदरक और तुलसी की चाय पीएं.
- हवा को फिल्टर करने वाले पौधे घर में लगाएं.
- घर में एलो वेरा,पाइन प्लांट (देवदार का पौधा) मनी प्लांट, अरीका पाम, लिली, स्नेक प्लांट (नाग पौधा), और इंग्लिश आइवी लगा सकते हैं.
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